सनातन संस्कृति की रक्षार्थ अजमेर में सकल हिन्दू समाज का शांति मार्च 26 जून को। मार्च को सफल बनाने के लिए धार्मिक और सामाजिक संगठन सक्रिय। मार्च को शांति से निकालने के लिए पुलिस भी अलर्ट-एसपी विकास शर्मा।
सनातन संस्कृति की रक्षार्थ अजमेर में 26 जून को निकलने वाले सकल हिन्दू समाज के शांति मार्च की सभी तैयारियां सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ साथ प्रशासन ने भी कर ली है। शांति मार्च किसी एक संगठन के आव्हान पर नहीं हो रहा, बल्कि इसमें अजमेर के सभी सामाजिक एवं धार्मिक संगठन शामिल है। शांति मार्च में सक्रिय कार्यकर्ताओं का मानना है कि मौजूदा समय में कुछ लोग भारत की सनातन संस्कृति को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। यही वजह है कि हमारे देवी देवताओं के बारे में गलत बयानी की जा रही है। यह शांति मार्च किसी के विरोध में नहीं है, इस मार्च के माध्यम से शांति का संदेश दिया जाएगा। मार्च के दौरान कोई धार्मिक नारे भी नहीं लगेंगे और न ही लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होगा। अलबत्ता लोगों के हाथ में देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा होगा। यह मार्च 26 जून को प्रात: 9 बजे श्रीनगर रोड स्थित पुराने अजंता सिनेमा घर के सामने बने परशुराम मंदिर से शुरू होकर मार्टिंडल ब्रिज से बाटा तिराहे होते हुए केसरगंज पहुंचेगा। यहां से पड़ाव, कवंडसपुरा, मदार गेट, गांधी भवन, कचहरी रोड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचेगा। सकल हिन्दू समाज के प्रतिनिधि जब साधु संतों के साथ जिला कलेक्टर को ज्ञापन देंगे, तब कलेक्ट्रेट के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। लेकिन इस पाठ के लिए भी माइक का इस्तेमाल नहीं होगा। यानी लोग अपने स्थान पर खड़े होकर ही हनुमान चालीसा का पढ़ेंगे। कलेक्ट्रेट पर ही शांति मार्च का समापन हो जाएगा। शांति मार्च के आरंभ स्थल पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि दुपहिया वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं हो। परशुराम मंदिर से एक एक हजार की संख्या वाली वाहिनियां बनाई जाएगी। इन वाहिनियां पर सकल हिन्दू समाज के कार्यकर्ता नियुक्त होंगे जो अनुशासन बनाए रखने में मदद करेंगे। मार्च में शामिल लोगों के लिए मार्ग में जगह जगह पेयजल की व्यवस्था की गई है। मार्च को लेकर व्यापारी वर्ग भी सक्रिय है। व्यापारियों ने मार्च निकलने तक अपनी दुकान स्वेच्छा से बंद रखने का निर्णय लिया। व्यापारी अपनी दुकानें बंद रख कर शांति मार्च में भाग लेंगे। विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने अपने स्तर पर निर्णय लेकर शांति मार्च को सफल बनाने का संकल्प लिया है। सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अजमेर शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में भी संपर्क किया है। सकल हिन्दू समाज की एकता को मजबूत दिखाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से भी हजारों लोग शांति मार्च में शामिल होंगे। शांति मार्च के शुभारंभ स्थल पर वाहनों के खड़े करने की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। शांति मार्च के आगे प्रमुख धार्मिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों से जुड़े साधु संत और पदाधिकारी चलेंगे। साधु संतों के नेतृत्व में ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।
पुलिस भी अलर्ट:
जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि सकल हिन्दू समाज के शांति मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है। मार्च शांतिपूर्वक निकले, पुलिस की यह पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अजमेर सांप्रदायिक सौहार्द की नगरी है। यहां सभी धर्मों के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। फिर भी पुलिस ने शांति मार्च वाले मार्च पर पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। एसपी शर्मा ने उम्मीद जताई की मार्च के शांतिपूर्वक निकलवाने में सभी लोग सहयोग करेंगे। मार्च के मद्देनजर संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस को भी अलर्ट किया गया है, साथ ही रिजर्व पुलिस का भी अलर्ट मोड़ पर रखा है। वे स्वयं सभी व्यवस्थाओं पर निगरानी बनाए रखे हुए हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (25-06-2022)
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