राजस्थान के परिवार पड़ोसी राज्यों में जा कर विवाह समारोह कर रहे हैं इससे राजस्थान की वेडिंग इंडस्ट्री को भारी नुकसान। चालीस व्यक्तियों वाले आदेश का प्रदेशभर में विरोध हुआ।
29 जून को जयपुर सहित प्रदेशभर में वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े हलवाई, समारोह स्थल, बैंड बाजे, केटर्स, डेकोरेशन, टेंट आदि के कारोबार से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया। जयपुर में जहां बड़ा प्रदर्शन हुआ तो वहीं कोटा में कलेक्ट्रेट पर बैंड बजाया गया। इस इंडस्ट्री से जुड़े पांच लाख लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 जुलाई से शादी समारोह में जो चालीस व्यक्तियों की छूट दी है वह बेमानी है। इन चालीस व्यक्तियों में 25 मेहमान बताए गए हैं,जबकि 15 में डेकोरेशन, बैंड, हलवाई, टेंट आदि को शामिल किया गया है। भले ही शादी का समारोह समारोह स्थल पर करने की छूट दी गई हो, लेकिन 40 व्यक्तियों की संख्या बहुत कम है। जबकि पड़ोसी राज्य गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी, हरियाणा, दिल्ली आदि में शादी समारोह में 200 व्यक्तियों तक की छूट दी गई है। यही वजह है कि राजस्थान के परिवार पड़ोसी राज्यों में जाकर विवाह समारोह कर रहे हैं। इससे राजस्थान की वेडिंग इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो रहा है। पिछले डेढ़ वर्ष से वेडिंग इंडस्ट्री के लोग बेरोजगार हैं। पांच लाख लोगों के सामने भूखे मरने की स्थिति आ गई है। इस उद्योग से जुड़े लोग पहले ही गरीब तबके के हैं और उस पर डेढ़ वर्ष से रोजगार नहीं मिलने की वजह से हालात बेहद खराब हैं। जब पड़ोसी राज्यों में छूट मिल गई है तो फिर राजस्थान में 40 व्यक्तियों की पाबंदी क्यों लगा रखी है। सीएम अशोक गहलोत को पांच लाख गरीब वर्ग के लोगों का ख्याल रखना चाहिए। यदि शादी समारोह में शामिल होने वालों की संख्या नहीं बढ़ाई गई तो अधिकांश परिवार पड़ोसी राज्यों में जाकर धूमधाम से विवाह कर लेंगे। 29 जून को प्रदेशभर में हुए धरना प्रदर्शनों में मुख्यमंत्री से मांग की गई कि पड़ोसी राज्यों की तरह राजस्थान में भी शादी समारोह में छूट मिलनी चाहिए। टेंट हलवाई, कैटरिंग, डेकोरेशन आदि कारोबार करने वालों के पास लाखों रुपए का सामान है जो बेकार पड़ा हुआ है। अब तक यह परंपरा रही है कि दूसरे राज्यों के धनाढ्य व्यक्ति राजस्थान में आकर विवाह करते हैं, लेकिन अब राज्य सरकार की नीति की वजह से धनाढ्य परिवार राजस्थान में नहीं आ रहे हैं। इसके विपरीत राजस्थान के परिवार दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। मुख्यमंत्री को इस गंभीर स्थिति की ओर ध्यान देना चाहिए। लॉकडाउन में पहले ही होटल उद्योग का भी बुरा हाल हो गया है। होटल उद्योग भी शादी समारोह से जुड़ा हुआ है। S.P.MITTAL BLOGGER (29-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511