राजस्थान में कोरोना से पहली मौत।
राजस्थान में कोरोना से पहली मौत।
पॉजिटिव केस का आंकड़ा 40 के पार
अजमेर में सामान्य स्थिति, लेकिन चिकित्सा विभाग सतर्क।
निजी अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड तैयार करवाए।
देवनानी ने बाटे सेनेटाइजर और मास्क।
अजमेर में दूसरे दिन भी नहीं बटे अखबार।
26 मार्च को राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से भीलवाड़ा में पहली मौत हो गई है। वहीं जयपुर और झुंझुनूं में एक-एक पॉजिटिव केस चिन्हित किया गया है। 26 मार्च को पॉजिटिव केस की संख्या 40 के पार हो गई है। इससे सरकार की चिंताए और बढ़ गई है। भीलवाड़ा स्थित एमजी अस्पताल के उपनियंत्रक डॉक्टर देवकिशन सरगेरा ने बताया कि नारायण सिंह सोलंकी नाम व्यक्ति पहले किडनी का मरीज था जो कुछ दिनों से कौमा में था। 25 मार्च को उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन 26 मार्च की सुबह सोलंकी की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एमजी अस्पताल में अभी 18 कोरोना पॉजिटिव मरीज इलाजरत हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा के निजी बांगड़ अस्पताल में हुई लापरवाही की वजह से कोरोना पॉजिटिव की संख्या प्रदेश भर में बढ़ी है। कोरोना पॉजिटिव डॉक्टरों के द्वारा मरीजों का इलाज कर दिए जाने से प्रदेश के हालात बिगड़े हैं। हालांकि सरकार ने अभी तक भी अस्पताल के प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है।
अजमेर में सामान्य स्थिति:
चिकित्सा विभाग के सूत्रों के अनुसार अजमेर जिले में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर अभी तक सामान्य स्थिति बनी हुई है। जिले में अभी तक भी कोरोना का कोई पॉजिटिव केस नहीं हुआ है। हालांकि चिकित्सा विभाग ने करीब एक हजार लोगों को होम आईसोलेट कर रखा है, लेकिन इन सबका स्वास्थ्य पूरी तरह सामान्य है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने बताया कि चिकित्सा विभाग पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है। इसके अंतर्गत निजी अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। आवश्यकता होने पर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भी सुरक्षित रखा जाएगा।
देवनानी ने बांटे सेनेटाइजर और मास्क:
अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने 26 मार्च को पुलिस, चिकित्सा, सफाई और अन्य कार्मिकों को मौके पर जाकर सेनेटाइजर और मास्क वितरित किए। देवनानी का कहना रहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर ऐसे कार्मिक अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं। समाज का फर्ज बनता है कि ऐसे कार्मिकों को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए ताकि कार्मिकों की हौंसला अफजाई हो सके।
दूसरे दिन भी नहीं बटे अखबार:
कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर अजमेर में 26 मार्च को लगातार दूसरे दिन भी अखबारों का वितरण नहीं हो सका। भारतीय समाचार उपविक्रेता संघ के अध्यक्ष प्रेम विनायका ने बताया कि करीब ढाई सौ हॉकरों ने एकजुट होकर अखबार नहीं बांटने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक पांच व्यक्ति से ज्यादा सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित नहीं हो सकते हैं, इसलिए हॉकर सवेरे एकत्रित नहीं हो पा रहे हैं। हॉकरों को अपने घरों से वितरण स्थल तक आने जाने में भी परेशानी हो रही है। हालांकि अखबार के प्रबंधकों ने वितरण को लेकर वार्ता की है, जिस पर विचार विमर्श किया जा रहा है। विनायका ने कहा कि यदि अखबार प्रबंधन हॉकरों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए कोई निर्णय लेगा तो वितरण कार्य पर विचार किया जा सकता है।
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