राजेश टंडन को समर्थन देने पर अजमेर के वकीलों का फैसला टला।
राजेश टंडन को समर्थन देने पर अजमेर के वकीलों का फैसला टला।
कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ का समर्थन भी नहीं।
चार महिला आईएएस अफसरों ने दर्ज करवाया है मुकदमा।
एक महिला आईएएस अधिकारी को लेकर सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट डालने के आरोप से घिरे अजमेर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन को समर्थन देने पर 6 फरवरी को वकील समुदाय का कोई निर्णय नहीं हो सका। अब समर्थन देने के मुद्दे पर 7 फरवरी को बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठे दोबारा से होगी। चार महिला आईएएस अधिकारियों द्वारा अलग अलग मुकदमा दर्ज करवाए जाने को लेकर टंडन ने वकील समुदाय से समर्थन मांगा था। टंडन के प्रस्ताव पर छह फरवरी को बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अजय त्रिपाठी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में वकीलों के उस ज्ञापन पर भी विचार विमर्श हुआ, जिसमें टंडन को बार एसोसिएशन का समर्थन नहीं देने की मांग की गई थी। चूंकि बैठक में सर्वसम्मति से कोई निर्णय नहीं हो सका इसलिए समर्थन के निर्णय को सात फरवरी तक टाल दिया गया है। आमतौर पर किसी वकील के मुद्दे पर बार एसोसिएशन एकजुटता दिखाती है। लेकिन टंडन के प्रकरण में वकीलों ने ही समर्थन देने का विरोध किया है, इसलिए मामला पेचीदा हो गया है। हालांकि टंडन का कहना है कि ज्ञापन पर वकीलों के असली हस्ताक्षर नहीं है। कुछ वकीलों ने द्वेषतापूर्ण अन्य वकीलों के हस्ताक्षर करवाकर ज्ञापन बार एसोसिएशन को दिया है। इस ज्ञापन की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। टंडन का कहना है कि अजमेर उनके विरुद्ध प्रशासनिक अधिकारी लामबंद हो सकते हैं तो उन्हें भी अपने समुदाय का समर्थन मिलना चाहिए।
विधि प्रकोष्ठ का भी समर्थन नहीं:
टंडन कांग्रेस के प्रदेश सचिव रह चुके हैं, लेकिन अब कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ का समर्थन भी टंडन को नहीं मिल रहा है। विधि प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष वैभव जैन ने कहा कि चूंकि यह मामला महिलाओं के सम्मान से जुड़ा हुआ है, इसलिए प्रकोष्ठ से जुड़े वकील टंडन को समर्थन नहीं दे सकते हैं। जैन ने कहा कि वैसे भी टंउन ने सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत तौर पर पोस्ट डाली है। टंडन को व्यक्तिगत तौर पर ही कानूनी लड़ाई लडऩी चाहिए। इससे वकील समुदाय का कोई सरोकार नहीं है। जैन ने कहा कि विधि प्रकोष्ठ के समर्थन के लिए टंडन ने आग्रह किया था, लेकिन विचार विमर्श के बाद टंडन को साफ कह दिया गया कि प्रकोष्ठ का समर्थन नहीं मिल सकता।
चार आईएएस ने करवाया है मुकदमा:
विगत दिनों एक महिला आईएएस अधिकारी को लेकर टंडन ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट डाली उसको लेकर चार महिला आईएएस ने अलग अलग थानों पर टंडन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई है। इस एफआईआर में कहा गया है कि टंडन ने महिला अधिकारियों को अपमानित करने का कृत्य किया है। ऐसे में महिला अधिकारियों का काम करना मुश्किल है। महिला अधिकारियों के समर्थन में राजस्थान की आईएएस और आरएएस एसोसिएशन ने भी समर्थन जताया है। दोनों एसोसिएशनों ने मांग की है कि टंडन के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने भरोसा दिलाया है कि कानून के अंतर्गत मामले में अनुसंधान किया जाएगा।
टंडन का इंकार:
वहीं दूसरी ओर आरोपों से घिरे वकील राजेश टंडन का कहना है कि उन्होंने अपनी पोस्ट में किसी भी महिला अधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं किया है। बल्कि उन्होंने तो अश्लील वीडियो को लेकर जागरुकता की थी। उनका प्रयास था कि ऐसा अश्लील वीडियो कोई नहीं देखे और न ही आगे फारवार्ड करे, चूंकि वे कानून के जानकार है, इसलिए लोगों को कानून के प्रति जागरुक कर रहे थे। उनका मकसद किसी भी महिला अधिकारी को अपमानित करने का नहीं है। टंडन ने कहा कि वे मुकदमों का मुकाबला कानून के दायरे में रह कर करेंगे। उल्लेखनीय है कि टंडन पूर्व में कांग्रेस के शासन में अजमेर के लोक अभियोजक भी रह चुके हैं। बजरंगगढ़ स्थित अम्बे माता मंदिर से जुड़े होने की वजह से टंडन धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय है।
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