रीट की परीक्षा देने से पहले ही 6 अभ्यर्थियों की सड़क दुर्घटना में मौत। कोई भी परीक्षा जीवन से बड़ी नहीं हो सकती है। दूसरे जिले में परीक्षा केंद्र बनाने की नीति पर सरकार विचार करे। 32 हजार शिक्षक पद के लिए 16 लाख रीट के परीक्षार्थी। इससे बेरोजगारी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। वर्ष 2018 की परीक्षा में 9 लाख अभ्यर्थी थे। अजमेर संभाग में नेटबंदी के आदेश। 26 सितंबर को किशनगढ़ बंद रहेगा।

26 सितंबर को राजस्थान के जो 16 लाख युवा शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) देने जा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए जीवन से बड़ी कोई परीक्षा नहीं हो सकती है। यदि आपका जीवन रहेगा तो एक नहीं बल्कि अनेक परीक्षा दी जा सकती है। यह बात इसलिए लिखी जा रही है कि 25 सितंबर को जयपुर के निकट चाकसू ने एक सड़क दुर्घटना में रीट के 6 परीक्षार्थियों की मौत हो गई। यह दुर्घटना वाहन चालक की लापरवाही से हुई। यानी 6 अभ्यर्थी परीक्षा देने से पहले ही दुनिया से चले गए। रीट की परीक्षा 26 सितंबर को होनी है, बड़ी संख्या में परीक्षार्थी एक से दूसरे जिले में परिवहन करेंगे। 25 सितंबर को सुबह तो परिवहन का काम शुरू ही हुआ था। यह सिलसिला 26 सितंबर की सुबह तक जारी रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी परीक्षार्थी परीक्षा देने के बाद सकुशल अपने घर पहुंच जाए। जो अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए परिवहन कर रहे हैं, उन्हें चाकसू की दुर्घटना से सबक लेना चाहिए। जब किसी वाहन में क्षमता से अधिक यात्री बैठेंगे तो सड़क दुर्घटनाएं होंगी ही। सरकार में बैठे अधिकारियों ने नकल रोकने का तर्क देकर अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र दूसरे जिलों में बनाए हैं। यदि अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र गृह शहर में ही बनाए जाते तो लाखों युवाओं को परिवहन की जरुरत नहीं होती। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि जब कैमरों से हर परीक्षार्थी पर नजर रखी जा सकती है तब नकल का डर दिखाया जा रहा है। सीएम अशोक गहलोत माने या नहीं लेकिन अधिकारियों के अविवेक पूर्ण निर्णयों से प्रदेश के युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 26 सितंबर को जब 16 लाख परीक्षार्थियों की एक ही दिन में वापसी होगी, तो हालात बिगड़ सकते हैं। रीट परीक्षा कराने वाली एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की समझ पर भी तरस आता है। एक ही दिन में इतनी बड़ी परीक्षा कराने के बजाए परीक्षा को अलग अलग दिनों में कराया जाना चाहिए था। लेकिन लगता है कि सरकार में बैठे अधिकारी अनुभवहीन ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी को भी नहीं समझते हैं। सवाल उठता है कि 16 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक ही दिन में करवाने की क्या जरूरत थी? दूसरे जिले में परीक्षा केंद्र बनवाकर सरकार ने खुद प्रदेश के युवाओं की जान जोखिम में डाली है। ऐसा नहीं रीट परीक्षा पहली बार हो रही है। वर्ष 2011 से रीट की परीक्षा हो रही है। 2016 में 8 लाख तथा 2018 में 9 लाख अभ्यर्थियों ने रीट की परीक्षा दी। तब शिक्षा बोर्ड के सचिव श्रीमती मेघना चौधरी थीं। लेकिन तब परीक्षा को लेकर इतना हाय तौबा नहीं हुई। अब तो पूरी सरकार ही परीक्षा करवाने में जुट गई है। क्योंकि इस बार यह परीक्षा तीन वर्ष बाद हो रही है, इसलिए परीक्षार्थियों की संख्या 16 लाख तक पहुंच गई। सरकार को यह बात पहले समझनी चाहिए थी कि नकल रोकने के लिए दूसरे जिले में परीक्षा केंद्र बना दिए जाने के बाद भी सरकार को भरोसा नहीं है कि परीक्षा निष्पक्ष हो जाएगी। इसलिए अब प्रदेश में जिला कलेक्टरों के माध्यम से 26 सितंबर को इंटरनेट बंद करवाया जा रहा है। अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा और टोंक के जिला कलेक्टरों के प्रस्तावों पर  संभागीय आयुक्त श्रीमती वीणा प्रधान ने संभाग के चारों जिलों में नेटबंदी के आदेश जारी कर दिए है। यानी 26 सितंबर को सुबह 6 बजे से सायं 6 बजे तक मोबाइल फोनों पर फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि नहीं चलेंगे। दुकानों पर ऑनलाइन लेनदेन भी नहीं होगा। सवाल उठता है कि जब परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल ले जाने की पाबंदी है, तब नेट बंद क्यों किया गया है? असल में अब नसमझ अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। शुरुआत दौर में किसी ने भी रीट परीक्षा को गंभीरता से नहीं लिया और अब जब आफत सिर पर आ गई है, तब आम लोगों को परेशान करने वाले निर्णय लिए जा रहे हैं। यहां तक कि बाजारों को बंद करवाया जा रहा है। प्रदेश के जिला मुख्यालय ही नहीं बल्कि उपखंड स्तर पर भी परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। ऐसे में प्रदेश भर में 26 सितंबर को परीक्षार्थियों की भीड़ रहेगी। सरकार ने परीक्षार्थी के साथ एक सहायक को भी रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की छूट दे दी है। इससे यात्रियों का दबाव और बढ़ जाएगा।
32 हजार शिक्षकों के पद:
रीट परीक्षा के बाद राज्य सरकार 32 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती करेगी। यानी 32 हजार पदों के लिए 16 लाख अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं। इससे सिर्फ शिक्षक वर्ग में ही बेरोजगारी का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकारी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए रीट की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। इसलिए बीएसटीसी और बीएड की डिग्री लेने के बाद अभ्यर्थी रीट की परीक्षा दे रहे हैं। परीक्षा आयोजित करने वाले शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली ने दावा किया है कि परीक्षा के बाद 15 दिन में रीट का परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
किशनगढ़ बंद:
अजमेर जिले का किशनगढ़ उपखंड 26 सितंबर को बंद रहेगा। किशनगढ़ के विधायक सुरेश टाक ने बताया कि किशनगढ़ शहर में भी पांच हजार परीक्षार्थी बाहर से आएंगे। सभी परीक्षार्थियों के आवास और भोजन की निशुल्क व्यवस्था की गई है। होटल और धर्मशालाएं परीक्षार्थियों के लिए सुरक्षित रखवाए गए हैं। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर ही भोजन के पैकेट नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। किशनगढ़ आने वाला कोई भी परीक्षार्थी मोबाइल नम्बर 9414010882 पर विधायक सुरेश टाक से संपर्क कर सकता है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (25-09-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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