एसपी ऑफिस में रिपोर्ट दर्ज होने से कोर्ट के प्रकरणों में कमी आई। लेकिन 200 में से 182 शिकायत कर्ता पुलिस स्टेशन पर पहुंचे ही नहीं। कोरोना काल में पुलिस ने बेहतरीन काम किया। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने पुलिस की उपलब्धियाँ गिनाई।

11 जनवरी को राजस्थान के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने पुलिस के काम काज को लेकर एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। लाठर ने कहा कि वर्ष 2020 का अधिकांश समय कोरोना संक्रमण में गुजर गया। कोरोना काल में पुलिस ने बेहतरीन काम किया। लाठर ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्देश दिए थे कि यदि किसी शिकायत कर्ता की रिपोर्ट संबंधित पुलिस स्टेशन पर नहीं लिखी जाए तो शिकायत कर्ता अपनी रिपोर्ट सीधे पुलिस अधीक्षक के पास दर्ज करवा सकता है। पुलिस अधीक्षक के पास रिपोर्ट दर्ज होने पर संबंधित थाने के दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही करने के निर्देश सरकार की ओर से दिए गए थे। सरकार के निर्देशों के बाद कोर्ट के प्रकरणों में कमी आई है। पहले 30 प्रतिशत मुकदमें कोर्ट के आदेश से दर्ज हो रहे थे, लेकिन वर्ष 2020 में 11 प्रतिशत मामले ही कोर्ट के आदेश से दर्ज हुए हैं। लाठर ने कहा कि यह आंकड़ा दर्शाता है कि पुलिस अधीक्षक के स्तर पर गंभीर कार्यवाही हो रही है। लेकिन जांच पड़ताल में यह पता चला कि 200 प्रकरणों में 182 मामले में शिकायत कर्ता संबंधित पुलिस स्टेशन पर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचा ही नहीं। लाठर ने कहा कि सभी थाना अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि शिकायत कर्ता की रिपोर्ट सहजता के साथ दर्ज की जाए। लाठर ने लोगों से अपील की कि कोई शिकायत होने पर पहले संबंधित पुलिस स्टेशन पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई जाए। लेकिन जब पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट दर्ज न हो तो पुलिस अधीक्षक के समक्ष रिपोर्ट दर्ज करवाई जावे। सरकार ने इस संबंध में जो दिशा निर्देश दिए हैं उसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। लाठर ने कहा कि यह तो नहीं कहा जा सकता कि महिला उत्पीडऩ के मामले समाप्त हो गए हैं, लेकिन राजस्थान पुलिस में महिला उत्पीडऩ के मामलों में त्वरित और सख्त कार्यवाही की है। दर्ज मुकदमों में 99.6 प्रतिशत मामलों में न्यायालय ने चालान पेश किए गए हैं। महिला उत्पीडऩ रोकने के लिए जनजागरण अभियान भी पुलिस के द्वारा चलाए गए हैं। महिला थानों के साथ साथ पुलिस स्टेशनों पर महिला डेस्क की शुरुआत भी की गई है। यह देखने में आया है कि महिला उत्पीडऩ के अधिकांश मामलों में परिवार के सदस्यों अथवा रिश्तेदारों की ही भूमिका रही है। ऐसे में महिलाओं को भी सावधान रहने की जरुरत है। लाठर ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा की दृष्टि से आत्म निर्भर बनाने के लिए जिला स्तर पर संचालित पुलिस लाइन में महिला आत्म रक्षा केन्द्र शुरू किए गए हैं। इनमें महिलाओं को आत्म रक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही पुलिस के प्रशिक्षित कार्मिक स्कूल-कॉलेजों में जाकर मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी छात्रा को कोई लड़का परेशान करता है तो उसकी शिकायत गोपनीय तरीके से पुलिस में की जा सकती है। ऐसे मामलों में छात्राओं का नाम भी उजागर नहीं किया जाता है। लाठर ने कहा कि प्रदेश की बालिकाओं को किसी से भी डरने की जरुरत नहीं है। पुलिस की जिम्मेदारी है कि वे हर बालिका की सुरक्षा करे। बालिकाओं के स्कूल के बाहर पुलिस विशेष निगरानी करती है। लाठर ने कहा कि अपराधियों को पकडऩे के लिए आमजन का सहयोग जरूरी है। आमजन के सहयोग से ही अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (11-01-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9509707595To Contact- 9829071511

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