अग्निवीर बनने वाले युवाओं का हिंसा से कोई सरोकार नहीं। अग्निवीर बनने के इच्छु देशभक्त युवा 24 जून से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। 24 जुलाई से परीक्षा के बाद 21 नवंबर से सैन्य प्रशिक्षण शिविर शुरू। कांग्रेस अब आंदोलन जीवी पार्टी बन कर रह गई है।

भारत की तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने स्पष्ट कर दिया है कि सेना में भर्ती के लिए घोषित अग्निवीर योजना वापस नहीं होगी। योजना की शुरुआत 24 जून से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ हो जाएगी। 24 जुलाई से होने वाली आनलाइन परीक्षा में जो युवा उत्तीर्ण होंगे उन्हें 21 नवंबर 2022 से सैन्य प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन वे युवा अग्निवीर बनने के लिए रजिस्टे्रशन नहीं करवा सकेंगे जिन पर तोडफ़ोड़ ट्रेन व बसों को जलाने, निर्दोष लोगों के साथ मारपीट करने जैसे मुकदमे दर्ज हो गए हैं। कोई मुकदमा दर्ज नहीं है इसके लिए युवाओं को शपथ पत्र देना होगा। तीनों सेनाध्यक्षों की ओर से कहा गया कि भारतीय सेना में अनुशासनहीन युवाओं की कोई गुंजाइश नहीं है। देशभक्ति का जज्बा रखने वाले युवा ही अग्निवीर बनते हैं। पहली बात तो चार साल बाद कोई भी अग्निवीर बेरोजगार नहीं रहेगा। लेकिन फिर भी जो लोग अग्निवीरों के बेरोजगार होने का मुद्दा उठा रहे हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि सेना से प्रतिवर्ष 17 हजार 600 सैनिक स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेते हैं। क्या कभी इन सैनिकों ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया? असल में सेना में कार्य करने के बाद गैर सैन्य क्षेत्रों में रोजगार के ज्यादा अवसर मिलते हैं। यह माना जाता है कि सेना में कार्य कर चुका युवा न केवल अनुशासित होगा, बल्कि ईमानदारी से कार्य भी करेगा। अभी प्रतिवर्ष 45 हजार अग्नि वीरों की भर्ती की योजना है। आने वाले वर्षों में  90 हजार प्रतिवर्ष किया जाएगा। अग्निवीरों में से ही प्रतिवर्ष 25 प्रतिशत को सेना में तथा शेष को केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ साथ राज्य पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। अग्नि वीरों को जो सर्टिफिकेट मिलेगा उससे मर्चेंट नेवी में भी आसानी से नौकरी मिल जाएगी। सेना में अग्निवीर बनने वाले हर युवा को रोजगार मिलेगा। कुछ लोग बेवजह अग्निवीर योजना के बारे में भ्रम फैला रहे हैं। अग्निवीर योजना देश की एकता और अखंडता से जुड़ी है। सेना में अनुशासनहीनता कभी भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 
हिंसा से सरोकार नहीं:
देश के जो युवा अग्निवीर बनना चाहते हैं उनका मौजूदा ङ्क्षहसा से कोई सरोकार नहीं है। देश में सक्रिय राष्ट्र विरोधी ताकते ही अग्निवीर योजना का विरोध करवा रही है। इसमें कुछ युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। बहकावे में आकर जो युवा हिंसा कर रहे हैं उन्हें 24 जून को ही पता चल जाएगा कि असल अग्निवीर कौन हैं? 24 जून से जब अग्नि वीर बनने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा, तब युवाओं को रजिस्ट्रेशन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। अग्निवीर बनने के लिए लाखों युवा बेसब्री से 24 जून का इंतजार कर रहे हैं। तब उन युवाओं को पश्चाताप होगा, जिनके विरुद्ध पुलिस ने हिंसा करने के मुकदमे दर्ज कर लिए हैं। 
आंदोलन जीवी पार्टी:
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ कोई भी आंदोलन हो उसमें कांग्रेस पार्टी कूद पड़ती है। दिल्ली में जेएनयू के वामपंथी छात्रों का आंदोलन हो या फिर किसान आंदोलन। मौजूदा समय में अग्निवीर योजना के विरोध में चल रहे आंदोलन को भी कांग्रेस हवा दे रही है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस शासित राज्यों को छोड़कर कांग्रेस पार्टी किसी अन्य प्रदेश में अपने बूते पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की स्थिति में नहीं है। इसलिए अन्यों के आंदोलन में कूद पड़ती है। अग्निवीर योजना के विरोध में आंदोलन धीमा न हो इसके लिए 19 जून को दिल्ली में कांग्रेस की ओर से सत्याग्रह भी किया गया। यही वजह है कि अब कांग्रेस पार्टी की स्थिति आंदोलन जीवी पार्टी बन कर रह गई है। राजस्थान में सिर्फ अशोक गहलोत की वजह से कांग्रेस में सक्रियता नजर आती है। 20 जून को भारत बंद का राजस्थान में कोई असर नहीं देखा गया। लेकिन फिर भी जिला कलेक्टरों के माध्यम से आदेशों को लेकर कई आदेश निकलवाए गए। बंद के समर्थन में सरकारी प्रयासों के बाद भी कोई युवा सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं आया।  यहां तक कि कांग्रेस के अधिकांश कार्यकर्ता भी अपने घरों पर ही बैठे रहे। असल में पिछले दो वर्ष प्रदेश में कांग्रेस की जिला और ब्लॉक कमेटियां भंग पड़ी है। पार्टी में चल रही आंतरिक गुटबाजी के कारण कार्यकर्ता भी असंजस की स्थिति में है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2022)
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