आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को पुष्कर में राजनीति जाजम नहीं बिछाने देंगी प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष नसीम अख्तर। पुष्कर नगर पालिका के ईओ अभिषेक गहलोत का पहले नसीम के पति इंसाफ अली ने चश्मा उतारा और फिर कांग्रेसियों ने पालिका कर्मियों की पिटाई की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ विधानसभा का चुनाव अजमेर के पुष्कर से लड़ना चाहते हैं। इसके लिए राठौड़ पुष्कर में राजनीतिक जाजम बिछाने का प्रयास कर रहे हैं। आए दिन पुष्कर आकर सामाजिक, प्रशासनिक, धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। अखबारों में राठौड़ की बड़ी बड़ी खबरें भी प्रकाशित होती है, लेकिन राठौड़ की कांग्रेस पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नसीम अख्तर ही पुष्कर में राठौड़ की राजनीति जाजम बिछाने नहीं देंगी। श्रीमती अख्तर और उनके पति अजमेर जिला देहात कांग्रेस के उपाध्यक्ष इंसाफ अली पुष्कर पर अपना हक मानते हैं। श्रीमती अख्तर पुष्कर की विधायक भी रह चुकी हैं। 17 जून को कांग्रेस के पार्षदों और नगर पालिका के कार्मिकों के बीच जो कुछ भी हुआ, उससे जाहिर है कि नसीम अख्तर, धर्मेन्द्र राठौड़ को आसानी से राजनीतिक जाजम बिछाने नहीं देंगी। पालिका के ईओ अभिषेक गहलोत 17 जून को जब पुष्कर घाट स्थित होटल सनसेट और पुष्कर इन को सीज करने के लिए पहुंचे तो हंगामा खड़ा हो गया। ये दोनों होटल कांग्रेस पार्षद के रिश्तेदारों के हैं। होटलों को सीज की कार्यवाही से बचाने के लिए नसीम के पति इंसाफ अली मौके पर पहुंच गए। आपसी वाद विवाद के बाद इंसाफ अली ने ईओ गहलोत के आंखों पर लगे फैशनेबल चश्मे को छीन लिया। इसके बाद कांग्रेसियों ने पालिका कर्मियों की जमकर पिटाई की। एक दो थप्पड़ ईओ गहलोत के गाल पर भी मारे गए। जानकारों की माने तो ईओ गहलोत को धर्मेन्द्र राठौड़ का ही संरक्षण है। यह तीसरा अवसर है जब गहलोत पुष्कर नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी बने हैं। पिछले दिनों नसीम ने अथक प्रयास कर गहलोत को एपीओ करवा दिया था। लेकिन सरकार के इस आदेश के खिलाफ गहलोत हाईकोर्ट से स्टे ले आए। चूंकि राठौड़ का संरक्षण है, इसलिए गहलोत ने बड़ी शान से पालिका का ईओ का पद संभाल लिया। आमतौर पर सरकार के आदेश के विरुद्ध कोर्ट से स्टे लाने वाला अधिकारी आसानी से नौकरी नहीं कर पाता है। सरकार के पास अनेक तौर तरीके होते हैं, जिसके अंतर्गत सरकार विरोधी अधिकारी को सामान्य काम भी नहीं करने दिया जाता। लेकिन इसे अभिषेक गहलोत की दिलेरी ही कहा जाएगा कि कोर्ट के आदेश से पद संभालने के बाद कांग्रेस के पार्षदों के खिलाफ ही पहली कार्यवाही की। गहलोत का कहना है कि उच्चस्तरीय जांच में जयपुर घाट की होटलों के निर्माण को अवैध माना गया है। इसलिए सीज की कार्यवाही की जा रही है। चूंकि 17 जून को ईओ गहलोत और पालिका कर्मी मारपीट के शिकार हो गए इसलिए अब पालिका कर्मियों की ओर से पुष्कर थाने में नामजद रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी गई है। इधर कांग्रेस के पार्षद धरना प्रदर्शन कर रहे हैं तो उधर पालिका के सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। यानी पुष्कर का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हालांकि जिला कलेक्टर अंशदीप हालातों को संभालने में लगे हुए हैं। लेकिन उनके सामने भी सबसे बड़ी समस्या सत्तारूढ़ कांग्रेस के आपसी विवाद की ही है। प्रशासन भी इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रहा है। हालांकि राजस्थान में विधानसभा के चुनाव डेढ़ वर्ष होने हैं, लेकिन पुष्कर में कांग्रेस के नेताओं के बीच अभी से ही तलवारें खिंच गई। कांग्रेस की राजनीति में नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है। लेकिन श्रीमती अख्तर सीएम गहलोत के साथ भी नजर आती हैं। राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में दिल्ली में जो धरना प्रदर्शन हुआ उसमें सीएम गहलोत के साथ साथ नसीम अख्तर भी शामिल हुई। देखना होगा कि पुष्कर के ताजा राजनीतिक हालातों से धर्मेन्द्र राठौड़ कैसे मुकाबला करते हैं। यूं पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में राठौड़ के समर्थकों की भी कमी नहीं है। लेकिन नसीम के समर्थकों का रुख हमेशा आक्रमणकारी होता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (18-06-2022)
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