ओम बिरला जी! संसद के सदनों को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन से कुछ नहीं होगा, इसके लिए राहुल गांधी, ममता बनर्जी जैसे नेताओं को समझाने की जरूरत है। विधानसभाओं के लिए राजस्थान के अध्यक्ष सीपी जोशी से सीख ली जाए। जोशी को नियमों का उपयोग डंडे के बल पर करना आता है।
लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्ष, सभापति और उपाध्यक्षों को लेकर शिमला (हिमाचल) में हुआ पीठासीन अधिकारियों के तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन 18 नवंबर को हो गया। सरकारी खर्चे पर देशभर के पीठासीन अधिकारियों ने पर्यटन स्थल शिमला में तीन दिन बड़े आराम से गुजारे। इस सम्मेलन में तय हुआ कि ऐसे सम्मेलन प्रति वर्ष हों। सवाल उठता है कि क्या ऐसे सम्मेलनों से लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में अब हंगामे नहीं होंगे? सब जानते हैं कि यह सम्मेलन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर हुआ। सम्मेलन में हंगामा को रोकने के लिए चाहें जो प्रस्ताव पास हुए हो, लेकि ओम बिरला को यह समझना होगा कि संसद के दोनों सदनों में शांति रहना राहुल गांधी, ममता बनर्जी जैसे राजनेताओं पर निर्भर है। जिस लोकतंत्र की हम दुहाई देते हैं उसी लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा कर कांग्रेस, टीएमसी आदि के सांसद सदन में अध्यक्ष, सभापति के आसान के सामने आकर खड़े हो जाते हैं और जोर जोर से नारे लगाते हैं। लोकतंत्र का चीर हरण तो तब हो जाता है, जब हंगामा करने वाले सांसद अध्यक्ष सभापति के मुंह पर कागज के गोले फेंक देते हैं। अध्यक्ष और सभापति को अपनी इज्जत बचाने के लिए सदन को स्थगित करना पड़ता है। तीन माह पहले मानसून सत्र का क्या हाल हुआ, यह पूरे देश ने देखा। पूरे मानसून सत्र में हंगामा हुआ और ओम बिरला तथा वैंकेया नायडू कुछ नहीं कर पाए। दोनों सदनों में वही हुआ जो कांग्रेस के राहुल गांधी और टीएमसी की ममता बनर्जी ने चाहा। यह कि प्रधानमंत्री को अपने नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं करवाने दिया। ओम बिरला जी, जिस देश की संसद में प्रधानमंत्री तक को नहीं बोलने दिया जाता, उस देश में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का क्या फायदा? ऐसे सम्मेलन के बजाए तो आपको राहुल गांधी और ममता बनर्जी से बात करनी चाहिए। 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। यह आपकी गलतफहमी है कि शिमला सम्मेलन के बाद भी संसद का शीतकालीन सत्र सुचारू चलेगा। जो हश्र मानसूत्र सत्र का हुआ, वहीं शीतकालीन सत्र का होगा। ओम बिरला जी, आप चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाएंगे। संसद का यह हाल तब है, जब सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को 545 में से 350 सांसदों का समर्थन है। कांग्रेस के सांसदों की संख्या 52 तथा टीएमसी के सांसद मात्र 22 हैं। लेकिन ये सांसद लोकसभा को बंधक बना लेते हैं और आप कुछ नहीं कर पाते।जोशी को आता है डंडे का उपयोग करना:जहां तक विधानसभाओं का सवाल है तो राजस्थान के अध्यक्ष सीपी जोशी से सीख लेनी चाहिए। जोशी को नियमों की पालना डंडे के बल पर करवाना आता है। राजस्थान में विधानसभा में 200 में से कांग्रेस के 108 तथा प्रमुख विपक्षी भाजपा के 71 विधायक हैं। लेकिन फिर भी सदन में अधिकांश समय शांति बनी रहती है। लोकसभा और राज्यसभा में भले ही आसन पर कागज के गोले फेंके जाते हों, लेकिन सीपी जोशी, जब खड़े होते हैं तो भाजपा के विधायकों को भी चुपचाप अपनी सीट पर बैठना होता है। यदि कोई विधायक सीट पर नहीं बैठता है तो उसे मार्शल के जरिए विधानसभा से बाहर फेंकवा दिया जाता है। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायकों को सीपी जोशी स्वयं निर्देश देते हैं कि हंगामा करने वाले भाजपा विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव लाया जाए और ऐसे भाजपा विधायकों को निलंबित भी किया जाता है। प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया द्वारा खेद प्रकट करने और निलंबित विधायक के माफी मांगने पर ही निलंबन रद्द होता है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्षों को जयपुर आकर राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही देखनी चाहिए। जोशी का ऐसा सख्त व्यवहार सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्रियों को लेकर भी नजर आता है। गत बार मानसून सत्र को कुछ मंत्रियों के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण बीच में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेद प्रकट करने पर विधानसभा को दोबारा से शुरू किया गया। सदन को शांतिपूर्ण चलाने के लिए जो रणनीति सीपी जोशी राजस्थान विधानसभा में अपनाते हैं वहीं रणनीति अन्य राज्यों के अध्यक्षों को भी अपनानी चाहिए। सवाल यह भी है कि जब राजस्थान विधानसभा में भाजपा के विधायकों को बाहर फेंकवा दिया जाता है, तब लोकसभा में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्यवाही क्यों नहीं होती? आखिर ओम बिरला ने भी तो कोटा में चंबल नदी का पानी पिया है। मालूम हो कि बिरला राजस्थान के कोटा से लोकसभा के सांसद हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (19-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511