राजस्थान में सचिन पायलट अपने दम पर किसान महापंचायत कर रहे हैं तो राहुल गांधी के किसान सम्मेलनों की तैयारी में सरकार जुटी। पायलट दौसा और बयाना में महापंचायत कर चुके हैं तो राहुल गांधी 12 फरवरी को हनुमानगढ़-गंगानगर व 13 फरवरी को अजमेर के रूपनगढ़ और नागौर के मकाराना में किसान सम्मेलन करेंगे। राजस्थान में लाखों किसान बिजली कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। क्या राहुल गांधी किसानों को बिजली उपलब्ध करवाएंगे। विधानसभा में भी नजर आए सचिन पायलट।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली की सीमा में पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में राजस्थान में 12 व 13 फरवरी को चार किसान सम्मेलनों को संबोधित करेंगे। लेकिन राहुल गांधी के आने से पहले प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट दौसा और बयाना जिले में किसानों की महापंचायत कर चुके हैं। 9 फरवरी को ही पायलट ने भरतपुर के बयाना में महापंचायत की। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। इस महापंचायत में पायलट और अशोक गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीणा भी उपस्थित थे। पायलट के साथ गत वर्ष जुलाई-अगस्त में दिल्ली जाने वाले कई कांग्रेसी विधायक भी महापंचायत में उपस्थित रहे। इससे पहले 5 फरवरी को पायलट दौसा में महापंचायत कर चुके हैं। 17 फरवरी को जयुपर के चाकूस में पायलट की किसान महापंचायत प्रस्तावित है। समर्थकों का कहना है कि पायलट ऐसी महापंचायतें प्रदेश के सभी 33 जिलों में करेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं कि पायलट की महापंचायतों में जबर्दस्त भीड़ आ रही है। हालांकि पायलट कांग्रेस के विधायक हैं, लेकिन पायलट की महापंचायतों का सरकार कोई सहयोग नहीं है। पायलट समर्थक अपने साधनों से ही महापंचायत स्थलों पर पहुंच रहे हैं। यानि ऐसी महापंचायतें पायलट अपने दम पर कर रहे हैंं। महापंचायतों में आ रही भीड़ से स्वयं पायलट भी उत्साहित हैं। ऐसी महापंचायतों को पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। सब जानते हैं कि सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच मन मुटाव बना हुआ है। यही वजह है कि पायलट की महापंचायतों पर सरकार की नजर लगी हुई है, लेकिन फिलहाल कांग्रेस का कोई भी नेता पायलट की किसान महापंचायतों का विरोध करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि पायलट भी राहुल गांधी की तरह केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों का ही विरोध कर रहे हैं। पायलट की महापंचायतों के मुकाबले में अब अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के समर्थन में राहुल गांधी के किसान सम्मेलनों में भीड़ जुटाने की चुनौती है। हालांकि राहुल के किसान सम्मेलनों को सफल बनाने के लिए गहलोत सरकार जुट गई है। मंत्री और अफसर सम्मेलन स्थलों का लगातार दौरा कर रहे हैं। भीड़ जुटाने के लिए वाहन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार राहुल गांधी 12 फरवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंग में प्रात: 11:30 तथा गंगानगर के पदमपुरा में दोपहर तीन बजे किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इसी प्रकार 13 फरवरी को सुबह अजमेर के रूपनगढ़ में ट्रेक्टर रैली में शामिल होंगे तथा दोपहर को नागौर के मकराना में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। देखना होगा कि पायलट की महापंचायत के मुकाबले में राहुल गांधी के किसान सम्मेलनों में कितनी भीड़ जुटती है।

किसानों को कृषि कनेक्शन का इंतजार:

यह अच्छी बात है कि किसानों के दु:ख दर्द बांटने के लिए राहुल गांधी कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान आ रहे हैं। लेकिन सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी राजस्थान के लाखों किसानों को बिजली का कनेक्शन दिलवा पाएंगे? राजस्थान में लाखों किसान अभी भी बिजली कनेक्शन के इंतजार में है। असल में कृषि कनेक्शनों पर सरकार को सब्सिडी देनी पड़ती है, इसलिए सरकारें धीमी गति से कनेक्शन देती है। राजस्थान में वर्ष 2013 से बिजली कनेक्शन बकाया चल रहे हैं। राजस्थान के किसानों को करीब एक रुपया यूनिट के हिसाब से बिजली दी जा रही है, लेकिन सभी किसानों के पास बिजली के कनेक्शन नहीं है। ओवर लोडिंग के नाम पर किसानों को परेशान किया जाता है। अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बने सवा दो साल हो गए, लेकिन अभी तक भी राष्ट्रीय कृत बैंकों का किसानों का कर्जामाफ नहीं हुआ है। प्रदेश के किसानों को उम्मीद है कि राहुल गांधी के आग मन पर समस्याओं का समाधान होगा।

विधानसभा में नजर आए पायलट:

10 फरवरी को सचिन पायलट बजट विधानसभा सत्र के पहले दिन नजर आए। पायलट ने विधानसभा में उत्साह के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। हालांकि पायलट को चौथी लाइन में बैठना पड़ा, लेकिन इसको लेकर पायलट के मन में कोई मलाल नहीं था। पीछे की पंक्ति में बैठाए जाने पर गत अगस्त में ही पायलट ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपनी नाराजगी प्रकट कर दी थी। डिप्टी सीएम रहते हुए पायलट पूर्व में प्रथम पंक्ति में बैठते थे। लेकिन अब पायलट सिर्फ विधायक हैं, इसलिए उन्हें पीछे बैठना पड़ रहा है। पायलट पहली बार विधानसभा के सदस्य बने हैं। 

S.P.MITTAL BLOGGER (10-02-2021)

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