निलंबित डीएसपी हीरालाल सैनी के ब्यावर में अजमेर के पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद शर्मा ने जनसुनवाई की। पुलिस की इमेज सुधारने की कोशिश। एसपी ने मौके पर ही समस्याओं के समाधान किए। कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा के कारण अजमेर की यातायात व्यवस्था बिगड़ी। पूर्व डिप्टी मेयर संपत सांखला ने नाराजगी जताई।
इन दिनों पूरे देश में राजस्थान पुलिस के डीएसपी हीरालाल सैनी और एक महिला कांस्टेबल के अश्लील वीडियो की चर्चा हो रही है। यह दोनों अब 20 सितंबर तक एसओजी की रिमांड पर है। सैनी अजमेर के ब्यावर उपखंड के डीएसपी थे। सैनी ब्यावर में पिछले तीन वर्षों से जमे हुए थे। विगत दिनों अश्लील वीडियो सामने आने के बाद ही सैनी को ब्यावर से हटाया गया। लेकिन तब तक राजस्थान पुलिस की बहुत बदनामी हो चुकी थी। ऐसे ही माहौल में 17 सितंबर को अजमेर के पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद शर्मा ने पुलिस की इमेज सुधारने की कोशिश की। इसके लिए एसपी ने ब्यावर उपखंड के जागरूक नागरिकों को सिटी पुलिस स्टेशन पर आमंत्रित किया। इस जनसुनवाई में एसपी ने नवनियुक्त डीएसपी कुंदन कांवरिया (आईपीएस), ग्रामीण एएसपी किशन सिंह भाटी और उपखंड के सभी थानाधिकारियों की उपस्थित दर्ज करवाई। रंगीन मिजाज निलंबित डीएसपी हीरालाल सैनी पर तो एसपी ने कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि यह जनसुनवाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर हो रही है। ऐसी जनसुनवाई सभी जिलों में की जा रही है। अजमेर में थाना स्तर पर भी जनसुनवाई के कार्यक्रम बनाए गए हैं। एसपी ने कहा कि जागरूक नागरिक और पुलिस के बीच हमेशा तालमेल बना रहना चाहिए। वे स्वयं सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए जागरूकता के संदेश देते रहते हैं। अपराध नियंत्रण में भी आम लोगों का सहयोग अपेक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति को सबसे पहले थानाधिकारी को अपनी शिकायत बतानी चाहिए। यदि थाने पर सुनवाई नहीं होती है तो क्षेत्र के डीएसपी और अन्य अधिकारियों को जानकारी देनी चाहिए। यदि इस पर भी समस्या का समाधान न हो तो पुलिस अधीक्षक को जानकारी दी जानी चाहिए। एसपी ने कहा कि उन्होंने तो अपना मोबाइल नम्बर 9414007742 भी सार्वजनिक कर रखा है। कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर व्हाट्सएप कर जानकारी दे सकता है। जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों के संबंध में एसपी ने कहा कि इनका समाधान जल्द किया जाएगा। इस अवसर पर एसपी ने ब्यावर के सिटी थानाधिकारी संजय शर्मा की कार्यशैली की प्रशंसा भी की। जनसुनवाई में पार्षद भरत बाघमार ने भी अपनी शिकायत रखी। रिटायर्ड फौजी राधावल्लभ माहेश्वरी ने पुलिस के इंस्पेक्टर पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। इस पर एसपी ने माहेश्वरी के मामले की जांच डीएसपी कंवरिया से करवाने के निर्देश दिए। एक वृद्धा की शिकायत पर एसपी ने मांगलियावास थानाधिकारी को सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। भाजपा के कार्यकर्ता पिंटू साहू ने पासपोर्ट बनाने में पुलिस की लड़चनों से एसपी को अवगत कराया। जनसुनवाई में समाजसेवी सरदार मंजीत सिंह, पीडि़ता स्वाति गुप्ता, एडवोकेट डीडी राठौड़ आदि ने भी ब्यावर की समस्याओं से एसपी को अवगत कराया।
यातायात व्यवस्था बिगड़ी:
18 सितंबर को कृषि पर्यवेक्षक पद की परीक्षा के अवसर पर अजमेर में यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। एलिवेटेड रोड के निर्माण से पहले ही शहर की यातायात व्यवस्था का बुरा हाल है। लेकिन 18 सितंबर को जब 20 हजार से भी ज्यादा अभ्यर्थी कृषि पर्यवेक्षक की परीक्षा देने के लिए अजमेर आए तो हालात और बिगड़ गए। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित यह परीक्षा 18 सितंबर को प्रात: 10 से दोपहर 12 बजे के बीच हुई। 12 बजे जब परीक्षा समाप्त हुई तो शहर भर में वाहनों का रेला निकला। हालांकि हजारों परीक्षार्थी बस और ट्रेन से आए लेकिन हजारों परीक्षार्थी निजी वाहनों से भी अजमेर पहुंचे। वाहनों की इतनी संख्या को देखते हुए ट्रेफिक पुलिस में कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए। इससे दोपहर को जगह जगह जाम की स्थिति हुई। पूर्व डिप्टी मेयर संपत सांखला ने बिगड़ी यातायात व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की है। सांखला ने कहा कि वे स्वयं डेढ़ घंटे तक जाम में फंसे रहे। उन्होंने कहा कि जब पुलिस को यह पता था कि इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी आएंगे तो पहले से ही यातायात के इंतजाम किए जाने चाहिए थे। सांखला ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी परीक्षा होनी है और 26 सितंबर को तो रीट की परीक्षा होगी। पुलिस प्रशासन को परीक्षा के मद्देनजर यातायात के इंतजाम करने चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (18-09-2021)
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