राजस्थान में 21 अप्रैल को संक्रमण की जो स्थिति थी वो 23 दिन बाद 14 मई को देखने को मिली। काश! 14 मई वाला सरकार का आंकड़ा सही हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हो हल्ले के कारण राजस्थान ऑक्सीजन का अभाव हुआ। ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतें भी हुईं।
राजस्थान सरकार ने 14 मई को प्रदेश भर में कोरोना संक्रमित नए मरीजों की संख्या 14 हजार 289 बताई है। 23 दिन में यह पहला मौका है, जब संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी कम है। 21 अप्रैल को प्रदेश में 14 हजार 622 नए मरीज दर्ज किए गए थे, इसके बाद से ही प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इन 23 दिनों में सर्वाधिक मरीज 2 मई को 18 हजार 298 दर्ज किए गए थे। सरकार ने जब 16 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया था, तब प्रतिदिन करीब 6 हजार मरीजों का आंकड़ा था, क्योंकि संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, इसलिए लॉकडाउन भी बढ़ाया गया, लेकिन अब यह सुखद बात है कि संक्रमित मरीजों की संख्या घट रही है। यदि राज्य सरकार का यह आंकड़ा सही है तो माना जा सकता है कि दूसरी लहर में प्रदेश में कोरोना नियंत्रित होने लगा है, जहां तक मौतों की संख्या का सवाल है तो इसमें कमी नहीं आई है। 14 मई को 155 व्यक्तियों की मौत हुई है। सरकार भले ही अब 14 हजार संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बता रही हो, लेकिन दो दिन पहले ही प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने माना कि संक्रमण की दर बहुत ज्यादा है इसलिए अब रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट करवाया जाएगा, इस किट से 30 मिनट में रिपोर्ट आ जाती है, जबकि आरटी पीसीआर टेस्ट में 2 दिन का समय लगता है ।
केजरीवाल के कारण किल्लत:
पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने दिल्ली प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर हो- हल्ला मचाया तो केंद्र सरकार ने सबसे पहले राजस्थान की ऑक्सीजन सप्लाई को बाधित किया, जो ऑक्सीजन राजस्थान को हरियाणा के पानीपत प्लांट से प्राप्त हो रही थी उस ऑक्सीजन को गुजरात के जामनगर से लाने को कहा गया। जब निकटवर्ती पानीपत के प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई तो राजस्थान में किल्लत हो गई, पानीपत के प्लांट से एयर लिक्विड कंपनी सप्लाई कर रही थी। गंभीर बात यह कि केंद्र सरकार ने राजस्थान के बजाय दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने के आदेश एयर लिक्विड कंपनी को दे दिए, जबकि दिल्ली में ऑक्सीजन के स्टोरेज ही नहीं थे। इसलिए दिल्ली सरकार ने एयर लिक्विड कंपनी को टैंकर नहीं भेजने का आग्रह किया, यानी दिल्ली के पास ऑक्सीजन रखने की क्षमता नहीं थी तो राजस्थान में ऑक्सीजन के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे थे। एयर लिक्विड कंपनी ने पानीपत प्लांट से राजस्थान को ऑक्सीजन देना बंद किया जो प्रदेश के 5 अस्पतालों ने संक्रमित मरीजों की भर्ती रोगियों में जयपुर का महात्मा गांधी और अजमेर का मित्तल अस्पताल भी शामिल है निजी क्षेत्र के इन अस्पतालों में मरीजों की भर्ती बंद होने से सरकारी अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया। इसलिए राजस्थान में मृतकों की संख्या बढ़ रही है। जानकारों का मानना है कि यदि राजस्थान को पानीपत के प्लांट से ही ऑक्सीजन मिलती रहती तो सैकड़ों मरीजों की मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है, जब पानीपत के प्लांट से सप्लाई बंद की गई, तब राज्य सरकार ने भी केंद्र के समक्ष अपना पक्ष प्रभावी तरीके से नहीं रखा, जबकि हो हल्ला मचाने में अरविंद केजरीवाल आगे रहे।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511