पार्षदों को कथित तौर पर बेईमान कहने वाले भाजपा पार्षद चन्द्रेश सांखला को मेयर गहलोत ने सदन से निष्कासित किया।
मैजेस्टिक मॉल के अतिक्रमण का मामला भी उठा।
अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में हंगामा।
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10 फरवरी को अजमेर नगर निगम की वार्षिक बजट के लिए बुलाई गई साधारण सभा में उस समय हंगामा हो गया, जब भाजपा के पार्षद चन्द्रेश सांखला ने पार्षदों के सम्मान का मामला सदन में उठाया। सांखला ने कहा कि तीज त्यौंहारों की आयोजन समितियों में उन्हें शामिल नहीं किया जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि मैंने मेयर धर्मेन्द्र गहलोत पर आरोप लगाए हैं। सांखला के इस कथन के बाद सदन में हंगामे की स्थिति हो गई। मेयर धर्मेन्द्र गहलोत आसन से उठे और अपनी ही पार्टी के पार्षद सांखला के निष्कासन की घोषणा की। मेयर गहलोत ने बताया कि आज सांखला पार्षदों के सम्मान की बात कर रहे हैं, जबकि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देकर नगर निगम के 98 प्रतिशत पार्षदों को बेईमान कहा है। मेयर गहलोत ने सभी पार्षदों को जानकारी दी कि सांखला ने जो ज्ञापन दिया उसमें आरोप लगाया है कि सफाई ठेकेदार पार्षदों को प्रतिमाह 18 हजार रुपए का भुगतान करता है। मेयर ने कहा कि जब सभी पार्षदों को बेईमान कहा जा रहा है, तब सांखला को नगर निगम के आयोजनों में कैसे शामिल किया जा सकता है। मेयर ने कहा कि सांखला स्वयं को ईमानदार समझते हैं, जबकि उनके वार्ड के सफाई कर्मचारी ने ही सांखला पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं सांखला के खिलाफ जो आपराधिक मुकदमे दर्ज है उनमें पुलिस तलाश कर रही है। मेयर के निष्कासन की घोषणा के बाद पार्षद सांखला चुपचाप सदन से बाहर चले गए। सांखला की पैरवी किसी भी भाजपा पार्षद ने नहीं की। बाहर निकलने के बाद सांखला ने मीडिया से कहा कि नगर निगम के काम काज को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को शिकायत की थी। यह शिकायत जनसुनवाई के दौरान दी गई थी। उन्होंने कहा कि शहर में हो रहे अतिक्रमण और मेयर गहलोत की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए गए थे, चूंकि उन्होंने भ्रष्टाचार उजागर किया, इसलिए उन्हें साधारण सभा में अपमानित किया गया है। लेकिन वे नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
मैजेस्टिक मॉल का मामला भी उठा:
साधारण सभा में पार्षद नीरज जैन ने पड़ाव स्थित मैजेस्टिक मॉल के मालिक द्वारा नगर निगम की भूमि पर अतिक्रमण करने का मामला भी उठाया। जैन ने कहा कि यह जमीन निगम ने न्यू मैजेस्टिक सिनेमा घर के लिए दी थी, जिसमें साइकिल स्टैंड की भूमि का अलग से उल्लेख था, लेकिन मैजेस्टिक मॉल के मालिक ने साइकिल स्टैंड वाली भूमि पर भी अतिक्रमण कर मॉल का निर्माण कर लिया, इससे अब पड़ाव क्षेत्र में यातायात में बाधा आ रही है। इस पर निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने कहा कि यह मामला उनकी नजर में आया है और अब फाइल मंगवा कर कार्यवाही की जाएगी। साइकिल स्टैंड की भूमि पर पार्किंग का स्थान ही निर्धारित होना चाहिए। साधारण सभा में 353 करोड़ 33 लाख रुपए के वार्षिक बजट पर भी मंथन हुआ। पार्षदों ने बजट के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति भी जताई।
(एस.पी.मित्तल) (10-02-2020)
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