तो भगवान के काम में रिश्वत मांगते सरकारी अधिकारी। लोक सेवा दिवस के अवसर राजस्थान के वरिष्ठ आईएएस डॉ. समित शर्मा ने प्रेरणादायक ब्लॉग लिखा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में हुए समारोह में छोड़ो कल की बातें… गीत भी सुनाया।

21 अप्रैल को देशभर में लोक सेवा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राजस्थान के वरिष्ठ आईएएस और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक प्रेरणादायक ब्लॉग पोस्ट किया है। इस ब्लॉग में डॉ. शर्मा ने बताया कि देश में कर्नाटक विधानसभा का भवन सबसे बड़ा है। इस भवन के मुख्य द्वार पर लिखा है-राजकीय कार्य भगवान का कार्य है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आम जनता से जुड़ा कार्य भगवान का ही होता है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि भगवान के इस कार्य में अधिकांश सरकारी कार्मिक रिश्वत लेते हैं। जो कार्मिक भगवान के कार्य में रिश्वत लेता है उसके परिणाम का अंदाजा लगाया जा सकता है। आमतौर पर देखा गया है कि जो अधिकारी जितनी रिश्वत लेता है, उसी अनुपात में उसके घर परिवार में समस्याएं रहती हैं। डॉ. समित शर्मा ने अपने ब्लॉग में सरकारी कर्मियों की जिम्मेदारी को विस्तृत रूप से लिखा है। मैं यहां डॉ शर्मा का ब्लॉग ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर रहा हंू। लोक सेवा दिवस के अवसर पर बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई। आज ही के दिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्र भारत के प्रथम लोक सेवा सत्र को मेटकाफ हाउस में संबोधित किया था जहां उन्होंने लोक सेवकों को ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया कहकर सम्मानित किया था। आज का दिन यह विचार करने का है कि किस प्रकार अधिकारी लोक सेवा में अपना बेहतर योगदान देने के लिए अपनी कार्य क्षमता में अभिवृद्धि कर सकते हैं, क्या-क्या चुनौतियां प्रशासन के सामने हैं और उन्हें दूर करने के लिए क्या नीतियां बनानी चाहिए। भारत भूमि पर जन्म लेना गर्व की बात है बहुत सम्मान की बात है। ना सिर्फ देश में जन्म लेना गौरव की बात है, बल्कि एक लोक सेवक के रूप में हमें जो भूमिका निभाने का अवसर मिला है वह भी फख्र की, सम्मान की बात है।  परम पिता परमेश्वर ने हमारे इस जीवन काल के लिए हमें लोक सेवक की भूमिका के लिए चुना हैं। ये उसकी युक्ति है, उसकी रचना है। उसने तय किया है कि इस जीवन काल में हमें किस किस भूमिका में क्या क्या कार्य करना है। हम जो यह कार्य कर रहे है ये ईश्वर की युक्ति है तो हम जो कार्य कर रहे है वो ईश्वरीय कार्य है।
भारत में सबसे बड़ा विधानसभा भवन कर्नाटक राज्य में है, वहां पर एक पंक्ति लिखी है राजकीय कार्य भगवान का कार्य है और अगर मानें तो यह बिल्कुल सही है। हम अपनी ड्यूटी करते हुए जो कार्य कर सकते है जितने भूखे व्यक्तियों का आप पेट भर सकते हो या जितने प्यासे लोगों को पानी पिला सकते हो या नरेगा योजना में जितने लोगो को रोजगार दे सकते हो या बच्चों को पढा सकते है] उनका अच्छा भविष्य बना सकते हैं हमें अवसर है कि एक बेहतर देश बना सकते हैं है। यह जो अवसर ईश्वर ने हमें दिया है यह वाकई दैवीय कार्य है। सभी लोग सेवक यदि मिलकर यह प्रयास करें और बेहतर लोक सेवाऐं अर्थात पब्लिक सर्विस डिलीवरी को सुनिश्चित करेंए ऐसा संभव है।Ó क्योंकि सब लोग मिल कर एक समर्पित टीम के रूप में जब कार्य करेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं है। जैसा कि रामधारी सिंह दिनकर जी ने कविता के माध्यम से कहा है-
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके वीर नर के मग में,
खम ठोंक ठेलता है जब नरए,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।

अनेक चुनौतियों के बावजूद गुड गवर्नेंस, बेस्ट पब्लिक सर्विस डिलीवरी दी जा सकती है ये लोक सेवक के संकल्प और सामर्थ्य पर  निर्भर करता है। उसके  devotion, dedication,  commitment, honesty  व sensitivity  पर। अगर प्रत्येक अधिकारी व राज्यकर्मी यह तय कर ले कि दफ्तर में जो भी व्यक्ति अपने कार्य के लिए आता है हम उसका काम बिना कोई अपेक्षा किये बिना किसी सिफारिश के बिना रिश्वत के बिना किसी स्वार्थ के पूरा कर दें। प्रत्येक पुलिस अधिकारी व कर्मी यह तय कर ले कि हमे अपराध की रोकथाम और कानून की पालना बिना किसी दबाव के बिना किसी प्रलोभन के बिना किसी लालच के करना है। अगर ऐसा होगा तो हम पाएंगे कि हमारा भारत शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ गया चिकित्सा सेवाएं बेहतर मिलने लग गयी है। अगर इंजीनियर अपना काम अच्छी तरह से कर रहे है तो हम पाएंगे कि घर.घर तक पानी, बिजली, सड़क पहुंच गई है। और प्रशासनिक अधिकारी अगर यह निश्चय कर ले तो बिल्कुल यह बात तय है कि हम सब बेहतर गर्वनेन्स दे पाएंगे सुशासन दे पायेगें। राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतार पायेगें। जो संवेदनशील पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन की बात की जाती है वो कागज पर न रहकर धरातल पर उतर पाएगी। आज का दिन यह संकल्प लेने का है। देश के निर्माण में नेशन बिल्डिंग में अपना योगदान देने का। लोक सेवक के रूप में यह हमारी पब्लिक ड्यूटी भी है अगर उसको भली भांति कर ले तो नेशन बिल्डिंग अपने आप हो जाएगी यदि जो भी हमारी ड्यूटी है उसको हम पूरे मन से पूरे कर्तव्यनिष्ठा से और पूरी ईमानदारी से अंजाम दे। जब शासन का प्रत्येक लोकसेवक सुशासन देने के लिए कृत संकल्पित होगा और शासन के कार्य में दक्षता, गुणवत्ता, परिश्रम, सत्य निष्ठा, कर्तव्य परायणता व सेवा भावना जैसे गुण समाहित होंगे तब समस्त राजकीय योजनाएं धरातल पर क्रियान्वित हो पाएंगी और गांधी जी का रामराज्य का सपना साकार हो सकेगा और हर आंख से हर आंसू को दूर किया जा सकेगा।

गीत भी सुनाया:
21 अप्रैल को लोक सेवा दिवस पर जयपुर में भी प्रशासनिक अधिकारियों का एक समारोह हुआ। इस समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उपस्थित रहे। समारोह में सीएम की उपस्थिति में समित शर्मा ने छोड़ो कल की बातें… कल की बात पुरानी… नए दौर में लिखेंगे, हम सब मिलकर नहीं कहानी, हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी गीत भी मधुर आवाज में सुनाया। इस गीत का वीडियो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है। 
 
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