तो क्या सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा। जयपुर से अजमेर के सरवाड़ कस्बे तक पायलट और रघु ने एक ही कार में सफर किया। पायलट आगे और रघु पीछे वाली सीट पर बैठे। कांग्रेस विधायक राकेश पारीक के पिता के निधन पर शोक प्रकट करने आए थे दोनों नेता।
वाकई राजनीति में कुछ भी संभव है। 16 दिसम्बर को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जयपुर से अजमेर जिले के सरवाड़ कस्बे तक का सफर एक ही कार में किया। इस सरकारी कार में पायलट आगे वाली सीट पर बैठे तो रघु शर्मा पीछे वाली सीट पर। दोनों नेताओं ने सरवाड़ पहुंच कर कांग्रेस विधायक राकेश पारीक के पिता निधन पर शोक प्रकट किया। हालांकि यह एक सामान्य शिष्टाचार था, लेकिन पायलट और रघु एक साथ कार में सवार होने की वजह से राजनीतिक चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया। कांग्रेस ने सचिन पायलट की स्थिति को कमजोर करने में रघु की भी भूमिका रही है। यही वजह है कि पायलट के समर्थक रघु से बेहद खफा है। इस नाराजगी का अहसास रघु को पंचायतीराज के चुनाव में भी कराया गया। रघु के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी की तीन पंचायत समितियों में से दो में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला। पिछले दिनों अजमेर में हुए कांग्रेस के संभाग स्तरीय सम्मेलन में भी पायलट और रघु के समर्थकों में भिड़ंत हो गई थी। सब जानते हैं कि इन दिनों कांग्रेस संगठन और सरकार में सचिन पायलट की स्थिति कैसी है। ऐसे माहौल में यदि पायलट और रघु 3 घंटे तक एक साथ कार में सफर करते हैं, तो राजनीतिक माहौल गर्म होगा ही। इसलिए यह सवाल उठा है कि क्या अब सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच रघु शर्मा मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे? इन दिनों रघु शर्मा सीएम गहलोत के सबसे विश्वास पात्र मंत्री माने जाते हैं। अधिकांश सरकारी बैठकों में सीएम के साथ रघु भी उपस्थित रहते हैं। पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के बाद भी रघु शर्मा ने जब जयपुर के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया तो मीडिया में रघु शर्मा की जमकर आलोचना हुई। लेकिन तब भी सीएम ने रघु का बचाव किया। रघु की राजनीतिक चतुराई किसी से छिपी नहीं है। प्राप्त जानकारी के 16 दिसम्बर को भी रघु शर्मा ने ही पायलट के समक्ष सरवाड़ कस्बे तक साथ चलने का आग्रह किया था। सरवाड़ कस्बा रघु के केकड़ी निर्वाचन क्षेत्र में ही आता है। चूंकि सचिन पायलट को भी विधायक राकेश पारीक के पिता के निधन पर शोक प्रकट करने आना था, इसलिए रघु शर्मा के प्रस्ताव को पायलट ने स्वीकार कर लिया। स्वभाविक हैं कि जब दोनों नेता एक साथ सफर कर रहे हैं, तो पिछले मतभेदों में कमी के संकेत मिलते हैं। हालांकि राजनीति में सचिन पायलट का कद काफी बड़ा है। लेकिन मौजूदा माहौल में रघु शर्मा अपनी सूझबूझ से सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच के मतभेदों को कम कर सकते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि जुलाई माह में पायलट के साथ कांग्रेस के जो 18 विधायक दिल्ली गए थे,उनमें मसूदा के विधायक राकेश पारीक भी शामिल थे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अजमेर के लोकसभा के उपचुनाव में पायलट ने ही रघु शर्मा को कांग्रेस का उम्मीदवार बनवाया और फिर जीत भी दिलवाई। तभी से रघु शर्मा का राजनीतिक सफर तेजी से आगे बढ़ा। यानि दोनों नेताओं के बीच पहले से अच्छे संबंध रहे हैं। देखना होगा कि आने वाले दिनों में कार का यह सफर कितना आगे तक पहुंचता है। यह बात अलग है कि सीएम गहलोत ने अभी तक भी पायलट को मन से माफ नहीं किया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-12-2020)
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