अक्टूबर से प्रतिमाह 10 करोड़ वैक्सीन भारत में बनने लगेगी। साल के अंत तक 200 करोड़ डोज बन जाएंगे। अब तक 20 करोड़ वैक्सीन राज्यों को केन्द्र ने निशुल्क दी है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार से ज्यादा प्राइवेट अस्पतालों ने वैक्सीन लगाई।
कोरोना वैक्सीन को लेकर देश भर में आरोप प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि भारत में तैयार वैक्सीन को विदेशों में बेचने की अनुमति केन्द्र सरकार ने ही दी है। अब अपने देश में वैक्सीन की कमी हो गई है। ऐसे आरोपों के बीच ही 27 मई को केन्द्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। सरकार ने कहा कि कोरोना की वैक्सीन आम दवा नहीं है, जिसे कहीं से भी खरीद कर लोगों को दे दी जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर खरी उतरने के बाद ही कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा सकती है। भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल रहा, जहां कोरोना काल में वैक्सीन का उत्पादन संभव हुआ। यही वजह है कि केन्द्र सरकार ने अब तक राज्यों को 20 करोड़ वैक्सीन नि:शुल्क उपलब्ध करवाई है। यह वैक्सीन देशवासियों को ही लगी है। चूंकि भारत बड़ी आबादी वाला देश है,इसलिए वैश्विक स्तर पर भी वैक्सीन को भारत में तैयार करने और विदेश से मंगाने की प्रक्रिया को तेज किया गया है। पूर्व में को वैक्सीन बनाने वाली एक कंपनी थी, लेकिन अब देश में छह कंपनियां यह वैक्सीन बनाने का काम कर रही है। केन्द्र सरकार ने रूस की स्पूतनिक और भारत की डॉक्टर रेडी कंपनी के साथ करार भी किया है। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि अक्टूबर से देश में ही प्रतिमाह करोड़ वैक्सीन तैयार होने लगेगी। वर्ष के अंत तक 200 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे। कोविशील्ड बनाने वाली सीरम कंपनी की उत्पादन क्षमता को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त फाइजर, जोंसन, मॉडर्न जैसी विदेशी कंपनियों से भी डोज खरीदने की बात हो रही है। यह आरोप गलत है कि स्वदेशी वैक्सीन को विदेशों में निर्यात कर दिया गया। कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी का अनुबंध पहले से ही विदेशों से हो रखा था। लेकिन इसके बावजूद भी केन्द्र सरकार के प्रयासों से कोविशील्ड वैक्सीन देशवासियों को सबसे पहले लगाई गई। सरकार का प्रयास है कि देश के हर नागरिक को कोरोना की वैक्सीन जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जाए। अभी भी देश में वैक्सीन लगवाने के प्रति जागरूकता की कमी है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं।
दिल्ली की भी स्थिति स्पष्ट की:
केन्द्र ने 27 मई को दिल्ली की स्थिति भी स्पष्ट की। बताया गया कि दिल्ली को अभी तक वैक्सीन के 46 लाख डोज नि:शुल्क दिए गए हैं। जबकि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने मात्र 8 लाख 17 हजार डोज खरीद कर 18 वर्ष की उम्र वालों को लगाए हैं। दिल्ली सरकार से ज्यादा डोज दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों ने लगाए हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्राइवेट अस्पतालों में 9 लाख 4 हजार 720 व्यक्तियों के वैक्सीन लगाई है
S.P.MITTAL BLOGGER (27-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511