राहुल गांधी की किसान महापंचायत में सचिन पायलट को बोलने का अवसर नहीं मिला। खाट भी टूटी। पीलीबंगा में भीड़ जुटने तक राहुल गांधी को सूरत गढ़ एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना पड़ा। मोदी सरकार को तो तीनों कृषि क़ानूनों वापस लेने पड़ेंगे-राहुल गांधी।
12 फरवरी को राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की महा किसान पंचायत हुई। लेकिन इसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बोलने का अवसर नहीं मिला। हालांकि पायलट मंच पर अन्य नेताओं के साथ उपस्थित थे। राहुल की महापंचायत में पायलट के नहीं बोलने को लेकर अब प्रदेश का राजनीतिक माहौल गर्म है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के समर्थन में सचिन पायलट राजस्थान में जिला स्तर पर महापंचायत कर रहे हैं। पायलट की ऐसी पंचायतें अब तक दौसा और भरतपुर जिलों में हो चुकी है। इन महापंचायतों में भीड़ भी आ रही है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि पायलट को राहुल गांधी की महापंचायत में बोलने का अवसर मिलेगा। लेकिन पीलीबंगा की महापंचायत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को तो बालने का अवसर मिला। लेकिन पायलट को संबोधन का अवसर नहीं दिया गया। मंच पर पायलट जिस खाट पर बैठे थे वो अचानक टूट गई। हालांकि तत्काल ही दूसरी खाट का इंतजाम किया गया। पायलट के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश भी बैठे हुए थे। मंच पर राहुल गांधी के बैठने के लिए भी खाट ही रखी गई थी। इन्हीं खाटों पर मुख्यमंत्री और अन्य नेता भी बैठे हुए थे। पीलीबंगा पंजाब की सीमा से लगा हुआ है, इसलिए राहुल गांधी की किसान महापंचायत यहां रखी गई। कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद थी कि बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे। लेकिन 12 फरवरी को जब राहुल गांधी सूरत गढ़ एयरपोर्ट पर पहुंच गए तब तक पीलीबंगा में बनाए गए ब्लॉक खाली पड़े हुए थे। इस स्थिति को देखते हुए कोई तीस मिनट तक राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर ही रोके रखा गया। मंच के सामने सभी ब्लॉक भर जाने के बाद ही राहुल गांधी को मंच पर लाया गया। राहुल गांधी की महापंचायत में अपेक्षाकृत भीड़ कम जुटी।
कानून वापस लेना पड़ेेगा:
पीलीबंगा की महापंचायत में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने 11 फरवरी को ही संसद में बताया है कि केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के विरुद्ध क्यों हैं। मैं संसद में बोले गए भाषण को दोहराते हुए पीलीबंगा के किसानों को भी क़ानूनों के बारे में बताऊंगा। राहुल ने कहा कि जब किसान की फसल का सौदा खेत पर ही हो जाएगा तो फिर मंडियां अपने आप बंद हो जाएंगी। दूसरा असीमित भंडारन से छोटे व्यापारियों का कारोबार बंद हो जाएगा। तीसरा किसानों को अदालत में जाने का अधिकार नहीं है। राहुल ने कहा कि अब देश का किसान जाग चुका है और देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बन गया है। किसान देश की कुल आबादी का चालीस प्रतिशत है। मोदी सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-02-2021)
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