भीलवाडा से हटने बाद भी आईपीएस विकास शर्मा पीछा नहीं छोड रहे विरोधी * अब सेाशल मीडिया में हुये गोपनीय संवाद को लीक कर एस्पोज किया। आखिर अधिकारीयों के बीच हुआ संवाद भास्कर अखबार तक कैसे पहुंचा?
राजस्थान पुलिस कई मौके पर दावा करती है कि सूचना देने वालो का नाम गुप्त रखा जायेगा लेकिन इसी राजस्थान पुलिस के अधिकारियों के बीच हुआ गोपनीया संवाद ही लीक हो गया है इससे पुलिस महकमे की गोपनीयता की पोल खुल गई है जो राजस्थान पुलिस अपने संवाद को गोपनीय नहीं रख सकती, वह आम लोगों की सुचना गोपनीय कैस रखे? 22 नवंबर को दैनिक भास्कर अखबार में भीलवाडा के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित 10 थानाधिकारीयो और अजमेर के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के बीच हुऐ संवाद को लेकर खबर छपी है इसमें कोई दो राय नहीं है कि भास्कर ने पत्रकारिता का धर्म दिखाया है पुलिस के धर्म के बारे गृह विभाग संभाल रहें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जाने। पुलिस अधिकारियों के बीच यह संवाद 26 अक्टूबर 2021 का है यानी 27 दिन पुराना। यह संवाद तब का है जब भीलवाडा पुलिस के एसपी गजेन्द्र सिंह जोधा और अनेक थानाधिकारीयो डोटा पोस्ट कुख्यात तस्कर राजू फौजी ओर उसके साथियों का पीछा कर रहे थे सभी अधिकारी सोशल मीडिया पर आपस में जुड़े हुऐ थे चूंकि तस्करों का वाहन अजमेर की ओर आ रहा था इसलिए अजमेर के एसपी विकास शर्मा भी इस विवाद में शामिल हो गये। इस संवाद को सुनने से प्रतीत होता है कि अजमेर एसपी शर्मा ने तस्करों को भगाने में मदद की। जब भीलवाडा पुलिस ने तस्करो के वाहन पर फायर करने की अनुमति मांगी तो एसपी शर्मा ने मना कर दिया। यदि फायर हो जाता तो डोडा पोस्त के तस्कर पकडे जाते इस सबन्ध मंे एसपी शर्मा का कहना है कि वह स्वयं मौके पर नही थे, हालांकि अपराधी तत्वों को पकड़ने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। एसपी का कहना है कि उन्होने अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ किया है। गोपनीय संवाद लीक होने के बाद एसपी शर्मा के अपने तर्क है, लेकिन जाहिर है कि भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक के पद से हटने के बाद भी विरोधी उनका पीछा नहीं छोड रहें है। अजमेर में नियुक्त होने से पहले शर्मा भीलवाड़ा के ही एसपी थे। राजनीतिक खींचतान के चलते ही शर्मा को भीलवाडा से हटा कर अजमेर लगाया गया। इससे भीलवाड़ा के प्रभारी मंत्री रहें रघुशर्मा की थी महत्वपूर्ण भूमिका थी। गंम्भीर बात यह है कि भीलवाड़ा में एसपी का पद अभी तक खाली पडा है अब जब रघुशर्मा मंत्री पद से हटा दिये गए है और भीलवाड़ा के दबंग विधायक रामलाल जाट कैबिनेट मंत्री बन गए है तब भीलवाड़ा में आईपीएस विकास शर्मा के विरोधियों के हौसले बुलंद है विरोधियों को विकास शर्मा की अजमेर में नियुक्ति भी पसंद नही आ रही है भास्कर में खबर छपने के बाद संभवतः नवनियुक्त मंत्री रामलाल जाट इस मामले को मुख्यमंत्री गहलोत के संज्ञान में लाएगे असल मंे राजस्थान पुलिस में राजनीतिक दखलंदाजी भी ज्यादा है। पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर की नियुक्ति भी राजनीतिक कारणों से हुए है इसलिए पुलिस मंे जो अनुशासन होना चाहिए वह नही है। राजनीतिक हालातों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने गृह विभाग अपने पास ही रखा हुआ है जब अनेक आईपीएस की सीनियरटी को लांग कर राजनीतिक कारणें से डिजीपी की नियुक्ति होगी तब पुलिस की गोपनीय सूचना इसी तरह लीक होगीं। अधिकारियों अपने विभाग के प्रति नहीं बल्कि नियुक्त करने वाले विधायक मंत्री के प्रति होती है जिस तरीके से गोपनीय सुचना लीक हुई है उससे राजस्थान पुलिस का इकबाल चौराहे पर है lS.P.MITTAL BLOGGER (22-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511