डॉ. शिव सिंह राठौड़ को राजस्थान लोक सेवा आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष बना कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। भूपेंद्र यादव की सिफारिश भी काम आई।
एक दिसंबर को भूपेंद्र यादव का कार्यकाल पूरा होने पर राजस्थान लोक सेवा आयोग में स्थायी अध्यक्ष नियुक्ति करने के बजाए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आयोग के वरिष्ठ सदस्य डॉ. शिव सिंह राठौड़ को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया है। कांग्रेस के शासन और अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए भाजपा की पृष्ठभूमि वाले किसी भी सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने पर अब राजनीतिक माहौल गर्म है। लेकिन जो लोग सीएम गहलोत की कार्यशैली को समझते हैं उन्हें पता है कि गहलोत ने एक तीर से निशाने साधे हैं। डॉ. राठौड़ की उम्र मात्र 44 वर्ष थी, तब उन्हें भाजपा सरकार की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 30 जून 2016 को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया था। तब राठौड़ जोधपुर में ही भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहना चाहते थे, लेकिन वसुंधरा राजे के दबाव के कारण राठौड़ को आयोग का सदस्य बनना पड़ा। चूंकि अशोक गहलोत भी जोधपुर के हैं इसलिए उन्हें राठौड़ की राजनीतिक क्षमता का भी पता है। आयोग में कोई भी सदस्य अधिकतम छह वर्ष तक कार्य कर सकता है। राठौड़ के 6 वर्ष 29 जनवरी 2022 को यानी दो माह बाद पूरे हो रहे हैं। जाहिर है कि राठौड़ को दो माह तक कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए रखा जाएगा। जब राठौड़ कार्यकाल पूरा करेंगे, तब उनकी विदाई अध्यक्ष के तौर पर ही होगी। सीएम गहलोत को भी पता है कि पचास वर्ष की उम्र में शिव सिंह राठौड़ घर बैठने वाले नहीं है। कार्यकाल पूरा होते ही वे फिर से राजनीति में सक्रिय होंगे। राठौड़ अपने गृह नगर जोधपुर में राजनीति करेंगे, लेकिन जब वे राजनीति में सक्रिय होंगे, तब राठौड़ को इस बात का ख्याल रहेगा ही कि अशोक गहलोत के कारण ही वे आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए। सब जानते हैं कि जोधपुर में राजपूत समाज का दबदबा है। जोधपुर में गहलोत का इतना प्रभाव होने के बाद भी गत लोकसभा के चुनाव में उनके पुत्र वैभव गहलोत भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से चार लाख मतों से हार गए। गहलोत चाहते हैं कि अगले चुनाव में उनके पुत्र को जीत मिले। गहलोत स्वयं भी जोधपुर से ही विधानसभा का चुनाव लड़ते हैं। जोधपुर के राजपूत मतदाता यह देख रहे होंगे कि गहलोत ने शिव सिंह राठौड़ को किस तरह ओब्लाइज किया है। गहलोत कह सकते हैं कि राजनीतिक विचारधारा को अलग रखकर उन्होंने राठौड़ का सम्मान किया है। देखा जाए तो राठौड़ को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की जाजम डॉ. भूपेंद्र यादव के कार्यकाल में ही बिछ गई थी। डॉ. यादव भी राठौड़ की शैक्षणिक योग्यता और आयोग में काम करने की क्षमता से प्रभावित रहे। सूत्रों की मानें तो यादव ने ही कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर राठौड़ के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष किया। इस बात का अहसास इससे भी होता है कि गत 29 नवंबर को जब मुख्यमंत्री गहलोत ने आयोग के नए ब्लॉक का शिलान्यास किया, तब समारोह में आयोग के कामकाज की रिपोर्ट शिव सिंह राठौड़ ने ही पढ़ी। मुख्यमंत्री के समक्ष रिपोर्ट पढ़ने का अवसर डॉ. यादव ने ही दिलवाया। मात्र दो माह के लिए राठौड़ को आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाकर सीएम गहलोत ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511