तो अब पश्चिम बंगाल की सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। राज्यपाल जगदीप धनखड़ इससे ज्यादा और क्या रिपोर्ट दे सकते हैं। ममता बनर्जी के राज में हत्या, लूट और अराजकता का माहौल। केन्द्र कब तक नरमी दिखाएगा।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ इन दिनों प्रदेश के उन इलाकों में जा रहे हैं, जहां 2 मई के चुनाव परिणाम के बाद हिंसा हुई है। 15 मई को राज्यपाल ने नंदीग्राम के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरे के बाद मीडिया के समक्ष जो कुछ भी राज्यपाल ने कहा उसको रिपोर्ट मान कर अब बंगाल की सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। जितना विलम्ब होगा, उतने हालात और बिगड़ेंगे। राज्यपाल ने जो कहा उसका वीडियो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। कोई प्रदेश के राज्यपाल यह कहे कि प्रदेश में लूट हत्या और अराजकता का माहौल है, सरकार की बर्खास्तगी के विलम्ब पर सवाल उठेंगे ही। धनखड़ ने कहा कि महिलाएं कह रही हैं कि वे लुटेरे फिर आएंगे, हमें बचा लो। बंगाल की पुलिस पीडि़तों की मदद करने के बजाए हत्यारों लुटरे को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि तीन मई से प्रदेश में ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार चल रही है। 5 मई को उन्होंने विधिवत शपथ भी ले ली। मैं 10 दिन तक चुप रहा, लेकिन जब लोगों ने ही मुझे ही कटघरे में खड़ा किया तो मुझे राजभवन से बाहर निकलना पड़ा। अब तो राज्यपाल को ही रोका जा रहा है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह खराब है। मुख्यमंत्री को संविधान के अनुरूप कार्य करना चाहिए। राज्यपाल को सुनने के बाद अब केन्द्र सरकार किसी भी रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए। संविधान में राज्यपाल को संरक्षक बना रखा है। किसी भी प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यपाल की भी होती है। यदि राज्यपाल सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकारते हैं कि प्रदेश में लूट हत्या और अराजकता का माहौल है तो फिर बर्खास्तगी जैसी कार्यवाही होनी ही चाहिए। यह माना कि देश में अभी कोरोना संक्रमण की वजह से हालात नाजुक बने हुए हैं, लेकिन ऐसे नाजुक माहौल में भी यदि बंगाल में महिलाओं को लूटा जाए, हत्या की जाए तो कार्यवाही तो होनी ही चाहिए। जब ऐसी अराजकता सरकारी संरक्षण में हो तो और भी गंभीर बात है। पश्चिम बंगाल के हालात पर कांग्रेस की चुप्पी भी आश्चर्यजनिक है। सब जानते हैं कि कांग्रेस ने अपनी कुर्बानी देकर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार बनवाई है। अब कांग्रेस बंगाल की अराजकता रोकने को लेकर कोई पहल नहीं करेगी? सब जानते हैं कि विधानसभा चुनाव में दो मई को ही ममता बनर्जी की जीत होने के साथ ही बंगाल में हिंसा का दौर शुरू हो गया था। हजारों लोगों को भाग कर असम में शरण लेनी पड़ी है। बंगाल में हालात खतरनाक है। S.P.MITTAL BLOGGER (16-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511https://youtu.be/yZgppEoVLKA