अमित शाह के रोड शो और कांग्रेस की रैली से पहले जयपुर में कोरोना के खतरनाक नए वेरिएंट की दस्तक। क्या इन कार्यक्रमों में आने वाले लोगों की जान को खतरा नहीं होगा? क्या अब हाईकोर्ट ऐसे राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगाएगा?
भाजपा के कार्यकर्ता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 5 दिसंबर के रोड शो को सफल बनाने में जुटे हुए हैं तो कांग्रेस के कार्यकर्ता और पूरी सरकार 12 दिसंबर को होने वाली महंगाई विरोधी रैली में दो लाख लोगों को जुटाने में व्यस्त हैं। लेकिन इन दोनों ही राजनीतिक कार्यक्रमों से पहले राजस्थान की राजधानी जयपुर में कोरोना के खतरनाक नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। 2 दिसंबर को अफ्रीका से आए एक परिवार के चारों सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। चूंकि नए वेरिएंट ओमिक्रोन अफ्रीका से ही निकल रहा है, इसलिए इन चारों संक्रमित व्यक्तियों का अब जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट कराया गया है। यदि टेस्ट में ओमिक्रोन वायरस की पुष्टि होती है तो यह जयपुर के लिए बेहद खतरनाक स्थिति होगी। ओमिक्रोन वायरस के हमले के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राजनीतिक कार्यक्रम जरूरी है? कोरोना की दूसरी लहर में कार्यकर्ताओं का ही निधन नहीं हुआ, बल्कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के कई विधायक को भी नहीं बचाया जा सका। संक्रमित होने के बाद सीएम गहलोत को तो अपने हार्ट की एंजियोप्लास्टी तक करवानी पड़ी है, जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एक बार नहीं बल्कि दो बार कोरोना संक्रमित हुए हैं। सीएम गहलोत तो एक वर्ष तक अपने सरकारी आवास से बाहर ही नहीं निकले। गहलोत स्वयं तीसरी लहर के प्रति लगातार सावचेत कर रहे हैं। अच्छा होता कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजस्थान सरकार अमित शाह के रोड शो की इजाजत नहीं देती। लेकिन अब सीएम गहलोत को गांधी परिवार को खुश करना है, इसलिए 12 दिसंबर की रैली की धूमधाम से तैयारियां की जा रही है। 3 दिसंबर को भी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आदि ने सरकार के प्रमुख मंत्रियों के साथ रैली स्थल विद्याधर नगर स्टेडियम का जायजा लिया। सरकार के मंत्रियों और कांग्रेस के विधायकों ने भरोसा दिलाया कि 12 दिसंबर को सोनिया और राहुल के सामने स्टेडियम को खचाखच भर दिया जाएगा। कई उत्साही कांग्रेसियों का कहना रहा कि यह स्टेडियम छोटा पड़ेगा। यानी रैली को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। चूंकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने राजनीतिक कार्यक्रमों को सफल बनाने में जुटे हुए हैं, इसलिए अब जयपुर के लोगों की नजर हाईकोर्ट पर लगी हुई है। कांग्रेस की रैली को रोकने के लिए एडवोकेट राजेश मूथा ने जो जनहित याचिका दायर की है, उस पर 6 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इसी प्रकार अमित शाह के रोड शो और कांग्रेस की रैली को रोकने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी ने कानूनी नोटिस भेजा है। अब हाईकोर्ट को ही प्रभावी कार्यवाही करनी होगी। कोर्ट स्वत: संज्ञान भी ले सकता है। कांग्रेस की रैली तभी रुकेगी, जब अमित शाह का रोड शो न हो। यदि 5 दिसंबर को रोड शो हो जाता है तो फिर 6 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई कोई मायने नहीं रखेगी। हाईकोर्ट का निर्णय सबके लिए समान होना चाहिए।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511