देश के खिलाफ साजिश करने वालों को सात वर्षों में मुंह तोड़ जवाब मिला है। मन की बात में प्रधानमंत्री ने अपने सात वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां भी गिनाई। कोरोना काल में चुनौतियों से कैसे निपटा यह भी बताया। 900 टन के मुकाबले में आज 9 हजार 500 मीट्रिक ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।
30 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम मन की बात की शुरुआत तो कोरोना काल की चुनौतियों से की, लेकिन चालीस मिनट के संबोधन में अंतिम दस मिनट उन्होंने अपने सात वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बताया। मोदी ने कहा कि इन सात वर्षों में देश के खिलाफ साजिश करने वालों को जनता ने मुंह तोड़ जवाब दिया है। सद्भावना और शांतिपूर्ण तरीके से पुराने विवादों को सुलझाया गया है। इसी का परिणाम है कि आज कश्मीर तक में शांति है। इन सात वर्षों में देश में बहुत विकास किया। प्रधानमंत्री आवास योजना में बने मकानों के गृह प्रवेश के मौके पर जब उन्हें आमंत्रित किया जाता है तो बहुत खुशी होती है। पहले के सात वर्षों में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में साढ़े तीन करोड़ घरों में पानी के कनेक्शन दिए। जबकि जल शक्ति मिशन के तहत पिछले दो वर्षों में साढ़े चार करोड़ घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं, पहली बार घर में बिजली का कनेक्शन पाकर करोड़ों लोगों ने खुशी प्राप्त की है। कोरोना संक्रमण के बाद भी देश में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। लेकिन फिर भी सरसों की बिक्री एमएसपी से ज्यादा मूल्य पर हो रही है। हमारे कृषि क्षेत्र में भी कोरोना की चुनौतियों का सामना किया है। देश के अस्सी करोड़ लोगों को कोरोना काल में मुफ्त राशन सामग्री दी जा रही है। अब अगरतला का कटहल और बिहार की लीची इंग्लैंड तक जा रही है। किसान रेल के माध्यम से फल सब्जी बड़े महानगरों तक पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में कुछ दिनों पहले तक 900 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होता था, लेकिन आज 9 हजार 500 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने प्रोग्राम में एयर फोर्स के ग्रुप कैप्टन एके पटनायक से भी बात की। पटनायक ने प्रधानमंत्री को बताया कि जब देश में अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरुरत हुई तो एयरफोर्स ने किस तरह से मदद की। सड़क मार्ग से जिस टैंकर को तीन दिन लगते थे, उस टैंकर को एयरफोर्स के जहाजों से मात्र तीन घंटे में पहुंचाया गया। देश के अलावा सिंगापुर, जर्मनी, दुबई आदि देशों से भी ऑक्सीजन के टैंकर हवाई जहाज के जरिए लाए गए। कैप्टन पटनायक की 12 वर्षीय बेटी अदिति ने बताया कि इन दिनों उसके पापा कई दिनों तक घर पर नहीं आए। लेकिन उसे इस बात का गर्व है कि पिता ने हजारों लोगों की जान बचाई है। पीएम मोदी ने दिल्ली के लैब टेक्नीशियन प्रकाश कांडपाल से भी बात की। मोदी ने पूछा कि आप तो लैब में कोरोना जीवाणुओं के बीच काम करते हैं, तो क्या आपको डर नहीं लगता। इस पर कांडपाल ने कहा कि हम त्रिस्तरीय ड्रेस पहनकर लैब में काम करते हैं और हमें इस बात का गर्व है कि हमने कोरोना का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम ने बताया कि एक वर्ष पहले देश में कोरोना टेस्ट की मात्र एक लैब थी, लेकिन आज तीन हजार 500 लैब काम कर रही हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर की भी जमकर प्रशंसा की। पीएम ने ऑक्सीजन टैंकर चालक दिनेश उपाध्याय से भी बात की। यूपी के जौनपुर के हसनपुर गांव के निवासी टैंकर चालक उपाध्याय ने बताया कि जब वे टैंकर को लेकर किसी अस्पताल में पहुंचे थे, तब अस्पताल के चिकित्सा कर्मी और मरीजों के परिजन किसी देवदूत से कम नहीं समझते थे। उसे इस बात की खुशी है कि रात दिन टेंकर चलाकर अस्पतालों तक ऑक्सीजन को पहुंचाया है। उनके इस कार्य से हजारों लोगों की जान बची है। पीएम ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की लोको पायलट शिरिषा गजनी से भी बात की। शिरिषा ने पीएम को बताया कि उसे इस बात गर्व है कि वह भारतीय रेल की चालक हैं। आमतौर पर मालगाड़ी के संचालन का करती है, लेकिन कोरोना काल में उसे ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी दी गई। उसने पूरी मेहनत और सतर्कता के साथ ऑक्सीजन से भरे टैंकर को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाया। पीएम ने कहा कि कोरोना काल में देश ने पूरी चुनौती के साथ कोरोना का मुकाबला किया है। कोरोना काल में ही देशवासियों को तूफान जैसी आफत से भी मुकाबला करना पड़ा, लेकिन इस संकट की घड़ी में पूरा देश एकजुट रहा है। S.P.MITTAL BLOGGER (30-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511