अजमेर में दरगाह बाईपास मार्ग की पहाडिय़ों पर पक्के निर्माण। अतिक्रमणकारियों ने होटलें तक बना ली हैं।
अजमेर में विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह के यातायात को सुगम बनाने और सुरक्षा इंतजामों को देखते हुए अरावली पर्वत को काट कर नागफनी क्षेत्र से बाईपास मार्ग का निर्माण पूर्व में किया गया था। यह बाईपास मार्ग दरगाह के निकट ढाई दिन के झोपड़े के पास उतरता है। दरगाह बाईपास मार्ग का निर्माण होने से पहाड़ पर पहुंचना आसान हो गया। पहले तो झोपड़ीनुमा आवास बनाए गए और बाद में पक्के अतिक्रमण हो गए। अब इस पहाड़ पर 50 कमरों वाली होटलें भी बन गई है। अब यह पूरा पहाड़ा पक्के निर्माणों से ढक गया है। चूंकि यह विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट है, इसलिए पहाड़ की जमीन भी बहुत महंगी है। नियम कायदों से तो पहाड़ी भूमि पर वन विभाग का अधिकार होता है। अजमेर से गुजरने वाली अरावली पर्वतमाला तो बहुत लम्बी और ऐतिहासिक हे, लेकिन अजमेर में यह पर्वतमाला अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। गंभीर बात तो यह है कि कोई भी सरकारी विभाग ऐसे अतिक्रमणों को हटाने की हिम्मत नहीं दिखाता। उल्टे पानी, बिजली, नाली सड़क आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई है। जब भी चुनाव आते हैं, तब अतिक्रमणकारियों की सुविधाओं में इजाफा हो जाता है। वोट की राजनीति के चलते अतिक्रमणकारियों के पास पहाड़ा पर ही राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि सरकारी दस्तावेज भी बन गए हैं। कोई भी यह पूछने वाला नहीं है कि आखिर पहाड़ा की भूमि पर मालिकाना हक कहां से आया? होटलों के निर्माण से जाहिर है कि कई विभागों के कार्मिकों की मिलीभगत रही है। पहाड़ी पर रहने वाले लोग कई बार अपराधों में भी लिप्त है। माना जाता है कि यह पहाड़ी अपराधियों के छिपने के लिए सुरक्षित है। यहां बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं, लेकिन सीवरेज का कोई सिस्टम नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहाड़ी पर गंदगी की स्थिति कैसी होगी। पहाड़ी पर बने मकानों और होटलों का फोटो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511