अजमेर में कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे जारी होने में विसंगतियां। ग्रामीण परेशान। शिविर में लगे सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे।
प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग के शिविरों में कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे जारी करने के निर्देश सरकार के हैं, लेकिन अजमेर में विकास प्राधिकरण की अड़चनों के चलते कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे शिविरों में जारी नहीं हो रहे हैं। असल में जिला प्रशासन ने जिस क्षेत्र को आबादी घोषित कर दिया है, वहां तो 300 वर्गगज तक भूखंड का पट्टा मात्र 501 रुपए में दिया जा रहा है। लेकिन जो क्षेत्र आबादी घोषित नहीं है, वहां ग्राम पंचायतें 200 रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से नियमन शुल्क वसूल रही हैं। शहरी सीमा से लगी अजयसर और हाथीखेड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच सोहनी बानो और लाल सिंह रावत ने माना कि एक ही गांव में दो प्रकार का शुल्क निर्धारित किया गया है। आबादी वाले क्षेत्र में बने मकान का पट्टा 501 रुपए में दिया जा रहा है, लेकिन वहीं उसी गांव में यदि कोई खसरा आबादी घोषित नहीं है तो उस पर बने मकान पर 200 रुपए प्रति वर्ग गज शुल्क लिया जा रहा है। यानी एक ही गांव में पट्टा जारी करने का शुल्क अलग अलग है। इससे सरकार की मंशा के अनुरूप ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। 30 नवंबर को सैकड़ों ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष काबरा के नेतृत्व में ग्राम हाथी खेड़ा में लगे शिविर में अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से भी मुलाकात की। काबरा ने अधिकारियों को बताया कि जिला कलेक्टर ने भी धारा 177 के तहत पट्टे जारी करने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन फिर भी ग्रामीणों को 501 रुपए में पट्टा नहीं दिया जा रहा है। इसलिए हजारों ग्रामीण आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं। काबरा ने मांग की कि जिस प्रकार आबादी क्षेत्र में 501 रुपए में 300 वर्ग गज तक के भूखंड का पट्टा दिया जा रहा है, उसी प्रकार ग्राम पंचायतों के अधीन आने वाली कृषि भूमि पर बने मकानों के पट्टे भी जारी हों। प्रशासन को शुल्क की विसंगति को जल्द से जल्द दूर किया जाए। तभी प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के शिविर सफल होंगे। काबरा ने कहा कि जिन जिलों में विकास प्राधिकरण का दखल नहीं है वहां सभी कृषि भूमि को आबादी मानकर 501 रुपए में ही पट्टे जारी किए जा रहे हैं।शिविरों को लेकर ग्रामीणों में उत्साह-रलावता:वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गत विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता ने कहा कि प्रशासन शहरों और गांवों के संग के शिविरों में ग्रामीणों को राहत मिल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप पट्टे जारी हो रहे हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के खसरों को आबादी क्षेत्र घोषित कर रहे हैं। रलावता ने कहा कि कुछ लोगों ने कृषि भूमि पर कॉलोनियां बसा दी है और अब ऐसे लोग 300 वर्ग गज के भूखंड का पट्टा मात्र 501 रुपये में चाहते हैं जो उचित नहीं है। इसके लिए लोगों को 200 रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से शुल्क जमा करवाना चाहिए ताकि ग्राम पंचायतें विकास भी करवा सकें। हाथी खेड़ा के शिविर में रलावता की उपस्थिति में सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे भी लगे। S.P.MITTAL BLOGGER (01-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511