तो क्या राजस्व आयुक्तालय बना देने से भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा? राजस्व मंडल का दर्जा घटाने के प्रकरण में बड़ा सवाल। फिर राजस्व मंडल के अध्यक्ष का क्या महत्व रहेगा? यह अजमेर के साथ ही विश्वासघात होगा। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा निभा सकते हैं महत्वपूर्ण भूमिका। अजमेर ने रघु को सांसद भी बनाया है। 28 जून को राजस्व मंडल के वकीलों से मिलेंगे मुख्य सचिव।

राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार चाहती है कि राजस्व मंडल का दर्जा घटाकर प्रदेश में राजस्व आयुक्तालय बना दिया जाए। इस आयुक्तालय के माध्यम से ही प्रदेशभर के तहसीलदारों के तबादले और राजस्व के अन्य प्रशासनिक काम हों। अभी ये कार्य राजस्व मंडल के माध्यम से होते हैं। सीएम गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में गत 9 जून को एक बैठक हो भी चुकी है। इस बैठक में राजस्व आयुक्तालय के गठन की प्रक्रिया पर विचार हुआ। आयुक्तालय बनाने का निर्णय गहलोत सरकार ने तब लिया है, जब राजस्व मंडल में फैले भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया। जांच पड़ताल के लिए मंडल के अध्यक्ष आर वेंकटेश्वरन के कक्ष को भी सील किया गया। इससे भ्रष्टाचार की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। मंडल के दो सदस्य मनोज नाग और सुशील शर्मा के साथ दलाल की भूमिका निभाने वाले वकीलों को भी पकड़ा गया। अब इस मामले में क्या हो रहा है, यह गृह मंत्री की भूमिका निभाने वाले सीएम अशोक गहलोत और एसीबी के डीजी बीएल सोनी ही जानते हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के उजागर होने से गहलोत सरकार ने राजस्व आयुक्तालय बनाने का निर्णय किया है। सवाल उठता है कि क्या आयुक्तालय बना देने से राजस्व महकमे में भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा? क्या राजस्व आयुक्तालय में नियुक्त होने वाले आईएएस, आरएएस आदि अधिकारी राजा हरीश चन्द्र की तरह ईमानदार होंगे? आयुक्तालय में भी तो वही नौकरशाह नियुक्त होंगे जो राजस्व मंडल जैसे महकमों से अनुभव लेते हैं। गहलोत सरकार को यदि भ्रष्टाचार को समाप्त करना है तो प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता लाने के साथ साथ राजनीतिक दखल बंद करवाना होगा। सब जानते हैं कि राजस्व मंडल के अध्यक्ष का पद राज्य के मुख्य सचिव के बराबर होता है, इसलिए राजस्व मंडल को प्रदेशभर के तहसीलदारों के तबादले और राजस्व के कामों पर निगरानी की जिम्मेदारी दी गई। मंडल के अध्यक्ष को राजस्व के न्यायिक कार्य के साथ साथ प्रशासनिक कार्यों को निपटाने का दायित्व भी दिया गया है। राजनीतिक कारणों से जो आईएएस मुख्य सचिव नहीं बनते उन्हें राजस्व मंडल का अध्यक्ष बना दिया जाता है। मुख्य सचिव के पद से वंचित आईएएस मंडल का अध्यक्ष बनकर जैसे तैसे अपना काम चला लेता है। गत वर्ष जब 7-8 आईएएस की वरिष्ठता को लांघ कर निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया गया तो आर वेंकटेश्वरन को राजस्व मंडल का अध्यक्ष बनाया गया। वेंकटेश्वरण जैसे तैसे अपना काम चला रहे थे कि एसीबी ने मंडल पर छापामार कार्यवाही कर दी। चूंकि अब अनेक आईएएस और आईएएस सरकार के अहसानों से दबे पड़े हैं, इसलिए राजस्व मंडल का दर्जा घटाने की प्रक्रिया पर खामोशी है। मजे की बात देखिए जो निरंजन आर्य 7-8 आईएएस की वरिष्ठता को लांघ कर मुख्य सचिव बने वहीं निरंजन आर्य मुख्य सचिव के स्तर के पद वाले राजस्व मंडल के अध्यक्ष के अधिकार छीनने की प्रक्रिया तय कर रहे हैं। ऐसो सिर्फ अशोक गहलोत के शासन में ही हो सकता है। चूंकि राजस्व मंडल का मुख्यालय अजमेर में है, इसलिए दर्जा घटाने की प्रक्रिया के विरोध में अजमेर में आंदोलन भी हो रहा है। लेकिन यह आंदोलन अथवा विरोध तभी सफल होगा, जब प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा साथ आएंगे। शर्मा अभी अजमेर के केकड़ी से विधायक हैं, लेकिन जिलेभर के लोगों ने शर्मा को जनवरी 2018 में उपचुनाव में सांसद भी बनवाया था। अब जब राजस्व मंडल का दर्जा घटाकर अजमेर का भी महत्व कम किया जा रहा है, तब रघु शर्मा की भी जिम्मेदारी है कि वे अजमेर के साथ खड़े हों। यह सही है कि 1956 में जब अजमेर राज्य राजस्थान में शामिल हुआ था, तब अजमेर के राज्य स्तरीय महत्व को बनाए रखने के लिए राजस्व मंडल, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान लोक सेवा आयोग आदि के मुख्यालय रखे गए थे। अब यदि मंडल का दर्जा घटाया जाता है तो यह अजमेर की जनता के साथ भी विश्वासघात होगा। हालांकि राजनीति में विश्वासघात शब्द कोई मायने नहीं रखता है,क्योंकि राजस्व मंडल के सर्किट बेंच संभाग स्तर पर शुरू करवा कर पहले ही विश्वासघात किया जा चुका है। जो गहलोत सरकार आयुक्तालय बना कर राजस्व के प्रशासनिक अजमेर से जयपुर ले जाना चाहती है उसे यह समझना चाहिए कि भौगोलिक दृष्टि से अजमेर सेंटर में आता है। प्रदेशवासियों को जयपुर के बजाए अजमेर आना ज्यादा आसान होता है। राजस्व मंडल बार एसोसिएशन भी लगातार इस मुद्दे पर सक्रिय हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने वकीलों के एक प्रतिनिधि मंडल को 28 जून को जयपुर बुलाया है। इस मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल राजस्व मंडल के दर्जे को घटाने के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 8107174171 पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (27-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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