गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष हार्दिक पटेल की जियारत के बाद अजमेर दरगाह में घमासान। पटेल को जियारत करवाने वाले खादिम फैजल नियाजी के विरुद्ध महामारी कानून में मुकदमा दर्ज। हार्दिक पटेल के लिए मैंने जियारत की सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई-आरोपी खादिम। राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानूखान बुधवाली भी जियारत के समय उपस्थित रहे।
गुजरात कांग्रेस के प्रदेशध्यक्ष हार्दिक पटेल ने 22 नवम्बर को अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में धूप धड़ाके के साथ जियारत की। पटेल ने सूफी परंपरा के अनुरूप अपने सिर पर मखमली और फूलों की चादर रखी और मजार शरीफ पर पेश की। जियारत तो सुकून के साथ हो गई, लेकिन अब पटेल की जियारत को लेकर दरगाह में घमसान मचा हुआ है। पुलिस ने हार्दिक पटेल को जियारत करवाने वाले खादिम फैजल नियाजी के विरुद्ध राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का आरोप है कि कोरोना काल में दरगाह में चादर फूल प्रसाद आदि चढ़ाने पर रोक लगी हुई है, लेकिन इसके बाद भी हार्दिक पटेल की जियारत के सामय ऐसी प्रतिबंधति सामग्री का उपयोग हुआ। चूंकि पटेल को खादिम फैजल ने ही जियारत करवाई है, इसलिए मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के पास तो सब सबूत हैं, जिससे पता चलता है कि जियारत के समय कानून का उल्लंघन हुआ। मुकदमा दर्ज होने पर दरगाह के कई खादिमों ने नाराजगी जताई है, वहीं पटेल के खादिम फैजल का कहना है कि जियारत की सामग्री उसने उपलब्ध नहीं करवाई। पटेल के साथ राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानूखान बुधवाली और उनके समर्थक भी मौजूद थे। हो सकता है कि ऐसे ही किसी समर्थक ने चादर, फूल आदि सामग्री उपलब्ध करवाई और फिर सूफी परंपरा के अनुरूप हार्दिक पटेल के सिर पर रख दी हो। लेकिन ऐसी सामग्री उन्होंने उपलब्ध नहीं करवाई। फैजल ने कहा कि हार्दिक पटेल की सुरक्षा में पुलिस वाले भी लगे हुए थे, यदि कानून का उल्लंघन हो रहा था तो उसी समय रोकना चाहिए था। फैजल ने इस बात पर अफसोस जताया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी हार्दिक पटेल की जियारत को लेकर मुकदमा दर्ज हो रहा है। फैजल ने कहा कि इस मामले में हार्दिक पटेल का तो कोई सरोकार ही नहीं है।
पुलिस का बोल्ड कदम:
अजमेर में जब लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है तब पुलिस ने बोल्ड कदम उठाया है। इन दिनों बड़ी संख्या में लोग बाहर से जियारत के लिए आ रहे हैं। यही वजह है कि दरगाह परिसर खचाखच भरा रहता है। हालांकि 22 नवम्बर से अजमेर में भी रात्रिकालीन कर्फ्यू लग गया है। लेकिन दिन में जियारत के लिए भीड़ लगी रहती है। ऐसे में यदि चादर फूल आदि चढ़ाने को बढ़ावा मिलेगा तो संक्रमण के हालात और बिगड़ेंगे। जियारत के लिए प्रभावशाली लोग आते ही रहते हैं। ऐसे में हार्दिक पटेल की जियारत के समय चादर फूल आदि चढ़ाने की अनदेखी नहीं की जा सकतीं है। यदि एक व्यक्ति को छूट दी जाएगी तो फिर अन्य भी ऐसी ही छूट मांगेंगे। राज्य भर में धार्मिक स्थलों पर पूजा सामग्री पर रोक लगी हुई है।
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