लोकसभा में राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा तो कांग्रेस के सांसद हाथापाई पर उतरे।

लोकसभा में राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा तो कांग्रेस के सांसद हाथापाई पर उतरे।
सांसदों के ऐसे आचरण से देश के युवा क्या सीख लेंगे?

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7 फरवरी को लोकसभा में जो कुछ भी हुआ उसे लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता। यदि 15-20 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला सांसद लोकसभा में हाथापाई करेगा, तो देश का युवा क्या सीख लेगा? स्कूल की कक्षा में यदि कोई छात्र हाथापाई करता है तो उसे स्कूल से निष्कासित कर दिया जाता है, क्योंकि ऐसे उदंड छात्र को कोई भी रखना नहीं चाहेगा। सवाल उठता है कि 7 फरवरी को कांग्रेस के जिन संासदों ने मंत्री के साथ हाथापाई की कोशिश की क्या उन्हें लोकसभा से निष्कासित किया जाएगा? 7 फरवरी को लोकतंत्र पर कलंक लगने की घटना तब हुई, जब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से माफी मांगने की बात कही। हर्षवर्धन का कहना रहा कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 5 फरवरी को राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डंडे मारने की जो बात कही उस पर राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। कोई सांसद देश के प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। डॉ. हर्षवर्धन जब अपनी बात कह रहे थे, तब केरल से कांग्रेस के सांसद मणिकराम टैगोर अपनी सीट से खड़े हुए और डॉ. हर्षवर्धन तक पहुंच गए। इससे संसद भवन में अफरा-तफरी मच गई। कांग्रेस के अन्य सांसदों को भी डॉ. हर्षवर्धन की ओर आता देख भाजपा के सांसद भी खड़े हो गए। हाथापाई की नौबत को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही को स्थगित कर दिया। गंभीर बात यह है कि घटना के समय स्वयं राहुल गांधी और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी भी उपस्थित थे, लेकिन किसी भी कांग्रेस के सांसदों को नहीं रोका। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी का आरोप है कि राहुल गांधी के इशारे पर ही कांग्रेस के सांसदों ने हाथापाई की कोशिश की है। वहीं राहुल गांधी का कहना रहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड़ के मेडिकल कॉलेज को लेकर सवाल पूछा था। नियमों के तहत डॉ. हर्षवर्धन को मेरे सवाल का जवाब देना चाहिए था, लेकिन वे इधर-उधर की बातें करने लग गए। राहुल गांधी ने कांग्रेस के सांसदों के व्यवहार पर कोई टिप्पणी नहीं की। स्वभाविक है कि जब राहुल गांधी स्वयं प्रधानमंत्री को डंडों से पीटने की बात कह रहे हों, तब अपनी पार्टी के सांसदों की हाथापाई कोई मायने नहीं रखती है। जब नेता ही प्रधानमंत्री को डंडों से पिटवाएंगे तो सांसद तो मंत्री के साथ हाथापाई करेंगे ही। जिन सांसदों ने लोकसभा में हाथापाई की कोशिश की उनका अब कांग्रेस में प्रमोशन भी होगा।
(एस.पी.मित्तल) (07-02-2020)
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