चांद दिखने पर ख्वाजा साहब के उर्स की शुरुआत 26 फरवरी से।

चांद दिखने पर ख्वाजा साहब के उर्स की शुरुआत 26 फरवरी से।
भाजपा और कांग्रेस की सरकारों में दरगाह क्षेत्र का विकास नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण।
जायरीन की सहूलियतों में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित दरगाह कमेटी की कोई भूमिका नहीं।
खादिम समुदाय और दरगाह दीवान के बीच अब बेहतर तालमेल।
एसपी मित्तल टॉक शो में ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह की खरी-खरी।

========
20 फरवरी को अजमेर स्थित विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिमों की रजिस्टर्ड संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह से एसपी मित्तल टॉक शो में सीधा संवाद हुआ। 26 फरवरी से शुरू होने वाले ख्वाजा साहब के सालाना उर्स के इंतजामों से लेकर दरगाह क्षेत्र के विकास की उपेक्षा तक के सवालों के जवाब अंगाराशाह ने दो टूक दिए। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष मुस्लिम माह रजब की एक से छह तारीख तक उर्स मनाया जाता है। इस बार चांद दिखने पर रजब माह की शुरुआत अंग्रेजी तारीख 26 फरवरी से होगी। ख्वाजा साहब अपनी कोठरी में इबादत के लिए रजब माह की पहली तारीख को गए थे और 6 तारीख को पता चला कि उन्होंने पर्दा ले लिया है, इसलिए ख्वाजा साहब के उर्स को छह दिनों तक मनाया जाता है। इन छह दिनों में देश विदेश से लाखों जायरीन दरगाह में जियारत के लिए आते हैं। जायरीन को दावत देने में दरगाह के खादिम समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन अंगाराशाह ने इस बात पर अफसोस जताया कि उर्स के इंतजामों के लिए केन्द्र और राजय सरकार की ओर से कोई बजट नहीं दिया जाता। जिला प्रशासन उर्स के इंतजामों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता है। इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या होगी कि दरगाह क्षेत्र में आज भी पचास वर्ष पूर्व बनी पानी की टंकी ही काम आ रही है। अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहा है, लेकिन स्मार्ट सिटी के कार्यों में दरगाह क्षेत्र को शामिल नहीं है। दरगाह क्षेत्र के विाकस पर भाजपा और कांग्रेस की सरकारों का एक जैसा रवैया है। जबकि स्मार्ट सिटी के लिए अजमेर का चयन ख्वाजा साहब की दरगाह और पुष्कर तीर्थ की वजह से ही हुआ है। अंगाराशाह ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी की उर्स के इंतजामों में कोई प्रभावी भूमिका नहीं है। कमेटी के सदस्य तो खुद जायरीन की तरह आते है। उन्होंने मांग की है कि दरगाह कमेटी में खादिम समुदाय को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। अंगाराशाह ने माना कि पूर्व में दरगाह दीवान जैनुल आबेदीन के साथ विवाद की स्थिति थी, लेकिन अब खादिम समुदाय के साथ बेहतर तालमेल हैं। दरगाह में आने वाले जायरीन की अकीदत खादिम समुदाय के प्रति ही होती है। असल में वर्ष भर खादिम समुदाय ही दरगाह में खिदमत और धार्मिक रस्मों को निभाने का काम करता है। अंगाराशाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी अब लोकतांत्रिक व्यवस्था में देश के प्रधानमंत्री है। अंगाराशाह का पूरा इंटरव्यू यू-ट्यूब पर एसपी मित्तल टॉक शो में देखा जा सकता है। दरगाह की धार्मिक रस्मों और खादिम समुदाय से जुड़े अन्य जानकारियां मोबाइल नम्बर 7976662084 पर अंगाराशाह से ली जा सकती है।
(एस.पी.मित्तल) (20-02-2020)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
वाट्सएप ग्रुप से जोडऩे के लिए-95097 07595
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
https://youtu.be/rM3uyCGEzj0
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...