राजस्थान में किरायेदारों को मकान मालिक बना रहा है हाउसिंग बोर्ड। पुराने 20 हजार में से 10 हजार से भी ज्यादा मकान बेचकर 1 हजार 500 करोड़ रुपए व व्यावसायिक संपत्तियों से 1 हजार 400 करोड़ रुपए कमाए तथा 200 करोड़ रुपए मूल्य वाली जमीन अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाई। 10 से 12 फिट ऊंचाई वाली एक लाख पेड़ पौधे लगेंगे। सीएम गहलोत और नगरीय विकास मंत्री धारीवाल भी मानते हैं कि बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा ने कीर्तिमान स्थापित किया है।
राजस्थान में किरायेदारों को मकान मालिक बना रहा है हाउसिंग बोर्ड। पुराने 20 हजार में से 10 हजार से भी ज्यादा मकान बेचकर 1 हजार 500 करोड़ रुपए व व्यावसायिक संपत्तियों से 1 हजार 400 करोड़ रुपए कमाए तथा 200 करोड़ रुपए मूल्य वाली जमीन अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाई।
10 से 12 फिट ऊंचाई वाली एक लाख पेड़ पौधे लगेंगे।
सीएम गहलोत और नगरीय विकास मंत्री धारीवाल भी मानते हैं कि बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा ने कीर्तिमान स्थापित किया है।
आप यदि राजस्थान में रह कर किराये के मकान में रहते हैं, तो आपको तत्काल प्रभाव से राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट www.urban.rajasthan.gov.in/RHB लॉगइन करना चाहिए। यह वेबसाइट आपको किरायेदार से मकान मालिक बना सकती है। प्रतिमाह जितना किराया आप चुका रहे हैं, उतनी राशि की किश्त जमा करवाकर कुछ सालों में मकान मालिक बन सकते हैं। चूंकि हाऊसिंग बोर्ड राजस्थान सरकार का उपक्रम है, इसलिए राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी कम ब्याज दर पर लोन मिल रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बोर्ड के सभी मकान प्रदेश के प्रमुख शहरों और कस्बों में प्राइम लोकेशन पर बने हुए हैं। यही वजह है कि कोरोना काल में भी बोर्ड के 10 हजार से भी ज्यादा मकान बिक चुके हैं। अब सिर्फ जयपुर और जोधपुर में ही पुराने मकान बचे हैं। 20 हजार में से 10 हजार मकान बेचकर बोर्ड ने 15 सौ करोड़ रुपए की राशि एकत्रित की है। वहीं व्यावसायिक संपत्तियां बेचकर 1 हजार 400 करोड़ रुपए अतिरिक्त कमाएं। यानी 29 सौ करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया गया। बोर्ड ने जिस तरह से कोरोना काल में मकान बेचे उसकी वजह से दो अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी बोर्ड को मिले हैं। करीब 200 करोड़ रुपए मूल्य की भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाई गई है। विभिन्न अदालतों में जो मुकदमे लंबित थे, उनका भी निस्तारण पूरी ईमानदारी और सख्ती के साथ करवाया गया है। अतिक्रमणकारियों को भी यह संदेश दिया गया है कि मिलीभगत से ज्यादा दिनों तक कब्जा नहीं रखा जा सकता है। चूंकि मकान बेचने में बोर्ड ने कीर्तिमान स्थापित किया है, इसलिए अब प्रदेश भर में 18 आवासीय योजनाओं में 10 हजार नए मकान बनाए जा रहे हैं। यानी 2019 से पहले बोर्ड के जो मकान खंडहर हो रहे थे, आज वही हाउसिंग बोर्ड 10 हजार नए मकान बना रहा है। बोर्ड की तीव्र और प्रभावी गति को देखते हुए ही राज्य सरकार ने अब विधायकों के लिए भी लग्जरी अपार्टमेंट बनाने का काम बोर्ड को दिया है। जयपुर में विधानसभा के ठीक सामने 160 विधायक आवास बन रहे हैं। 265 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले यह आवास 2023 में बनकर तैयार हो जाएंगे, इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों, शिक्षकों आदि के लिए भी हाउसिंग बोर्ड मकान बनवा रहा है। कोटा की तरह जयपुर को कोचिंग हब बनाने का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। बड़े बड़े कोचिंग प्रतिष्ठानों को रियायती दरों पर जयपुर में भूखंड उपलब्ध करवाए जा रहे है। कोरोना काल में बोर्ड की ओर से क्वारंटीन सेंटर भी बनाए गए जिसमें संक्रमित मरीजों को रखा गया। इतना ही नहीं 21 जून को वृक्षारोपण का अभियान चला कर एक लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इसमें अधिकांश पेड़ 10 से 12 फीट ऊंचाई वाले होंगे। प्रत्येक पेड़ पौधा जीवित रहे उसके लिए सख्त नीति बनाई गई है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल कई बार सार्वजनिक समारोह में कह चुके हैं कि बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा ने राजस्थान में कीर्तिमान स्थापित किया है। भाजपा के शासन में जहां हाउसिंग बोर्ड को सफेद हाथी मानकर बंद किए जाने पर विचार हो रहा था, वहीं आज यह सरकारी उपक्रम अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गया है। अब सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी बोर्ड में नियुक्ति पाने के लिए लालायित है। बोर्ड के आयुक्त पवन अरोड़ा (आईएएस) का मानना है कि बोर्ड को जो भी उपलब्धि हासिल हुई है, उसके पीछे कामकाज में पारदर्शिता और टीम भावना रही है। हमने सभी पुराने मकानों की विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर डाली और लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया कि वे ऑनलाइन तकनीक से ही मकान खरीदे। कामकाज में पारदर्शिता की वजह से लोगों का भरोसा कायम हुआ। आज पात्र व्यक्ति मकान की कीमत का मात्र 10 प्रतिशत शुल्क जमा करवा कर गृह प्रवेश कर सकता है। हाउसिंग बोर्ड के प्रदेशभर के कार्यालयों में हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। प्रत्येक बुधवार को मकानों की खरीद के लिए ऑनलाइन प्रस्ताव रखा जाता है। बुधवार को ही सायं साढ़े चार बजे सफल प्रस्तावकर्ता को आवास का आवंटन कर दिया जाता है। कार्यालय समय में जयपुर के हेल्पलाइन नम्बर 0141-2744688 और 0141-2740009 पर जानकारी ली जा सकती है। मोबाइल नम्बर 9461054291 एवं 9460254391 पर उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार जानकारी हासिल कर सकता है। अरोड़ा ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड की सफलता के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल का विजन रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511