तो क्या पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के जर्जर भवन की जानकारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी जाएगी? 5 नवंबर को प्रात: 9 बजे केदारनाथ धाम से पुष्कर वासियों से भी संवाद करेंगे पीएम मोदी।

पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश रावत का कहना है कि 5 नवंबर को प्रात: 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब केदारनाथ धाम से साधु संतों को संबोधित करेंगे, तब वर्चुअल तकनीक से ब्रह्माजी की तपोस्थली पुष्कर के साधु संतों और तीर्थ पुरोहितों से भी संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय में जानकारी प्राप्त होने के बाद नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां पुष्कर में शुरू कर दी है। वर्चुअल तकनीक से होने वाले इस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम से पुष्कर को जोड़ रहे हैं। सब जानते हैं कि ब्रह्माजी सृष्टि के रचयिता हैं। चूंकि ब्रह्मा जी ने पुष्कर में यज्ञ किया, इसलिए पुष्कर में पवित्र सरोवर बना और यही पर उनका मंदिर भी। पुष्कर के मंदिर को ब्रह्माजी का विश्व का एकमात्र मंदिर माना जाता है। लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर का भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। हालांकि मंदिर के प्रबंधन की जिम्मेदारी अजमेर के जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली प्रबंध कमेटी के पास है। यही कमेटी मंदिर परिसर में दान पेटियां रख कर लाखों रुपए का चढ़ावा प्राप्त करती है, लेकिन यह कमेटी भी मंदिर भवन की मरम्मत करवाने में असहाय हैं। असल में ब्रह्मा मंदिर के भवन को भी केंद्रीय पुरातत्व महत्व की इमारतों में शामिल कर रखा है। ऐसे में मंदिर भवन की मरम्मत के लिए केंद्र के पुरातत्व विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। मरम्मत की अनुमति के लिए जिला कलेक्टर ने भी कई बार पत्र लिखे हैं। ब्रह्मा मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ठ मंदिर में आने वाले हर वीआईपी के समक्ष जर्जर भवन की समस्या रखते हैं। दो माह पहले जब केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ब्रह्माजी का आशीर्वाद लेने आए थे, तब भी वशिष्ठ ने गुहार लगाई थी। लेकिन आज तक भी मरम्मत की अनुमति नहीं मिली। पुजारी वशिष्ठ ने कहा कि 5 नवंबर को यदि उन्हें बोलने का अवसर मिला तो वे प्रधानमंत्री के समक्ष जर्जर भवन की समस्या को रखेंगे। मंदिर की छतों की हालत इतनी खराब है कि बरसात का पानी टपकता है तथा दीवारों का चूना लगातार गिर रहा है। वीआईपी लोग ब्रह्माजी से आशीर्वाद तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन मंदिर भवन की मरम्मत करवाने में कोई सहयोग नहीं करते। ब्रह्माजी का मंदिर होने की वजह से पुष्कर का धार्मिक महत्व है, लेकिन मंदिर भवन की कोई सुध नहीं ले रहा है। पुष्कर के भाजपा विधायक सुरेश रावत के प्रयास भी सफल नहीं हो रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायक सुरेश रावत से मोबाइल पर पुष्कर तीर्थ के हाल जाने थे, लेकिन तब भी रावत ने ब्रह्माजी के मंदिर भवन की मरम्मत की बात नहीं की। अभी भी विधायक रावत ही 5 नवंबर के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार संपर्क में है। सवाल उठता है कि क्या पुष्कर तीर्थ का उपयोग सिर्फ स्वयं की राजनीति चमकाने के लिए है? सांसद, विधायकों को ब्रह्मा मंदिर के जर्जर भवन की समस्या से कोई लेना देना नहीं है। 
S.P.MITTAL BLOGGER (03-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...