जब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर के स्वास्थ्य केन्द्रों की यह दुर्दशा है तब राजस्थान भर का अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के संक्रमित मरीजों का राहत देने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य केन्द्रों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर बनाया है। अजमेर में पहले दिन ही राजस्थान पत्रिका ने पोल खोली। ब्यावर के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने भूख हड़ताल शुरू की।
राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने ब्लॉक स्तर पर स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में तब्दील करने की घोषणा की। सरकार का दावा रहा कि इन सेंटरों पर संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन, दवाएं आदि की सुविधाएं मिलेंगी। सरकार की घोषणा के अनुरूप ही 15 मई को अजमेर के चिकित्सा विभाग ने कोविड हेल्थ सेंटरों के शुरू होने की घोषणा कर दी। लेकिनजब राजस्थान पत्रिका के संवाददाताओं ने जानकारी जुटाई तो ऐसे कोविड हेल्थ सेंटरों की पोल खुल गई। पत्रिका ने अजमेर जिले के सरवाड़, श्रीनगर, जवाजा, पीसांगन, अरांई, मसूदा, सावर, मेवदाकलां आदि के कोविड हेल्थ सेंटरों की दुर्दशा की खबर फोटो सहित प्रकाशित की है। अधिकारियों ने वाह वाही लूटने के लिए अखबारों में खबरें तो छपवा दी, लेकिन हकीकत य हहै कि किसी केन्द्र पर चिकित्सक नहीं है तो कहीं पर ऑक्सीजन की कमी है। मरीज आने पर स्वास्थ्य कर्मी ही रैफर कर रहा है, सरकार इन ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वासथ्य केन्द्रों पर भले ही करोड़ों रुपया खर्च कर रही हो, लेकिन जब जरुरत पड़ती है तो ये स्वास्थ्य केन्द्र कबाड़ साहित हुए हैं। जब केन्द्र पर चिकित्सक ही नहीं होगा तो संक्रमित मरीज को ऑक्सीजन कौन देगा? भले ही सरकार ने इन स्वास्थ्य केन्द्रों को कोविड सेंटर घोषित किया हो, लेकिन पहले हन केन्द्रों के संक्रमण को भगाने की जरुरत है। अजमरे प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का गृह जिला है। जब चिकित्सा मंत्री के गृह जिले में ब्लॉक स्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की यह स्थिति है, तब प्रदेशभर के केन्द्रों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। रघु शर्मा प्रदेशभर में इतने व्यस्त है कि उन्हें अपने गृह जिले को संभालने की फुर्सत ही नहीं है, जबकि प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया का दावा है कि वे जयपुर में बैठ कर ही अजमेर के हालातों का फीडबैक ले रहे हैं। संभागीय आयुक्त वीणा प्रधान, कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित आदि अधिकारियों को जब जरुरत होती है, तब वे अपनी समस्या का समाधान करवा लेते हैं। राज्य सरकार के स्तर पर अजमेर की हर समस्या का समाधान किया जा रहा है।
विधायक की भूख हड़ताल:
ब्यावर के अमृतकौर अस्पताल की दुर्दशा को लेकर क्षेत्रीय विधायक शंकर सिंह रावत 15 मई से ब्यावर के एसडीएम कार्यायल के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। भूख हड़ताल के शुभारंभ के समय ब्यावर नगर परिषद के सभापति नरेश कनौजिया और जवाजा की प्रधान गणपत सिंह रावत आदि भी उपस्थित रहे। रावत ने तीन दिन पहले प्रशासन से कहा था कि ब्यावर के अस्पताल को प्रतिदिन 500 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाए जाए ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों का प्रभावी तरीके से इलाज हो सके। विधायक रावत का कहना रहा कि ब्यावर के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से जब संक्रमित मरीजों को अजमेर के लिए रैफर किया जाता है तब कई मरीजों की मौत रास्ते में ही हो जाती है। विधायक रावत ने कहा कि मेरी चेतावनी के बाद भी प्रशासन ने पांच सौ सिलेंडर उपलब्ध नहीं करवाए इसलिए मुझे भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है। अब मैं तब तक अनशन पर रहूंगा जब तक प्रशासन पांच सौ सिलेंडर उपलब्ध नहीं करवाता। भले ही मेरे प्राण चले जाए। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि प्रशासन ने मेरी चेतावनी को हल्के में लिया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511