पेट्रोल-डीजल के दामों को नियंत्रित रखना मोदी सरकार की जिम्मेदारी है। तेल मूल्य वृद्धि से बाजार में महंगाई भी बढ़ती है।
देश में तेल कीमतों का निर्धारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों पर निर्भर है। यह बात कह कर केन्द्र की मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। देश की जनता अब जागरूक है, इसलिए यह जानना चाहती है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक बैरल कच्चा तेल 110 डॉलर में आता था, तब भी डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार अधिक 70 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल की बिक्री कर वा रही थी, लेकिन अब एक बैरल कच्चा तेल 70 डॉलर में मिल रहा है, तब देश में पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर क्यों हैं? इस सीधी सी गणित का जवाब मोदी सरकार को देश की जनता को देना चाहिए। यह बात सही है कि राज्य सरकारें भी 20 से लेकर 40 प्रतिशत तक टैक्स वसूल रही हैं। इससे भी पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं लेकिन राज्य सरकार ऐसी टैक्स वसूली पहले भी करती थी। मोदी सरकार के समर्थक यह तर्क दे सकते हैं कि कोरोना का टीका फ्री लगाने के लिए कम से कम 50 हजार करोड़ रुपए चाहिए। इसी प्रकार किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए की नकद राशि डाली जा रही है। नरेगा से लेकर घर घर शौचालय बनाने जैसी कई कल्याणकारी योजनाएं गिनाई जा सकती है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि से आम आदमी परेशान है। पिज्जा बर्गर आदि सप्लाई करने वाले युवक को भी पेट्रोल की मूल्य वृद्धि परेशान कर रही है। बाइक में पेट्रोल डलवा कर ही घर घर तक खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती है। जो लोग कार का इस्तेमाल करते हैं, उनका घरेलू बजट भी पेट्रोल ने बिगाड़ दिया है। भले ही राज्य सरकारें पेट्रोल डीजल पर 40 प्रतिशत टैक्स वसूलती हो, लेकिन मूल्य वृद्धि की सारी बुराई मोदी सरकार के माथे हैं। जब कच्चे तेल की कीमत कम हो रही थी, तब केन्द्र सरकार ने टैक्स में वृद्धि कर दी थी। बीच में एक बैरल कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर तक हो गई थी, अब यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ रही है तो सरकार को टैक्स में कटौती कर देनी चाहिए। इस संबंध में राज्यों के बीच भी सहमति बनानी चाहिए। राजस्थान जैसे राज्य जो 38 प्रतिशत टैक्स वसूल रहे हैं, उन्हें भी टैक्स में कटौती करनी चाहिए। राजस्थान में केन्द्र के बराबर ही राज्य सरकार भी टैक्स की वसूली कर रही है, लेकिन इसके बाद भी तेल मूल्य वृद्धि के लिए मोदी सरकार को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। मोदी सरकार के समर्थक माने या नहीं, लेकिन पेट्रोल डीजल मूय वृद्धि से युवा वर्ग भी नाराज है। एक लीटर पेट्रोल की कीमत 100 बहुत ज्यादा है। S.P.MITTAL BLOGGER (12-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511