भारत में अभिव्यक्ति की आजादी की चिंता ट्विटर नहीं करे। टीवी चैनलों पर ही मरजा मोदी के नारे प्रसारित होते हैं। सरकार की आलोचना के लिए ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बयान ही काफी हैं।

सोशल मीडिया के प्लेट फार्म ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने तो कहा है कि वे भारत सरकार के बनाए कानूनों का पालन करेंगे, लेकिन साथ ही लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर भी चिंता जताई है। ट्विटर को भारत में लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जितनी आजादी भारत में उतनी अमरीका और इंग्लैंड में भी नहीं होगाी। जैक डोर्सी को अपने ट्विटर को भारत के लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बरदार नहीं समझना चाहिए, क्योंकि हमारे देश के न्यूज चैनलों पर ही मरजा मोदी के नारे प्रमुखता से प्रसारित किए जाते हैं। जब हमारे चैनल ही प्रधानमंत्री के लिए इतना सब कुछ दिखा रहे हैं, तब ट्विटर को कोई चिंता नहीं करनी चाहिए। गली मोहल्लों की हैसियत रखने वाले नेता टीवी चैनलों पर बैठ कर केन्द्र सरकार की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। गंभीर बात तो यह है कि चैनलों के ऐसे प्रोग्राम लाइव प्रसारित होते हैं। ऐसे नेता देश के प्रधानमंत्री को विदेश नीति से लेकर फाइनेंस तक की सीख देते हैं। इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और 52 सांसदों की कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी प्रतिदिन ट्विटर पर ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार की आलोचना करते हैं। ऐसे नेताओं के बयान न्यूज चैनल पर तो प्रसारित होते ही हैं, साथ ही अखबारों में भी छपते हैं। जैक डोर्सी अपने दिल पर हाथ रख कर बताएं कि भारत में विपख के नेताओं को बोलने की जितनी आजादी है, उनती किसी और देश में हैं? क्या कभी केन्द्र सरकार ने किसी विपक्षी नेता के ट्वीट को हटाने के लिए ट्विटर से कहा? केन्द्र सरकार को असली चिंता सोशल मीडिया के प्लेट फार्मो के दुरुपयोग की है। कई आंदोलनों में देखा गया है कि अराजकतत्व सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो और सूचनाएं प्रसारित करते हैं, इससे कानून व्यवस्था की स्थिति पर तो प्रतिकूल असर पड़ता ही है, साथ ही देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। ऐसे कृत्यों को रोकने का केन्द्र सरकार को पूरा अधिकार है। ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को यह समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार को 545 सांसदों में से करीब 350 सांसदों का समर्थन है। ऐसे में लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी की चिंता सबसे पहले केन्द्र सरकार को होगी। जब तक ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बयानों पर रोक नहीं लगाई जाती, तब तक ट्विटर को भारतवासियों की अभिव्यक्ति की आजादी की चिंता नहीं करनी चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि आज भारत में ट्विटर सूचना का आदान प्रदान करने का प्रमुख प्लेट फार्म बन गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी प्लेट फार्म का प्रमुखता से उपयोग करते हैं। ट्विटर को टकराव का रास्ता छोड़कर केन्द्र सरकार को सहयोग करना चाहिए। ट्विटर के लिए भारत बहुत बडा बाजार भी है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (28-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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