अनिल देशमुख के मामले में शरद पंवार का झूंठ उजागर।आखिर शरद पंवार और उद्वव ठाकरे महाराष्ट्र के डीजी परमवीर सिंह पर कार्यवाही क्यों नहीं करते?आजादी के बाद देश में सत्ता की लूट-खसोट का यह पहला उदाहरण है। गांधी परिवार का कोई भी सदस्य नहीं कर रहा ट्वीट

22 मार्च को एनसीपी अध्यक्ष शरद पंवार ने एक प्रेस कांफ्रेस पर कहा कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख कोरोना के कारण 5 से 15 फरवरी तक नागपुर के अस्पताल में भर्ती थे तथा 16 से 27 फरवरी तक घर पर आइसोलेट थे ऐसे में मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर का यह आरोप गलत है कि फरवरी में अनिल देशमुख ने इंस्पेक्टर सचिन वाजे को बुलाकर 100 करोड़ रुपए मांगे थे। पंवार की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही भाजपा ने अनिल देशमुख की 15 फरवरी की प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो जारी कर दिया जब देशमुख प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं तो फिर सचिव वाजे ने मुलाकात क्यों नहीं कर सकते? भाजपा ने कहा कि शरद पंवार का झूठ पकड़ा गया है। 22 मार्च को एनसीपी के प्रमुख शरद पंवार का बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के रुतबे में कोई कमी नहीं होगी। पंवार अपनी पार्टी के मंत्रियों को बचाने के लिए ऐसा ही बयान देंगे, लेकिन आजादी के बाद देश में सत्ता की लूट खसोट का यह पहला उदाहरण होगा। पंवार का कहना है कि परमवीर सिंह ने मुंबई पुलिस के कमीशनर पद पर रहते हुए गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए का वसूली वाला आरोप क्यों नहीं लगाया? पंवार का यह बयान बेहद हास्यास्पद है क्योंकि परमवीर सिंह अभी भी महाराष्ट्र के पुलिस महा निदेशक (होमगार्ड) के पद पर कार्यरत हैं। यानि अभी भी परमबीर सिंह मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे और गृहमंत्री अनिल देशमुख के अधीन ही कार्य कर रहे हैं। यदि परमवीर ने गलत आरोप लगाएं हैं तो शरद पंवार को सख्त कार्यवाही करवानी चाहिए। उद्वव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार आखिर शरद पंवार के समर्थन में चल रही है। यदि शरद पंवार एनसीपी का समर्थन वापस ले लें तो ठाकरे सरकार तत्काल गिर जाएगी। सवाल उठता है कि पंवार उस ठाकरे सरकार को क्यों टिकाए हुए हैं जिसका एक डीजी गृहमंत्री अनिल देशमुख को बेईमान ठहरा रहा है? देशमुख मानहानि का मुकदमा तो करते रहेंगे, लेकिन पहली कार्यवाही सीएम उद्वव ठाकरे को करनी चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि परमवीर ने अनिल देशमुख के गृहमंत्री के पद पर रहते हुए 100 करोड़ रुपए प्रतिमाह रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। पंवार का कहना है कि आरोप के साथ सबूत नहीं है। पंवार का यह बयान यहाँ भारत की गांधीवादी के पक्ष वाला ही है। जिस प्रकार गांधारी ने अपनी आंखों पर जानबूझकर पट्टी बांध रखी थी, उसी प्रकार शरद पंवार ने परमवीर सिंह को पढऩे के लिए आंखों पर पट्टी बांध रखी है। पत्र में दिए सबूतों के बाद भी यदि पंवार को नजर नहीं आ रहे हैं तो फिर पत्र की जाँच सीबीआई या एनआईए के करवा लेनी चाहिए। एनआईए ने जिस प्रकार उद्योगपित मुकेश अंबानी के प्रकरण में सबूत जुटाए है, उसी प्रकार परमवीर के पत्र के मद्देनजर भी भ्रष्टाचार के सबूत एकत्रित कर लिए जाएंगे। जहाँ तक उद्वव ठाकरे का सवाल है तो वे अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। शरद पंवार कहेंगे तो वे अनिल देशमुख को गृह विभाग की जगह वित्त विभाग का प्रभारी बना देंगे, ताकि प्रतिमाह एक हजार करोड़ तक की वसूली हो सके। देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई और कृषि के क्षेत्र में अग्रणीय महाराष्ट्र से एक हजार करोड़ रुपए प्रतिमाह वसूले जा सकते हैं। छोटे-बड़े उद्योगपति सत्ता के संरक्षण की एवज में रिश्वत देने के लिए लाइन में खड़े हैं। शिवसेना माने या नहीं 100 करोड़ रुपए की वसूली वाले प्रकरण में मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे भी संदेह के घेरे में हैं। सबसे बड़ा संदेह तो यही है कि इतनी बदनामी के बाद भी अनिल देशमुख गृहमंत्री और परमवीर सिंह महाराष्ट्र के पुलिस महा निदेशक के पद पर बने हुए हैं। डीजी स्तर के अधिकारी खुले आरोप के बाद भी उद्वव ठाकरे अनिल देशमुख को मंत्री बनाए हुए हैं। सवाल कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे गांधी परिवार के सदस्यों पर भी उठता है। सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक छोटी-छोटी घटनाओं पर ट्वीट करते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की इतनी बड़ी घटना पर गांधी परिवार का कोई ट्वीट देखने को नहीं मिला, जबकि इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने का गांधी परिवार को पूरा अधिकार है। शिवसेना के नेतृत्व वाली ठाकरे सरकार को कांग्रेस के 44 विधायकों का समर्थन है। यदि गांधी परिवार भी समर्थन वापस ले ले तो महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार गिर जाएगी। हालांकि कांग्रेस के लिए 100 करोड़ रुपए का मामला कोई बड़ा नहीं होगा, क्योंकि अकेला टू जी स्क्रेप्टम घोटाला एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का था। लेकिन महाराष्ट्र वाले प्रकरण में गांधी परिवार के लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि मंत्री और डीजी दोनों अपने पदों पर कायम हैं।S.P.MITTAL BLOGGER (22-03-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 982

9071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...