अजमेर में दैनिक भास्कर अखबार की शुरुआत करने वाले पत्रकार अरविंद गर्ग का कोरोना से निधन। लाख कोशिश के बाद भी नहीं बचाया जा सका।

दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार अरविंद गर्ग का भी 30 अप्रैल को अजमेर के पुष्कर रोड स्थित श्मशान स्थल पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। अरविंद का निधन भी कोरोना संक्रमण से हुआ। संक्रमित होने के बाद अरविंद का प्राथमिक इलाज अजमेर के एक निजी अस्पताल में करवाया गया, लेकिन बेहतर इलाज के लिए अरविंद को जयपुर स्थित आरयूएचएस अस्पताल ले जाया गया। इसी अस्पताल में विधायकों, सांसदों मंत्रियों और प्रभावशाली व्यक्तियों का इलाज होता है। पिछले दिनों जब प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा संक्रमित हुए थे, तब इसी अस्पताल में इजाज हुआ था। यानी अरविंद को बचाने की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन कोरोना से नहीं बचाया जा सका। 30 अप्रैल को तड़के 4 बजे अरविंद का निधन हो गया। अरविंद का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। 1997 में जब हमने दैनिक भास्कर की शुरुआत की थी, तब उस टीम में अरविंद गर्ग भी शामिल थे। 1997 से लेकर 29 अप्रैल 2021 तक अरविंद दैनिक भास्कर से जुड़े रहे। यानी अरविंद ने 25 वर्ष तक भास्कर में काम किया। मुझे याद है, जब भास्कर प्रबंधन संघर्ष के दौर में था, तब मददगारों में अरविंद गर्ग भी शामिल रहे। भास्कर समूह के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय रमेश अग्रवाल ने मुझे सूचित किया कि तीन ट्रकों में वेब ऑफसेट मशीन अजमेर पहुंच रही है। ट्रक चुंगीनाकों से सुरक्षित निकल जाएं, इसकी जिम्मेदारी भी दी गई। हमने योजना बनाई और ट्रकों को सुरक्षित निकालने की जिम्मेदारी अरविंद को दी। अरविंद अपने मिशन में कामयाब रहे। जयपुर के बाद भास्कर ने जब अजमेर में पैरा जमाया तो फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। आज भास्कर जिस मुकाम पर खड़ा है उसमें अरविंद गर्ग का भी योगदान है। हमारी टीम में अरविंद गर्ग जैसे पत्रकार रहे, इसलिए हम भास्कर को अजमेर में जमा पाए। आज भले ही मैं भास्कर में काम नहीं कर रहा, लेकिन भास्कर में रहते मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। अजमेर में भास्कर को किन परिस्थितियों में निकाला और फिर सबसे बड़ा अखबार बनाया, इसके बारे में ओंकार सिंह लखावत और एडवोकेट राजेश टंडन से भी पूछा जा सकता है। अरविंद की उम्र मुश्किल से 55 वर्ष होगी। अरविंद जब भी मिलते, तब पैर छूकर आशीर्वाद लेते थे। यह ब्लॉग लिखते वक्त मेरी आंखों में आंसू हैं। आखिर यह कैसी महामारी है जिसमें प्रियजन मारे जा रहे हैं। हम अपनी आंखों के सामने प्रियजनों को तड़प तड़प कर मरता देख रहे हैं और कुछ नहीं कर पा रहे। अरविंद ने अपनी पुत्री का विवाह तीन वर्ष पहले ही धूमधाम से किया था। अरविंद को अभी अपने पुत्र का विवाह भी करना था, लेकिन कोरोना ने अरविंद को अपने पुत्र का विवाह नहीं देखने दिया। अरविंद के निधन से भास्कर सहित अजमेर के पत्रकार जगत में शोक है। ईश्वर अरविंद गर्ग की आत्मा को शांति प्रदान करें। 
S.P.MITTAL BLOGGER (30-04-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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