काश! अकील कुरैशी जैसे सीजे आई राजस्थान में दो-तीन वर्ष के लिए नियुक्त होते। न्यायिक व्यवस्था को दबाव से बाहर निकालने के लिए बार एसोसिएशन जनहित याचिकाएं लगाएं। मैं तो एक्सिडेंटली राजनीति में आ गया-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

5 दिसंबर को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोधपुर में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी और हाईकोर्ट के सीनियर जजेज भी मौजूद थे। समारोह में गहलोत ने प्रदेश और देश की न्यायिक व्यवस्था को लेकर गंभीर टिप्पणियां की। मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि इन्हें त्रिपुरा से राजस्थान भेजा गया है, लेकिन इनकी नियुक्ति मात्र दो तीन माह के लिए ही की गई है। अच्छा होता कि कुरैशी जैसे सीजेआई राजस्थान में दो तीन वर्ष नियुक्त रहते। गहलोत ने कहा कि इन दिनों देश की न्यायिक व्यवस्था में जो कुछ भी हो रहा है वह बेहद खतरनाक है। आजाद इतिहास में यह पहला अवसर है जब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजेज दबाव में काम कर रहे हैं। जजों के ट्रांसफर भी मनमर्जी से हो रहे हैं, इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रिटायरमेंट के बाद सांसद मनोनीत हो रहे हैं। गहलोत ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था को दबाव से बाहर निकालने के लिए बार कौंसिलों को जनहित याचिकाएं दायर करनी चाहिए। वकील छोटी छोटी बातों को लेकर पीआईएल लगाते हैं। अच्छा हो कि जागरूक वकील न्यायिक व्यवस्था में हो रही मनमर्जी को लेकर भी पीआईएल दायर करें। हमें यह देखना होगा कि देश किस दिशा में जा रहा है। न्यायिक व्यवस्था में सिफारिश की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जोधपुर में जब हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन हुआ था, तब राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई, केंद्रीय कानून मंत्री एवं तमाम जजेज मौजूद थे। मैंने तब भी देश में न्यायिक व्यवस्था के दबाव की बात कही थी। मुझे लगता कि समारोह में राष्ट्रपति मौजूद है तो अपने दिल की बात कह देनी चाहिए। तब मैंने अवसर का फायदा उठाते हुए ऐसी ही बातें कही थी। मुझे नहीं पता कि मेरी बातों का कितना असर हुआ, लेकिन देश में माहौल खराब हो रहा है। गहलोत ने कहा कि देश को आजादी दिलवाने वाले महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू आदि दिग्गज वकील ही थे। मैंने भी वकालत की डिग्री ली थी, लेकिन एक्सिडेंटली मैं राजनीति में आ गया। राजनीति में आने के बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा, लेकिन आज मुझे इस बात का अफसोस है कि बिगड़ी हुई न्यायिक व्यवस्था की वजह से देश में चार करोड़ से भी ज्यादा मुकदमे लंबित हैं। अधिकांश हाईकोर्टों में जजों के पद खाली पड़े हैं। विलंब से मिला न्याय भी नहीं मिलने के बराबर होता है। गहलोत ने कहा कि आज असहमति जताने वाले व्यक्ति को देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने जिन सीजे आई कुरैशी का उल्लेख किया उनकी सेवानिवृत्ति 6 मार्च 2022 को हो रही है। यानी कुरैशी राजस्थान से ही सेवानिवृत्त होंगे। कुरैशी की नियुक्ति विगत दिनों ही की गई है। S.P.MITTAL BLOGGER (05-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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