तो कोरोना के सामने धरी रही दुनिया की तरक्की।
इटली ने अपने ही नागरिकों को भारत से वापस बुलाने से इंकार किया। ऐसा सभी देश कर रहे हैं।
भारत में अब तक 28 मरीज। प्रधानमंत्री नहीं जाएंगे होली समारोह में।
समारोहों में हाथ मिलाना और बात करना भी खतरनाक।
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4 मार्च को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में अब तक कोरोना के 28 मरीज चिन्हित किए गए हैं। देश दुनिया में कोरोना की घातक स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार होली के किसी भी समारोह में भाग लेने से इंकार कर दिया है। इटली से जो 16 पर्यटक भारत में घूमने आए थे, उन्हें इटली ने वापस बुलाने से इंकार कर दिया है। ये पर्यटक कोरोना के शिकार हो गए हैं, इसलिए भारत सरकार आईटीबीटी के कैम्प में रखा है। जिस देश का जो नागरिक जहां फंसा हुआ है, वह वहीं पर है। भारत ने भी ईरान से अपने नागरिक बुलाने के बजाए ईरान में ही कोरोना रोग की जांच के लिए लैब स्थापित की है। जो कोरोना रोग चीन के वुहान शहर से उड़ा था, वह अब दुनिया भर में फैल गया है। आतंकवाद की तरह पूरी दुनिया में कोरोना की दहशत है। कितने हजार लोग कोरोना के कारण मरेंगे, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। हालात इतने खराब हैं कि किसी समारोह में हाथ मिलाना या बात करना भी खतरनाक हो गया है। कोरोना की दशहत को देखते हुए आयोजक अपने सामरोह भी रद्द कर रहे हैं। कोई नहीं चाहता कि हाथ मिलाने भर से वह मौत को गले लगा ले। होली का पर्व तो भारत में मेल मिलाप और भाई चारे का पर्व माना जाता है, लेकिन कोरोना की दहशत से इस बार होली का पर्व भी प्रभावित हो रहा है। कहा तो जाता है कि दुनिया ने बहुत तरक्की की है। देश दुनिया के वैज्ञानिक चांद पर जीवन खोज रहे हैं। हर स्तर पर प्रकृति को चुनौती दी जा रही है। पहले पेड़ काट कर और नदियां सूखा कर धरती का तापमान बढ़ाया फिर कमरों में जानलेवा एसपी लगातार कर प्रकृति को चुनौती दी। मनुष्य जब प्रकृति को चुनौती देखा तो कोरोना जैसा वायरस ही जन्म लेगा। माना कि विज्ञान ने शिशु मृत्यु दर कम कर दी है, लेकिन कोरोना वायरस तो नवजात बच्चे की भी जान ले रहा है। इटली से जो पर्यटक दल घूमने आया, उसका एक सदस्य कोरोना का शिकार हुआ था, लेकिन इस एक सदस्य ने सभी सदस्यों में कोरोना का वायरस घुसेड़ दिया। देश और दुनिया की ऐसी तरक्की क्या काम की जो हाथ मिलाने बात करने पर भी बंदिश लगा दे? अच्छा हो कि चीन जैसे ताकतवर देश घातक हथियार बनाना छोड़ दें और देश दुनिया में लोगों को प्रकृति से प्रेम करना सिखाया जाए। भारत की सनातन संस्कृति ही एक संस्कृति है जो हमें पर्यावरण बचाने और प्रकृति प्रेम करने की सीख देती है।
(एस.पी.मित्तल) (04-03-2020)
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