भाषा और फोटो से जुड़ी त्रुटियों को रीट परीक्षार्थी 21 सितंबर की रात तक सुधरवा सकेंगे। 26 नकल करने की नीयत से अभ्यर्थियों ने एक से अधिक आवेदन किए। 16 लाख में से सिर्फ 6 लाख अभ्यर्थियों को गृह जिले से दूसरे जिले में जाना है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थियों की अक्ल पर अफसोस जताया। सबका सहयोग मिला तो रीट परीक्षा का परिणाम 12 अक्टूबर तक घोषित कर दिया जाएगा। रीट परीक्षा से जुड़े कार्मिकों की हड़ताल पर रोक। रोडवेज की बसों में 20 सितंबर से नि:शुल्क यात्रा शुरू।
26 सितंबर को होने वाली राज्य स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) के प्रवेश पत्रों में निकल रहीं गलतियों को सुधारने के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बड़ा निर्णय लिया है। 20 सितंबर को बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने बताया कि अभ्यर्थी प्रवेश पत्र में भाषा और फोटो की संबंधित त्रुटियों को 21 सितंबर की रात तक ऑनलाइन सुधरवा सकेंगे। इसके लिए अभ्यर्थियों को बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर ही सुधार करना होगा। 21 सितंबर तक त्रुटी सुधारने की एवज में किसी भी अभ्यर्थी से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। डॉ. जारोली ने स्पष्ट किया कि यह सुधार सिर्फ भाषा और फोटो से संबंधित ही होगा। इसके अतिरिक्त अन्य त्रुटियों को सुधारने के लिए बोर्ड के पूर्व के नियमों के अनुरूप आवेदन करना होगा। यानी गलतियों को सुधारने के लिए 300 रुपए का निर्धारित शुल्क बोर्ड में जमा कराना होगा। डॉ. जारोली ने कहा कि प्रवेश पत्र में त्रुटियों के लिए बोर्ड जिम्मेदार नहीं है। परीक्षा आवेदन के साथ ही बोर्ड ने प्रवेश पत्र को भरने का दायित्व भी अभ्यर्थियों को ही दिया था। अभ्यर्थियों ने जो प्रवेश पत्र तैयार किया उस पर सिर्फ परीक्षा केंद्र और रोल नंबर अंकित किया गया है। अब यदि प्रवेश पत्र में त्रुटी नजर आ रही है तो इसके लिए अभ्यर्थी स्वयं जिम्मेदार हैं। डॉ. जारोली ने कहा कि रीट परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी ही शिक्षक बनेंगे। जो अभ्यर्थी शिक्षक बन रहा है उसे आवेदन करते समय अपने प्रवेश पत्र की जांच तो अच्छी तरह करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा तीन बार स्थगित हुई है। बोर्ड ने हर बार परीक्षार्थियों को गलती सुधारने का अवसर दिया, लेकिन अभ्यर्थियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई, अब जब 26 सितंबर को परीक्षा होने जा रही है, तो हंगामा खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो अखबार वाले प्रवेश पत्रों की त्रुटियों को प्रमुखता से छाप रहे हैं, उन्हें कम्प्यूटर का ज्ञान बोर्ड से ज्यादा है। जिस अभ्यर्थी ने जो इंद्राज किया है उसी के अनुरूप प्रवेश पत्र तैयार हुआ है। इसमें बोर्ड और कम्प्यूटर बाबा का कोई दोष नहीं है। जारोली ने बताया कि 44 हजार ऐसे अभ्यर्थी है जिन्होंने एक से अधिक परीक्षा आवेदन किए हैं। यानी ऐसे अभ्यर्थी उस स्थान पर परीक्षा देते जहां नकल करने की व्यवस्था हो जाती। जारोली ने कहा कि ऐसे सभी अभ्यर्थियों की पहचान कर ली गई है। एक आवेदन को छोड़कर सभी ने परीक्षा केंद्र दूर स्थान पर आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को दूसरे जिले में परीक्षा केंद्र बनाए जाने का भी मुद्दा उठाया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि 16 लाख अभ्यर्थियों में से मात्र 6 लाख अभ्यर्थियों को ही गृह जिले से दूसरे जिले में भेजा गया है। यानी 6 लाख अभ्यर्थी ही दूसरे जिले में परीक्षा देने जाएंगे। शेष दस लाख अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र उनके गृह जिले में ही बनाए गए हैं। गृह जिले वाले अभ्यर्थी अपने साधनों से ही परीक्षा केंद्रों तक पहुंच सकते हैं। डॉ. जारोली ने बताया कि दो लाख सत्तर हजार अभ्यर्थी दूसरे राज्यों के हैं। ऐसे बाहरी अभ्यर्थियों को दूर के परीक्षा केंद्र आवंटित किए हैं, जो अभ्यर्थी राजस्थान से बाहर के राज्य से परीक्षा देने आ सकता है वह अन्य जिले में भी परीक्षा देने के लिए जा सकता है। उन्होंने बताया कि भरतपुर जिले में एक लाख आठ हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जबकि भरतपुर जिले की क्षमता 58 हजार अभ्यर्थियों की है। स्वाभाविक है कि ऐसे में भरतपुर के अभ्यर्थियों को दूसरे जिले में भेजा जाएगा।12 अक्टूबर तक परिणाम:डॉ. जारोली ने बताया कि रीट परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी गंभीर है। मुख्यमंत्री ने भी बोर्ड को परीक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सभी का सहयोग मिलता रहा तो वे परीक्षा के पन्द्रहवें दिन रीट का परिणाम घोषित कर देंगे। यानी 26 सितंबर को परीक्षा संपन्न हो जाने के बाद 12 अक्टूबर तक परिणाम आ जाएगा। डॉ. जारोली ने कहा कि अभी तक परीक्षा की सभी तैयारियां सुचारू चल रही है। रीट की परीक्षा राजस्थान की सबसे बड़ी परीक्षा है। हम देख रहे हैं कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कितनी गड़बडिय़ां सामने आ रही है, ऐसे में बोर्ड के सामने भी इतनी बड़ी परीक्षा को कराने की चुनौती है।हड़ताल पर रोक:जो सरकार विभाग रीट परीक्षा के आयोजन से जुड़े हुए हैं, उनके कार्मिकों की हड़ताल पर राज्य सरकार ने 20 सितंबर को रोक लगा दी है। मालूम हो कि रीट परीक्षा से शिक्षा विभाग और पुलिस के कार्मिक ज्यादा जुड़े हुए हैं। प्रश्न पत्रों की निगरानी का काम प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया है। रीट परीक्षा में 16 लाख अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए रोडवेज ने 20 सितंबर से ही परीक्षार्थियों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा शुरू कर दी है। यह सुविधा आगामी 30 सितंबर तक रहेगी। रोडवेज के सूत्रों ने बताया कि यात्रा करते समय अभ्यर्थी को अपना प्रवेश पत्र दिखाना होगा। बस का कंडक्टर प्रवेश पत्र पर यात्रा का विवरण लिखने के साथ साथ हस्ताक्षर भी करेगा ताकि एक प्रवेश पत्र का दोबारा उपयोग न हो। हालांकि इसमें रोडवेज को भारी मशक्कत करनी पड़ेगी, क्योंकि 26 सितंबर को परीक्षा समाप्ति के बाद अभ्यर्थी बसों की छतों पर सवार हो जाते हैं। इसी प्रकार प्रवेश पत्र की फोटो प्रति पर नि:शुल्क यात्रा करने की आशंका भी है। S.P.MITTAL BLOGGER (20-09-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511