इधर अशोक गहलोत की सरकार ने आनंदपाल का एनकाउंटर करने वाले पुलिस कर्मियों को पदोन्नत और नकद ईनाम दिया तो उधर कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने हिस्ट्रीशीटर कमलेश प्रजापत के एनकाउंटर को फर्जी बताया। आनंदपाल का एनकाउंटर चार वर्ष पहले भाजपा के शासन में हुआ था, तब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को राजपूत और रावणा राजपूत समाज का कड़ा विरोध सहना पड़ा था। अब कांग्रेस विधायक ने स्वयं को प्रजापत समाज के साथ बताया।

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उन 100 पुलिस कर्मियों को पदोन्नत और नकद राशि का ईनाम देने की घोषणा की है, जिन्होंने चार वर्ष पहले भाजपा के शासन में गैंगस्टर आनंदपाल को एक एनकाउंटर में मार डाला था। लेकिन वहीं 23 अप्रैल को बाड़मेर पुलिस ने जिस मादक पदार्थ तस्कर कमलेश प्रजापत को एनकाउंटर में ढेर किया, उस तस्कर के समर्थन में सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत आ गए हैं। विधायक प्रजापत ने कहा है कि पुलिस का एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है। जब कमलेश प्रजापत ने कोई गोली ही नहीं चलाई तो फिर पुलिस ने फायरिंग कर कैसे मार दिया? उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मदन प्रजापत का कहना है कि कमलेश के फर्जी एनकाउंटर से प्रदेशभर के प्रजापत समाज में रोष है। मैं हमेशा समाज के साथ रहा हंू और कमलेश के फर्जी एनकाउंटर के प्रकरण में भी समाज के साथ हंू। समाज के सामने विधायक का पद कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा कि कमलेश ने यदि कोई गैर कानूनी काम किया था तो उसे कानून के अनुरूप सजा दिलवानी चाहिए थी। पुलिस को सीधे गोली मारने का कोई अधिकार नहीं है। प्रजापत का यह बयान सरकार के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि वे सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक हैं। वहीं बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर कमलेश प्रजापत ने अपने वाहन से पुलिस कर्मियों पर हमला किया, तब कमांडो दिनेश ने आत्म रक्षा में फायरिंग की जिसमें कमलेश मारा गया। एनकाउंटर के बाद कमलेश के घर की तलाशी ली गई तो 2 किलो 360 ग्राम अफीम दूध, एक किलो 715 ग्राम डोडा पोस्ट, 5 पिस्टल, 9 मैगजीन, 121 कारतूस और करीब 60 लाख रुपए नकद मिले हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के तहत कार्यवाही की जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार 24 अप्रैल को कमलेश का अंतिम संस्कार कर दिया गया है, लेकिन विधायक प्रजापत अपने आरोपों पर कायम है।
पुलिस कर्मियों को ईनाम:
राजस्थान की राजनीति में रुचि रखने वाले जानते हैं कि चार वर्ष पहले जून 2017 में जब गैंगस्टर आनंदपाल का एनकाउंटर चूरू के सालासर क्षेत्र में हुआ था, तब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ राजपूत और रावणा राजपूत समाज का बड़ा आंदोलन हुआ था, तब भी पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया गया। राजे के विरोध में रावणा राजपूत और राजपूत समाज ने बड़ी सभाएं भी की। तब कांग्रेस के नेताओं ने भी एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की थी, लेकिन अब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आनंदपाल के एनकाउंटर में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को ईनाम देने की घोषणा की है। आनंदपाल को गोली मारने वाले कमांडो सोहन सिंह, को विशेष पदोन्नति दी गई है। इसी प्रकार एनकाउंटर में फ्रंट लाइन में मुस्तैद सब इंस्पेक्टर हेमराज, एएसआई हरिराम, हेड कांस्टेबल कैलाश, संदीप, हनुमान धर्मपाल, धर्मवीर, प्रदीप आदि को भी पदोन्नत किया गया है। जबकि 90 पुलिस कर्मियों को 31 लाख रुपए के नकद ईनाम दिए गए हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (24-04-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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