बृजलता हाड़ा मेयर पद के लिए भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगी। कांग्रेस भी विरोध के लिए चुनाव लड़ेगी। अजमेर के डिप्टी मेयर का पद सामान्य वर्ग को देने की मांग प्रबल। भाजपा के नवनिर्वाचित पार्षदों में जोर आज़माइश
अजमेर नगर निगम के मेयर पद के लिए 2 फरवरी को नामांकन होना है। निगम के 80 वार्डों में से 48 में भाजपा के उम्मीदवारों की जीत हुई है। इसलिए भाजपा का मेयर बनना तय है। 31 जनवरी को परिणाम आने के बाद से ही भाजपा के नवनिर्वाचित पार्षद जयपुर के एक रिसोर्ट में पहुंच गए थे। अब सभी पार्षद रिसोर्ट में ही बंद हैं। बात इधर उधर न हो इसके लिए पार्षदों के मोबाइल या तो ले लिए गए हैं, या फिर स्वीच ऑफ करवा दिए गए हैं। पार्षदों को हिदायत दी गई है कि 7 फरवरी तक भारी व्यक्ति से बातचीत नहीं करें। मेयर का चुनाव 7 फरवरी को ही होना है। भाजपा की ओर से ऐसी सतर्कता जिला प्रमुख के चुनाव में हुई बगावत को देखते हुए बरती जा रही है। मालूम हो कि जिला प्रमुख के चुनाव में भाजपा सदस्य श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा ने बगावत की थी और फिर कांग्रेस से समर्थन लेकर भाजपा के उम्मीदवार को हरवा दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेयर पद के लिए बृजलता हाड़ा 2 फरवरी को अपना नामांकन दाखिल करेंगी। इस मौके पर उनके साथ अजमेर नगर निगम चुनाव के प्रभारी पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, पूर्व डिप्टी मेयर संपत सांखला भी होंगे। श्रीमती हाड़ा भाजपा के शहर जिला अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा की पत्नी हैं और उनके नाम पर आम सहमति बन गई है। हालांकि भाजपा की निर्वाचित पार्षदों में से एससी वर्ग की सीता देवी और सीलम देवी भी हैं, लेकिन इन दोनों पार्षदों की मजबूत दावेदारी नहीं है। मेयर का पद एससी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हैं। हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार के मेयर बनने की कोई गुंजाइश नहीं है, लेकिन सिर्फ विरोध दर्ज करवाने के लिए कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन करवाया जाएगा। परिणाम के बारे में पहले से ही जानकारी है, इसलिए कांग्रेस के एससी वर्ग की महिला पार्षदों में नामांकन को लेकर कोई उत्साह नहीं है।सामान्य वर्ग के पार्षदों का दावा प्रबल:डिप्टी मेयर के लिए भाजपा के पार्षदों के बीच सामान्य वर्ग के पार्षदों का दावा प्रबल है। सामान्य वर्ग के पार्षदों का तर्क है कि वर्ष 2015 में मेयर का पद सामान्य वर्ग का होने के बाद भी ओबीसी वर्ग के धर्मेन्द्र गहलोत को मेयर बनाया गया। वर्ष 2005 पांच में भी गहलोत को ही मेयर बनाया गया था। वर्ष 2015 में तो डिप्टी मेयर भी एससी वर्ग का बनाया गया, जबकि डिप्टी मेयर के पद पर सामान्य वर्ग के पार्षद का चयन होना चाहिए था। इस बार मेयर का पद एससी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है, इसलिए डिप्टी मेयर के पद पर सामान्य वर्ग के पार्षद का चयन होना चाहिए। भाजपा में इस समय डिप्टी मेयर के पद के लिए ओबीसी वर्ग के रमेश सोनी और अजय वर्मा भी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। बताया जाता है कि सोनी के लिए विधायक देवनानी जोर लगा रहे हैं, जबकि सामान्य वर्ग के ज्ञान सारस्वत, नीरज जैन, वीरेन्द्र वालिया, देवेन्द्र सिंह शेखावत, राजेन्द्र राठौड़ भी अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं। डिप्टी मेयर के पद को लेकर पार्षदों में जोर आज़माइश हो रही है। इसलिए प्रदेश नेतृत्व भी विशेष सतर्कता बरता रहा है। मेयर के चुनाव में निर्दलीय पार्षदों के मत प्राप्त करने के लिए खास प्रयास नहीं हो रहे,लेकिन माना जा रहा है कि डिप्टी मेयर के चुनाव के समय निर्दलीय पार्षदों की भी भूमिका होगी, जो 13 निर्दलीय पार्षद हैं उनमें से कई भाजपा के बागी है। S.P.MITTAL BLOGGER (01-02-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9509707595To Contact- 9829071511