आखिर गुजरात में कांग्रेस की कौन सी छवि प्रस्तुत करेंगे रघु शर्मा। राजस्थान के चिकित्सा विभाग में नर्सिंग एडमिशन में पचास प्रतिशत प्रवेश का अधिकार अपने चहेतों को दिया। राजस्थान पत्रिका ने रघु शर्मा के विभाग में गड़बड़ी और मालामाल होने की पोल खोली।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश पर कांग्रेस हाईकमान ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी बनाया है। गुजरात में अगले वर्ष दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। प्रभारी होने के नाते रघु शर्मा ही कांग्रेस की छवि प्रस्तुत करेंगे। लेकिन सवाल उठता है कि रघु शर्मा कांग्रेस की कौन सी छवि गुजरात में रखेंगे? रघु के चिकित्सा विभाग में होने वाली गड़बडिय़ों की खबरें रोजाना समाचार पत्रों में छप रही है। 19 अक्टूबर को ही प्रदेश के प्रमुख अखबार राजस्थान पत्रिका में नर्सिंग एडमिशन में भारी गड़बड़ी होने की खबर छपी है। आरोप है कि मंत्री के एक निर्णय से नर्सिंग शिक्षा में पचास प्रतिशत स्टूडेंट को प्रवेश देने का अधिकार चहेतों को मिल गया है। अब चहेते किस प्रकार प्रवेश देंगे यह सब को पता है। क्या ये सब मामले गुजरात चुनाव में मुद्दा नहीं बनेंगे। यहां राजस्थान पत्रिका की खबर को ज्यों का त्यों प्रदर्शित किया जा रहा है। इस खबर में चिकित्सा मंत्री की हैसियत से रघु शर्मा का पक्ष नहीं है। स्वाभाविक है कि पत्रिका ने पक्ष जानने की कोशिश की होगी, लेकिन तुनक मिजाज रघु ने जवाब नहीं दिया होगा।चहेतों के हवाले दाखिला:प्रतिस्पर्धा के दौर में देशभर में प्रोफेशनल कोर्सेज की एक एक सीट एक एक छात्र के लिए कीमती हो चुकी है, लेकिन राजस्थान के विभिन्न नर्सेज कोर्सेज में इन सीटों को मेधावी विद्र्याििायों से भरने के बजाए चहेतों के जरिये नर्सिंग संस्थानों के फैउरेशन को ही सौंप दिया गया है। जीएनएम, बीएससी नर्सिंग, बीएससी और एमएससी नर्सिंग कोसे्रज में इस तरह दिए जा रहे प्रवेश से सीधे तौर पर 6 हजार में से करीब 3 हजार यानी 50 प्रतिशत सीटें फैडरेशन को सौंप दी गई है। राजस्थान सरकार के एजी और इंडियन नर्सिंग काउंसिल भी इसे गलत बताते हुए चिकित्सा विभाग को इस तरह प्रवेश बंद करने के लिए कह चुके हैं, लेकिन उसे भी दरकिनार कर दिया गया है। चिकित्सा मंत्री और उच्च स्तर के अधिकारियों को इस तरह प्रवेश की जानकारी होने के बावजूद मेधावी विद्यार्थियों को दरकिनार कर प्रवेश दिए जा रहे हैं।मलाई ऐसी फेडरेशन भी दो:फेडरेशनों के जरिये एडमिशन में मलाई का ऐसा बड़ा खेल है कि प्रदेश में दो अलग अलग फेडरेशन बनी हुई है, जिसके जरिए प्रवेश दिया जा रहा हे। इसमें इतनी छूट है कि जो संस्थान जिस फेडरेशन के जरिए जुड़कर प्रवेश देना चाहे, वहां जा सकता है।कोर्ट भी बता चुका गलत:पूर्व में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पीसीपीएमटी के जरिए प्रवेश दिया जाता था, लेकिन उसे भी बंद हुए कई साल हो चुके हैं। अब उनमें सीधे तौर पर देशभर की नीट प्रवेश परीक्षा की तय प्रणाली के अनुसार ही सौ प्रतिशत सीटों पर प्रवेश दिया जाता है। नर्सिंग में फेडरेशन के जरिए प्रवेश को पूर्व में कोर्ट ने भी गलत बताकर इसे रोकने के आदेश दे चुका है।ताक पर दिशा निर्देश:पचास प्रतिशत सीटों पर परीक्षा से प्रवेश के लिए हजारों विद्यार्थी शामिल होते हैं। इसमें मेधावी विद्यार्थियों का चयन होकर अपनी वरीयता के अनुसार संस्थान उन्हें मिल जाते हैं, लेकिन उसके बाद उन्हीं कॉलेजों में निजी संस्थान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर मोटी फीस लेकर न्यून अंक वाले को भी प्रवेश दे देते हैं। यह प्रवेश प्रक्रिया राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विवि के जरिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आयोजित करवाता है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल भी फेडरेशन पर इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) के दिशा निर्देशों की पालना नहीं करने को लेकर नाराजगी जता चुका है।जवाब नहीं मिला:नर्सिंग में फेडरेशन के जरिए इस तरह चल रहे प्रवेश के बारे में विभाग के अतिरिक्त निदेशक अराजपत्रित मुकुल शर्मा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनके यहां से कोई जवाब नहीं मिला। S.P.MITTAL BLOGGER (19-10-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...