साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित संग्रहालय बनाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ऐतराज क्यों? काश! गांधी जी की भावना के अनुरूप राजस्थान में भी संपूर्ण शराबबंदी होती।
गुजरात सरकार के निर्णय लिया है कि अहमदाबाद स्थित साबरती आश्रम में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक आकर्षक और आधुनिक संग्रहालय बनाया जाए। इस संग्रहालय में गांधी जी के जन्म से लेकर निधन तक की जीवन यात्रा का चित्रण होगा, जिसमें स्वतंत्रता आंदोलन की घटनाएं भी जुड़ी होगी। इस संग्रहालय के माध्यम से गांधी जी का संदेश दूर तलक जाएगा और बाहर से आने वाले लोगों को एक ही स्थान पर गांधी जी को समझने का अवसर मिलेगा। लेकिन अब गुजरात सरकार के इस निर्णय पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एतराज है। गहलोत स्वयं को महात्मा गांधी का पक्का अनुयायी होने का दावा करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि अशोक गहलोत भी गांधी जी की तरह शराब का सेवन नहीं करते हैं तथा खादी का कुर्ता पायजामा पहनते हैं। सादगी से जीवन व्यतीत करते हैं। गहलोत को आशंका है कि संग्रहालय बनने से साबरमती आश्रम का मूल स्वरूप बदल जाएगा। गहलोत चाहते हैं कि आश्रम का स्वरूप बना रहे, ताकि साबरमती आने वाले लोग यह जान सके कि देश की आजादी दिलाने वाला महान व्यक्ति कितनी सादगी से रहता था। इसमें कोई दो राय नहीं कि महात्मा गांधी के आश्रम शैली का स्वरूप बना रहना चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि संग्रहालय बनने से साबरमती आश्रम का स्वरूप बदल जाएगा। आश्रम का उद्देश्य अपनी जगह है और संग्रहालय का अपनी जगह। सब जानते हैं कि साबरमती आश्रम में न तो महात्मा गांधी का जन्म हुआ और न ही निधन। गांधीजी जब स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे, तब उन्होंने करीब 13 वर्ष इस आश्रम में गुजारे। चूंकि यह स्थान अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे हैं, इसलिए इसका नाम साबरमती आश्रम हो गया। इसमें कोई दो राय नहीं कि गांधीजी की मौजूदगी के कारण यह आश्रम देश की प्रमुख घटनाओं का गवाह बना। अंग्रेज शासकों से लेकर देश के प्रमुख नेता गांधी जी से मिलने के लिए इसी आश्रम में आते थे। जिन लोगों ने साबरमती आश्रम देखा है, उन्हें पता है कि आश्रम में बहुत सी भूमि बेकार पड़ी है। ऐसी बेकार भूमि पर यदि संग्रहालय का निर्माण होता है तो किसी को भी ऐतराज नहीं होना चाहिए। महात्मा गांधी का जीवन वृत्तांत यदि एक ही स्थान पर उपलब्ध होता है तो यह अच्छी बात है। इससे गांधीजी को समझने का बेहतर अवसर मिलेगा। संग्रहालय बनने के बाद शोधार्थी भी एक ही स्थान पर रह कर शोध कार्य कर सकेंगे। महात्मा गांधी ने साफ सफाई की जो शिक्षा दी उसके मद्देनजर ही आज देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी?:महात्मा गांधी के आश्रम के मूल स्वरूप को लेकर सीएम गहलोत ने जो चिंता जताई है, वह अच्छी बात है, लेकिन अच्छा होता कि महात्मा गांधी की भावना के अनुरूप राजस्थान में भी संपूर्ण शराबबंदी होती। गांधी जी ने कहा था कि यदि कोई स्कूल शराब से प्राप्त आय से चाहती है तो ऐसी स्कूल को बंद करना पसंद करुंगा। लेकिन अब राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लिए शराब की बिक्री से प्राप्त राजस्व ही सबसे बड़ा आय का स्त्रोत है। सीएम गहलोत भी जानते हैं कि शराब की वजह से अनेक सामाजिक बुराइयां व्याप्त है। सबसे ज्यादा प्रताडऩा का शिकार परिवार की महिलाओं को होना पड़ता है। यही वजह है कि राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर श्रीमती पूनम छाबड़ा महिलाओं के बीच लगातार सक्रिय हैं। पूनम छाबड़ा कांग्रेस के पूर्व विधायक स्वर्गीय गुरुशरण सिंह छाबड़ा की पुत्रवधू है। शराबबंदी को लेकर आमरण अनशन के दौरान ही छाबड़ा की दु:खद मौत हुई थी। S.P.MITTAL BLOGGER (10-08-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511