राजस्थान के फोन टैपिंग का मामला भूपेन्द्र यादव ने राज्यसभा में उठाया। कांग्रेस का हंगामा। पश्चिम बंगाल में मतदान केन्द्रों पर सीआरपीएफ के जवानों को मिले वोटर आईडी चेक करने का अधिकार।

राजस्थान के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले को 19 मार्च को भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में पुरजोर तरीके से उठाया। यादव राजस्थान से ही राज्यसभा के सांसद हैं। यादव ने कहा कि सरकार द्वारा फोन टैपिंग कराए जाने की घटना पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों की निजता को भी खतरा हो गया है। पूरे प्रदेश में भय का माहौल है। यादव के आरोपों पर कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया, लेकिन यादव ने अपनी बात को पुरजोर तरीके से सदन में रखा। बाद में मीडिया से संवाद करते हुए यादव ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को लेकर अपना विरोध जताती रहेगी। क्योंकि यह मामला प्रदेश की छह करोड़ जनता की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है। पहले खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि हमने किसी भी व्यक्ति का फोन टैप नहीं करवाया, लेकिन अब विधानसभा में सरकार ने स्वीकार किया है कि जोधपुर के अशोक सिंह और अजमेर ब्यावर के भरत मालानी के फोन टैप किए गए और इस ऑडियो टैप के आधार पर ही सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने राजद्रोह के तीन मुकदमें दर्ज करवाए। यादव ने कहा कि सरकार के जवाब से जाहिर है कि फोन टैपिंग कर जनप्रतिनिधियों को प्रताडि़त किया गया। अशोक गहलोत सिर्फ अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं। यादव ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस में खुद का असंतोष है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत हर बार भाजपा पर दोष मढ़ते हैं।वोटर आईडी चेक करने का अधिकार मिले:सांसद भूपेंद्र यादव भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं, इस नाते 19 मार्च को ही यादव ने एक प्रतिनिधि मंडल के साथ दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की। आयोग को दिए गए ज्ञापन में भाजपा ने मांग की कि पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्रों पर नियुक्त सीआरपीएफ के जवानों को वोटर आईडी चेक करने का अधिकार भी दिया जाए। ताकि बंगाल में निष्पक्ष चुनाव हो सके। यादव ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद भी बंगाल में हिंसा का दौर जारी है। सांसद के घरों पर बम फेंके जा रहे हैं। सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े आपराधिक तत्वों को किसी का भी डर नहीं है। पुलिस और प्रशासनिक तंत्र भी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं कर रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग को ही सख्त दिशा निर्देश देने होंगे। यादव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। इतना ही नहीं चुनाव आयोग पर भी अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही है। यादव ने कहा कि आयोग की पहली प्राथमिकता बंगाल में निष्पक्ष चुनाव करवाने की होनी चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (20-03-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 98

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