तो क्या राहुल गांधी संयुक्त विपक्षी दल के नेता बन जाएंगे? राहुल ने सुबह का लजीज नाश्ता करवाया और विपक्षी दलों के सांसदों से संसद तक साइकिल चलवाई। लेकिन नाश्ते पर अरविंद केजरीवाल और मायावती के सांसद नहीं आए। संसद न चलने देना जनता का अपमान है-पीएम मोदी।
3 अगस्त को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के सांसदों को नाश्ते पर आमंत्रित किया। 14 विपक्षी दलों के नेता और सांसद ने राहुल द्वारा परोसा गया लजीज नाश्ता खाया और संसद तक साइकिल भी चलाई। स्वयं राहुल गांधी ने भी साइकिल चलाई। इससे पहले 28 जुलाई को भी राहुल गांधी ने सभी विपक्षी दलों के साथ बैठक की थी। सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी संयुक्त विपक्षी दल के नेता बन जाएंगे? तीन अगस्त के नाश्ते पर अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और मायावती की बसपा से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ, जबकि 28 जुलाई वाली बैठक में ममता बनर्जी की टीएमसी का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था, लेकिन दोनों ही बार राहुल गांधी ने इस बैठक में संकेत दिए कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों को एकजुट किया जा सकता है। राहुल गांधी ने अपनी नेतृत्व क्षमता तब दिखाई है, जब विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से पिछले 15 दिनों से संसद के दोनों सदन नहीं चल रहे हैं। शरद पवार, ममता बनर्जी, लालू प्रसाद यादव, सीताराम येचुरी जैसे नेता राहुल गांधी को कैसे नेता मानेंगे यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन तीन अगस्त को विपक्षी दलों के नेताओं से साइकिल चलाकर राहुल गांधी ने मीडिया का ध्यान आकर्षित अवश्य किया है। राहुल गांधी ने यह भी प्रदर्शित किया है कि वे भले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बने, लेकिन वे संयुक्त विपक्ष के नेता बन सकते हैं। 3 अगस्त को एनसीपी, आरजेडी छोटे दलों के नेताओं ने राहुल गांधी के प्रयासों की प्रशंसा की है। विपक्षी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि संसद नहीं चलने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा स्वयं जिम्मेदार हैं। तीन अगस्त को भी विपक्षी दलों के सांसदों के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा नहीं चल सकी। जिस तरह संयुक्त विपक्ष एकता दिखा रहा है उससे प्रतीत होता है कि मानसूत्र सत्र हंगामे की भेंट ही चढ़ेगा। दोनों सदनों पर प्रतिदिन 14 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। संसद तब नहीं चल रही है, जब लोकसभा में भाजपा और उनके सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या 350 है। जबकि संयुक्त विपक्ष के सांसदों की संख्या 200 से भी कम है।
जनता का अपमान:
3 अगस्त को भी संसद नहीं चलने देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, विपक्षी दल जनता का अपमान कर रहे हैं। जनता ने सांसदों को इसलिए चुना है कि वे जनसमस्याओं को संसद में रखे। लेकिन विपक्षी दलों के नेता अपने अडिय़ल रुख के कारण संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि जब सरकार हर विषय पर चर्चा कराने को तैयार है तब विपक्षी दलों के सांसद संसद में आकर बहस क्यों नहीं करते हैं? उन्होंने कहा कि संसद के नहीं चलने से जनता के धन की बर्बादी तो हो ही रही है, साथ ही लोक महत्व के काम नहीं हो रहे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-08-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511