10 वर्ष में तीन बार पुलिस द्वारा कब्जा दिलाये जाने के बाद भी दबंगों से मुक्त नहीं हो रही दलित वर्ग के सत्यनारायण की 8 बीघा भूमि। राजस्थान के बूंदी का जिला और पुलिस प्रशासन भी लाचार। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार।

राजस्थान के बूंदी जिले के इंद्रगढ़ गांव में दलित वर्ग के व्यक्ति की 8 बीघा भूमि पर दबंगों के सामने जिला व पुलिस प्रशासन की लाचारी का मामला प्रकाश में आया है। अब पीड़ित सत्यनारायण भारतीय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर भूमि को दबंगों से मुक्त करवाने की गुहार लगाई है। भारतीय ने पत्र में सीएम गहलोत को बताया है कि उनके पिता द्वारा बेची गई भूमि के सभी दज्ञतावेज उनके नाम हैं। राजस्व कानून के तहत इंद्रगढ़ के तहसीलदार और पुलिस ने पिछले 10 वर्षों में तीन बार मौके पर जाकर मुझे भूमि का का कब्जा दिलवा दिया, लेकिन प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के जाते ही गांव के दबंग फिर से भूमि पर कब्जा कर लेते हैं। हालात इतने खराब है कि मैं अकेला भूमि पर नहीं जा सकता। इस मामले में घनश्याम, रामपाल और सत्यनारायण गुर्जर के विरुद्ध लिखित शिकायत भी दी गई है। इसी वर्ष 17 जून को नायब तहसीलदार रवि शर्मा ने इंद्रगढ़ गांव में आकर ग्रामीणों के सामने मुझे 8 बीघा भूमि का कब्जा संभला दिया। ऐसा पहले भी दो बार हो चुका है, लेकिन जब मैं भूमि पर कृषि कार्य करने की कोशिश करता हूं तो मेरे साथ मारपीट की जाती है। पूरे गांव में दबंगों का आतंक है, इसलिए मालिक होने के बाद भी मैं अपनी भूमि पर कार्य नहीं कर पा रहा हंू। गंभीर बात तो यह है कि दबंग व्यक्ति ही मेरी जमीन पर धड़ल्ले से कृषि कार्य करते हैं। पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि इंद्रगढ़ की 8 बीघा भूमि पर संरक्षण प्रदान करवाया जाए। कानून व्यवस्था से जुड़े इस गंभीर प्रकरण की और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 8890031444 पर पीड़ित सत्यनारायण भारतीय से ली जा सकती है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर दबंगों के आगे बूंदी का जिला और पुलिस प्रशासन इतना लाचार क्यों हैं? क्यों नहीं एक दलित वर्ग के व्यक्ति की भूमि को दबंगों से मुक्त करवाया जाता है? क्या प्रशासन और पुलिस का भय दबंगों में नहीं है? जब सरकार यह मानती है कि भूमि का मालिक सत्यनारायण भारतीय है तो फिर उसे कृषि कार्य क्यों नहीं करने दिया जाता? क्या सरकारी व्यवस्था पर दबंग हावी है? ये ऐसे सवाल है जो सरकार के समक्ष चुनौती खड़े करते हैं। तीन बार कब्जा दिलाये जाने के बाद भी यदि दलित व्यक्ति अपनी भूमि पर पैर नहीं रख सकता है तो फिर सरकार ही जवाबदेही है। S.P.MITTAL BLOGGER (17-10-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...