आर्य समाज के अनाथालय से निकल कर पांच बार अजमेर के सांसद बने रासा सिंह रावत की 84 साल की उम्र में कोरोना ने जान ले ली। स्वर्गीय रावत के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं आज के राजनेता। अंतिम समय तक आर्य समाज के स्कूल परिसर में ही रहे।
राजनीति के मौजूदा दौर में यदि कोई नेता एक बार पार्षद, विधायक, सांसद बन जाता है तो सात पीढिय़ों का जुगाड़ आसानी से कर लेता है। लेकिन रासा सिंह रावत पांच बार अजमेर के सांसद रहे, पर अपना घर का मकान तक नहीं बनवाया। 10 मई को भी जब 84 वर्ष की उम्र में रावत ने अंतिम सांस ली, तब भी वे अजमेर के आदर्श नगर स्थित डीएवी शताब्दी स्कूल के परिसर में ही रह रहे थे। बहुत कम लोगों को पता है कि रासा सिंह ने अजमेर के आर्य समाज के अनाथालय में अपनी जीवन यात्रा शुरू की थी। चूंकि अनाथालय में पढ़े लिखे इसलिए रावत को आर्य समाज के स्कूलों में नौकरी भी मिल गई। कृष्ण राव बावले और दत्तात्रेय बावले ने अजमेर में आर्य समाज के शिक्षण संस्थानों का जो साम्राज्य खड़ा किया जिसमें रावत की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। विरजानंद और डीएवी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल के पद तक पहुंचने के बाद भी रासा सिंह का जीवन सादगीपूर्ण रहा। पहले वे आर्य समाज के आवासों में रहे और फिर चांद बावड़ी में एक किराये के मकान में रहे। रासा सिंह तीन बार विधानसभा चुनाव हारे लेकिन पांच बार लोकसभा का चुनाव जीते। पांच बार सांसद चुने जाने के बाद भी रावत जीवन भर सादगी के साथ रहे। पूर्व में जब अनेक जनप्रतिनिधि सांसद कोटे में मिलने वाले टेलीफोन और रसोई गैस के कनेक्शन की कालाबाजारी करते थे, तब रावत ने अपने सांसद कोटे से जरूरतमंद लोगों को टेलीफोन और रसोई गैस के कनेक्शन दिलवाए। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में रावत ने संपत्ति का साम्राज्य नहीं बनाया। रावत के सबसे बड़े पुत्र विक्रम सिंह रावत इन दिनों एसीबी में एएसपी के पद पर कार्यरत हैं। विक्रम सिंह अपनी योग्यता के आधार पर सब इंस्पेक्टर चयनित हुए थे। दूसरे पुत्र तिलक सिंह इन दिनों पेट्रोल पंप का संचालन कर रहे हैं, जबकि तीसरे पुत्र महेन्द्र सिंह आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। रावण की पुत्री पुष्पा रावत साधारण शिक्षिका हैं। चूंकि रासा सिंह रोजाना योग आदि करते थे, इसलिए जीवन भर स्वस्थ रहे, लेकिन कोरोना ने उनकी जान ले ली। 7 मई को ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से रावत को अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन अगले ही दिन रावत का ऑक्सीजन लेवल 95 से ऊपर आ गया इसलिए डॉक्टरों ने छुट्टी दे दी। अब कहा जा रहा है कि 10 मई को सायं पांच बजे रावत को कार्डियक अरेस्ट हुआ जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। मौजूदा दौर के राजनेता रावत के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं। रावत के निधन पर मोबाइल नम्बर 9414002500 पर उनके पुत्र तिलक सिंह को संवेदना प्रकट की जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (11-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511