अजमेर के आना सागर की भराव क्षमता को कम करने की शुरुआत तो भाजपा के शासन में ही हुई थी। वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल जब भाजपा सरकार में मंत्री थे, तब रीजनल कॉलेज के सामने पाथवे क्यों बनने दिया? तब सांसद भागीरथ चौधरी भी किशनगढ़ के विधायक थे।
अजमेर के भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, मेयर बृजलता हाड़ा, डिप्टी मेयर नीरज जैन आदि ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन देकर आनासागर के अंदर भराव क्षेत्र में बनने वाले पाथवे का विरोध किया है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि पाथवे के निर्माण के लिए भराव क्षेत्र में लाखों टन मिट्टी डाली जा रही है, जिसकी वजह से आनासागर सिकुड़ रहा है। चूंकि आनासागर शहर के बीचों बीच एक प्राकृतिक झील है, इसलिए अजमेर का सौंदर्य भी इससे जुड़ा है। भाजपा नेताओं की यह मांग पूरी तरह जायज है। राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाबचंद कोठारी की जनहित याचिका पर भी हाईकोर्ट का फैसला है कि आनासागर जैसी झीलों के स्वरूप से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए। तालाब, बावड़ी झील आदि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है। यही वजह है कि अजमेर में आनासागर के अंदर लाखों टन मिट्टी डालने और पाथवे निर्माण करने वाले सभी सरकारी अधिकारी, इंजीनियर और ठेकेदार हाई कोर्ट की अवमानना के दोषी हैं। ऐसे ही लोग आना सागर के हत्यारे भी हैं। यदि पाथवे का निर्माण ही करना था तो पहले आनासागर के किनारे हुए अतिक्रमणों को हटाया जाना चाहिए था, लेकिन अतिक्रमण हटाए बगैर ही पाथवे का निर्माण हो रहा है। अब चूंकि अतिक्रमणों के आगे पाथवे बन रहा है, इसलिए अतिक्रमण भी जायज हो जाएंगे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने स्वयं आनासागर के क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित कर रखा है। लेकिन फिर भी आनासागर के भराव क्षेत्र में कई किलोमीटर लम्बा पाथवे बन रहा है तथा भराव क्षेत्र में सेवन वंडर के नाम पर सीमेंट और सरिए की इमारतें खड़ी करने की बेवकूफी की जा रही है। कई किलोमीटर का पाथवे और सेवन वंडर जैसी इमारतें बनने से स्वाभाविक है कि आनासागर की भराव क्षमता कम होगी। आनासागर की पहले भराव क्षमता 16 फिट थी, लेकिन अब भराव क्षेत्र में सरकारी सागर विहार कॉलोनी और प्राइवेट हाउसिंग सोसायटियों के आवास बनने के बाद भराव क्षमता को 13 फिट कर दिया गया। अब फिर बेवकूफियां हो रही हैं, इसलिए हो सकता है कि बरसात के मौसम में भराव क्षमता को 10 फिट ही कर दिया जाए। पहले फॉयसागर के भरने पर बाड़ी नदी के माध्यम से आना सागर में बरसात का पानी भरता था, लेकिन अब बॉडी नदी नाले में तब्दील हो गई है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में फॉयसागर का पानी आना सागर तक लाने की कोई कवायद नहीं की गई है।भाजपा के शासन में शुरुआत:भले ही भाजपा के नेता कांग्रेस के शासन में आनासागर के अंदर पाथवे का विरोध करें, लेकिन पाथवे निर्माण की शुरुआत भाजपा के शासन में ही हुई थी। वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल जब स्वतंत्र प्रभार के ताकतवर मंत्री थे और नगर निगम के मेयर के पद पर तेजतर्रार धर्मेन्द्र गहलोत विराजमान थे, तब रीजनल कॉलेज वाले मार्ग के सामने आनासागर के किनारे पाथवे का निर्माण किया गया था, तब भी कोई 50 फिट अंदर तक मिट्टी डाली गई थी, तब भी यह आरोप लगा था कि इस पाथवे निर्माण से वैशाली नगर तक बने अतिक्रमण सुरक्षित हो जाएंगे। उस समय भी आनासागर का क्षेत्र नो कंस्ट्रक्शन जोन था, लेकिन भाजपा के नेताओं ने किसी की भी परवाह नहीं की। हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए पाथवे का निर्माण कर उद्घाटन भी किया। सवाल उठता है कि अब भाजपा के नेता किस नैतिक साहस से पाथवे का विरोध कर रहे हैं? सांसद भागीरथ चौधरी का कहना है कि वे सड़क से संसद तक संघर्ष करेंगे। यदि चौधरी किशनगढ़ का विधायक रहते पहले ही पाथवे का विरोध कर लेते तो आज संघर्ष नहीं करना पड़ता। राजनेताओं का चरित्र एक जैसा होता है। पहले भाजपा नेता आनासागर की हत्या कर रहे थे और अब कांग्रेस के नेता। चूंकि कांग्रेस के नेता कसाई प्रवृत्ति के होते हैं, इसलिए आनासागर को बड़ी बेरहमी से मार रहे हैं। स्वाभाविक है कि जब पानी से भरे हुए क्षेत्र में मिट्टी डाली जाएगी तो आनासागर की भराव क्षमता कम ही होगी।केन्द्र के पैसे का दुरुपयोग:अजमेर में स्मार्ट सिटी योजना केन्द्र सरकार की है। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कोई 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का मकसद पब्लिक पार्टनरशिप को बढ़ावा देना है। लेकिन अजमेर में एक-दो प्रोजेक्ट को छोड़कर ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं है, जिसमें पैसे की रिकवरी हो। इसके बजाए ऐसे काम करवाए जा रहे हैं जो बाद में रख रखाव के अभाव में खंडहर हो जाएंगे। जो काम राज्य सरकार के हैं उन्हें भी स्मार्ट सिटी के कार्यों में शामिल करवा लिया गया है। असल में सारे निर्णय प्रशासनिक स्तर पर हो रहे हैं। हर सरकार अपने अपने नजरिए से काम करवा रही है। भाजपा के शासन में ब्रह्मपुरी के नाले को कवर करने का काम स्वीकृत हुआ था। काम का शिलान्यास भी कर दिया गया। लेकिन कांग्रेस का शासन आने पर इस कार्य को निरस्त कर दिया। भाजपा के शासन में जो इंजीनियर ब्रह्मपुरी नाले को कवर करने को जरूरी बता रहे थे, उन्हीं इंजीनियरों ने कांग्रेस के शासन में कहा कि तकनीकी दृष्टि से आनासागर एस्केप चैनल वाला यह नाला कवर नहीं होना चाहिए। पता नहीं केन्द्र सरकार के अधिकारी स्मार्ट सिटी के कार्यों का जायजा लेते हैं या नहीं लेकिन अजमेर में केन्द्र सरकार के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। S.P.MITTAL BLOGGER (19-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511