अजमेर में चेटीचंड के जुलूस को लेकर फिर असमंजस की स्थिति। राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के बाद अब शाम 7 बजे से पहले जुलूस को समाप्त करना होगा। सिंधी समुदाय के अनेक प्रतिनिधि सहमत नहीं।
अजमेर में 13 अप्रैल को निकलने वाले चेटीचंड के जुलूस को लेकर एक बार फिर असमंजस की स्थिति को गई है। 8 अप्रैल को सिंधी समुदाय और जिला प्रशासन के बीच जुलूस निकालने को लेकर सहमति बन गई थी, प्रशासन ने कोविड-19 के नियमों के तहत सशर्त अनुमति देते हुए रात 9 बजे से पहले जुलूस को समाप्त करने के लिए कहा था। इस पर सिंधी समुदाय भी सहमत हो गया था, लेकिन 9 अप्रैल को राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अजमेर सहित प्रदेश के 9 जिलों में शाम 7 बजे बाजार बंद करने तथा रात 8 बजे से कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी। राज्य सरकार की यह गाइड लाइन 10 अप्रैल से लागू है। ऐसे में अब अजमेर प्रशासन का सिंधी समुदाय खास कर देहली गेट स्थित पुज्यलाल साहिब सेवा ट्रस्ट का आग्रह है कि 13 अप्रैल के जुलूस को शाम सात बजे से पहले समाप्त किया जाए। इसको लेकर 10 अप्रैल को ट्रस्ट के पदाधिकारियों और प्रशासन के बीच वार्ता भी हुई। ट्रस्ट के महासचिव जयकिशन पारवानी का कहना था कि जुलूस दोपहर दो बजे शुरू होता है, ऐसे में शाम 7 बजे समाप्त करना मुश्किल है। यह जुलूस सिंधी समुदाय के आराध्य देव झूलेलाल की जयंती पर निकलता है, इसलिए युवाओं में ज्यादा उत्साह होता है, संभवत: पूरे देश में सबसे ज्यादा सिंधी अजमेर में ही रहते हैं। अजमेर में सिंधी समुदाय का इतिहास रहा है। पूरे देश के सिंधी समाज की नजर अजमेर के चेटीचंड के जुलूस पर रहती है। पारवानी ने कहा कि पूर्व आदेश के तहत अजमेर में चेटीचंड के जुलूस को रात 9 बजे तक निकलने दिया जाए। हालांकि इस पर प्रशासन ने अपनी सहमति नहीं दी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने जो नई गाइडलाइन जारी की है उसके अनुसार ही जुलूस को निकालने की अनुमति दी जाएगी। प्रशासन के इस निर्णय से सिंधी समुदाय के अनेक प्रतिनिधि सहमत नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि चेटीचंड के जुलूस को लेकर पहले भी असमंजस की स्थिति हो गई थी। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने जुलूस नहीं निकालने की बात कही थी। सिंधी समुदाय और प्रशासन के बीच चलती खींचतान की वजह से ही जुलूस को अनुमति देने में विलंब भी हुआ। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में झांकियां प्रदर्शित होती हैं, इसलिए जुलूस की तैयारियां एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। अजमेर में चेटीचंड के जुलूस के अलावा महावीर जयंती तथा अंबेडकर जयंती पर जुलूस निकालते हैं। महावीर जयंती और अंबेडकर जयंती पर जुलूस दिन में ही निकलते हैं। जबकि चेटीचंड का जुलूस देर रात तक बाजारों में निकलता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (10-04-2021)
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