डोनाल्ड ट्रंप के आने और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले दिल्ली के जाफराबाद में भी मुस्लिम महिलाओं का सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना शुरू।
डोनाल्ड ट्रंप के आने और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले दिल्ली के जाफराबाद में भी मुस्लिम महिलाओं का सीएए और एनआरसी के विरोध में धरना शुरू। शाहीन बाग में 71वें दिन भी जारी रहा धरना।
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 25 फरवरी को दिल्ली में उच्चस्तरीय वार्ता करेंगे। 24 फरवरी को दिल्ली के शाहीन बाग के बेमियादी धरने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। लेकिन 23 फरवरी को देश की राजधानी दिल्ली का माहौल अचानक गर्म हो गया है। 23 फरवरी को सीएए और एनआरसी के विरोध में 71वें दिन भी धरना जारी रहा तो सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे मुख्य सड़को को भी जाम कर दिया। शाहीन बाग की महिलाओं की तरह जाफराबाद की महिलाओं का कहना है कि जब तक सरकार सीएए कानून को वापस नहीं लेती तब तक धरने पर बैठी रहेंगी। शाहीन बाग और जाफराबाद का धरना अब इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है कि 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। तो 25 फरवरी को अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग का धरना समाप्त करवाने और प्रदर्शनकारियों से संवाद करने के लिए तीन माध्यस्थ नियुक्त किए थे। तीन बार शाहीन बाग जाने के बाद मध्यस्थों को सफलता नहीं मिली। अभी शाहीन बाग का धरना ही दिल्लीवासियों के लिए मुसीबत बना हुआ था, कि जाफराबाद में भी मुस्लिम महिलाओं का धरना शुरू हो गया। कहा जा रहा है कि दिल्ली के कई स्थानों पर इस तरह के धरने शुरू हो सकते हैं। शाहीन बाग के धरने की वजह से नोएडा को दिल्ली से जोडऩे वाला मार्ग बंद पड़ा है, जिससे करीब दस लाख लोगों को प्रतिदिन परेशानी हो रही है। अब चूंकि जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे का मुख्य मार्ग भी बंद हो गया है, इसलिए दिल्ली के नागरिकों का गुस्सा भी सड़क पर है। शाहीन बाग के साथ साथ जाफराबाद में भी समान्तर धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। ऐसे में लोग दोनों मुख्य मार्गों को खाली करवाने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कारियों का कहना है कि वे सीएए के समर्थन में नहीं बैठे हैं, बल्कि दिल्ली वासियों की समस्या को सरकार के सामने रख रहे हैं। यदि जगह जगह जाम किए गए तो फिर दिल्ली का यातायात कैसे चलेगा? एक तरफ कहा जाता है कि हिन्दू, मुस्लिम सिक्ख ईसाई भाई-भाई लेकिन कुछ लोग इस सद्भावना को तोडऩे में लगे हुए हैं। समान्तर धरना प्रदर्शन शुरू करने वालों का कहना है कि हम भी तब तक नहीं हटेंगे जब तक शाहीन बाग और जाफराबाद के मुख्य मार्ग नहीं खोले जाते। प्रदर्शनकारियों का कहना रहा कि अब हमारा धैर्य समाप्त हो गया है। हम शाहीन बाग में पिछते 70 दिनों से माहौल को बिगड़ते देख रहे है। लेकिन अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। यदि सरकार के किसी कानून पर ऐतराज है तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव के समय सरकार बदलने का अधिकार प्रत्येक मतदाता के पास है। धरना प्रदर्शन से कोई रास्ता निकलने वाला नहीं है। यदि सरकार का विरोध ही करना है तो फिर संसद भवन या फिर अन्य किसी स्थान पर जाकर विरोध करना चाहिए। देश की राजधानी दिल्ली के मुख्य मार्ग बंद कर आम लोगों को परेशान नहीं किया जा सकता।
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