अफगानिस्तान में चरमपंथियों की सरकार बनाने का खामियाजा भुगत रहा है पाकिस्तान। महबूबा मुफ्ती जैसे पाकिस्तान परस्त नेता रावलपिंडी की घटना से सबक लेें। हमारे कश्मीर में तो फैशन शो हो रहे हैं।
17 सितंबर को जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में अफगानिस्तान की ताजा घटनाओं के मद्देनजर दुनिया भर में चरमपंथी और आतंक के बढ़ने की आशंका जता रहे थे, तभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रावलपिंडी में क्रिकेट मैच शुरू करवाने के लिए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न के समक्ष गिड़गिड़ा रहे थे। न्यूजीलैंड की पीएम आर्डर्न ने इमरान खान से साफ कहा कि पाकिस्तान में आतंकी हमला होने का खतरा है, इसलिए न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रावलपिंडी में मैच नहीं खेलेंगे। अद्र्रन ने इमरान के सभी आग्रह खारिज कर दिए। न्यूजीलैंड की टीम तीन वनडे और 5टी 20-20 मैच खेलने के लिए पाकिस्तान गई थी। 17 सितंबर को रावलपिंडी में पहला मैच शुरू होता, इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाडिय़ों ने मैदान में उतरने से इंकार कर दिया। खिलाडिय़ों और न्यूजीलैंड को रावलपिंडी के मैदान पर आतंकी हमले की आशंका थी। ऐसा हमला श्रीलंका टीम के दौरे के समय भी पाकिस्तान में हो चुका है। असल में अब पाकिस्तान को अफगानिस्तान में चरमपंथियों की सरकार बनवाने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पाकिस्तान की इमेज भी अफगानिस्तान जैसी हो गई है। दुनियाभर में पाकिस्तान को भी आतंक को बढ़ावा देने वाला देश माना जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जिस तरह अमरीका के साथ धोखा किया, उससे अब चीन को छोड़कर कोई भी देशपाकिस्तान पर भरोसा नहीं कर रहा है। पाकिस्तान पहुंचने के बाद भी न्यूजीलैंड के खिलाडिय़ों का मैच खेलने से इंकार करने से दुनिया भर में पाकिस्तान की भद्द पिट रही है। पाकिस्तान के बड़बोले गृह मंत्री शेख रशीद ने तो इस घटना में भारत की भूमिका बता दी है। शेख राशिद का कहना है कि रावलपिंडी में आतंकी हमले की खबर भारतीय मीडिया ने फैलाई जिससे न्यूजीलैंड के खिलाड़ी डर गए। लेकिन इमरान खान भी जानते हैं कि पाकिस्तान के हालात कैसे हैं? इमरान खान खुद पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है। 17 सितंबर को रावलपिंडी की घटना से महबूबा मुफ्ती जैसे पाकिस्तान परस्त नेताओं को सबक लेना चाहिए। जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर महबूबा चाहती हैं कि भारत पाकिस्तान से वार्ता करे। महबूबा का मानना है कि पाकिस्तान से वार्ता किए बगैर कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। सब जानते हैं कि पाकिस्तान तो जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करना चाहता है। वैसे तो अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद कश्मीर का कोई मुद्दा ही नहीं रहा है। 370 हटने के बाद पिछले दो वर्षों में जम्मू कश्मीर के हालात सामान्य हो गए हैं। 16 सितंबर को ही श्रीनगर के पांच सितारा होटल द ललित में कश्मीरी लड़कियों ने का फैशन शो आयोजित हुआ। इस शो का आयोजन देश के फर्स्ट इंडिया मीडिया समूह के द्वारा किया गया था। महबूबा बताएं कि जब श्रीनगर में फैशन शो हो रहा है, तब पाकिस्तान से कश्मीर के किस मुद्दे पर बात की जाए? पाकिस्तान से वार्ता करने का मतलब है कि जम्मू कश्मीर में फिर से आतंकवाद को बढ़ावा देना। आजादी के बाद से जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान से बात की जाती रही, इसलिए तो आतंक को बढ़ावा मिला। महबूबा माने या नहीं लेकिन उनकी सोच अब जम्मू कश्मीर में अप्रासंगिक हो गई है। कश्मीर के युवा अब सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंकने में रुचि नहीं रखते हैं, बल्कि फैशन शो में भाग लेकर देश की मुख्यधारा से जुडऩा चाहते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (18-09-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511